
केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के विभिन्न नाकों पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर परेड निकाला. लेकिन ट्रैक्टर रैली के दौरान आंदोलनकारी किसानों और पुलिस में झड़प हो गई. बैरिकेड हटाने और इस परेड के दौरान निर्धारित रास्तों का पालन न करने पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया. प्रदर्शकारियों का एक गुट लालकिले के परिसर में दाखिल हो गया और अपना झंडा फहरा दिया. झड़प में 86 पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिनमें से 45 को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है. वहीं डीसीसी की 8 बसों 17 गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई है.
पूरे दिन सिंघु, टिकरी और रेवाड़ी सहित दिल्ली की कुछ अन्य सीमाओं पर तनाव देखने को मिला. किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में 83 पुलिसकर्मी घायल हो गए. दिल्ली पुलिस ने कहा कि हिंसा करने वालों पर एक्शन होगा, जबकि इस बीच, किसान संगठनों ने कहा कि उनका आंदोलन जारी रहेगा.
बता दें कि किसानों की ट्रैक्टर रैली में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी शामिल थे. इन्हीं में निहंग सिख भी शामिल थे, जो अपनी तलवारों और वेश-भूषा धारण कर दिल्ली की ओर कूच कर गए. मंगलवार को एक तस्वीर ऐसी भी सामने आई जहां एक ओर पुलिस के हाथ में लाठी थी, तो दूसरी ओर निहंग सिख तलवार के साथ खड़ा था.
कब शुरू हुआ बवाल?
असल में, दिल्ली पुलिस राजपथ पर आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद ही किसानों को निर्धारित रास्तों पर ट्रैक्टर परेड निकालने की इजाजत दी थी. मगर सुबह 11 बजे के करीब किसानों के सेंट्रल दिल्ली की ओर जाने की हठ के बाद अराजकता के हालात पैदा हो गए.
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर जब किसानों ने ट्रैक्टर रैली की शुरुआत की तो उनका स्वागत फूलों के साथ किया गया. लोग जगह-जगह फूल लेकर खड़े थे और किसानों का स्वागत कर रहे थे. जब हजारों की संख्या में किसान तय समय से पहले ही ट्रैक्टर लेकर दिल्ली की ओर कूच करने की कोशिश करने लगे तो कई मौकों पर दिल्ली पुलिस के साथ उनकी झड़प भी हो गई.
धरे रह गए पुलिस के इंतजाम
दिल्ली पुलिस की तरफ से दिल्ली के अलग-अलग स्थानों पर बैरिकेडिंग का इंतजाम किया गया था, ताकि किसान शहर में न आ सके. अक्षरधाम के पास भी कुछ ऐसा ही नजारा दिखा, जब इस पार जवान खड़े थे और उस पार किसान खड़े थे. किसानों को कुल तीन सीमाओं से एंट्री की इजाजत मिली थी, जो 12 बजे के बाद से होनी थी. मगर सिंघु बॉर्डर के पास से सैकड़ों की संख्या में किसान वक्त से पहले ही ट्रैक्टर निकालकर रवाना हो गए. किसानों की ट्रैक्टर रैली में अलग-अलग रंग दिखे. कोई अपने संगठनों के झंडे थामे हुए थे तो कोई तिरंगा लहरा रहा था.
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किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने काफी कोशिशें कीं. लेकिन किसानों ने जब बैरिकोड तोड़ आगे बढ़ने का फैसला लिया तो पुलिस की ओर से भी आंसू गैस के गोले दागे गए.
उधर, पुलिस ने शाहदरा में चिंतामणि चौक पर किसानों पर उस समय लाठीचार्ज किया, जब उन्होंने बैरिकेड्स लांघने और गाड़ियों के शीशे तोड़ने शुरू कर दिए. एक समाचार एजेंसी के मुताबिक पारंपरिक सिख योद्धा निहंग की भी अक्षरधाम मंदिर के पास सुरक्षा कर्मियों से झड़प हो गई. वहीं पश्चिमी दिल्ली के नांगलोई चौक और मुकरबा चौक पर किसानों ने सीमेंट के बैरिकेड्स तोड़ दिए और उन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े. जबकि राष्ट्रीय राजधानी में संसद से चंद किलोमीटर दूर ITO इलाके में भी प्रदर्शन कर रहे किसान पहुंच गए.
टैक्टरों का जमावड़ा
दिल्ली नाकों पर टैक्टरों का जमावड़ा दिखाई दिया, जिन पर झंडे लगे हुए थे जबकि तैनात सुरक्षाकर्मी किसानों को समझाने की कोशिश कर रहे थे कि वे राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड खत्म होने के बाद तय समय पर परेड निकालें. लेकिन इस बीच, ट्रैक्टर परेड के लिए निर्धारित रास्तों से हटकर प्रदर्शनकारी किसानों का एक गुट लालकिले में घुस गया और किले पर वहां निशान साहिब फहरा दिए जहां 15 अगस्त को तिरंगा फहराया जाता है. बताया जा रहा है कि आईटीओ से खदेड़े गए प्रदर्शनकारी किसानों का एक गुट ट्रैक्टर लेकर लालकिला पहुंच गया.
आंदोलित किसान आईटीओ पहुंच गए और सेंट्रल दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश की. इसके चलते प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े. किसान सेंट्रल दिल्ली की ओर बढ़ने पर अड़ थे और इसकी वजह से अफरातफरी मच गई.
इंटरनेट सेवा बंद
किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसक प्रदर्शन के दौरान दिल्ली के कई बॉर्डर को रात 12 बजे तक अस्थायी रूप से इंटरनेट की सेवाएं बंद कर दी गईं. सिंघु, गाजीपुर, टिकरी, मुकरबा और नांगलोई बॉर्डर पर गृह मंत्रालय ने इंटरनेट की सेवाएं बंद कर दीं.