
दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन टैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान नेता राकेश टिकैत निशाने पर हैं. भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत उन किसान नेताओं में हैं जिनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है. दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को उन्हें नोटिस भी भेजा और तीन दिन में जवाब मांगा है. इस बीच, राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित किया और दिल्ली हिंसा के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. राकेश टिकैत ने कहा कि प्रशासन ने किसानों को अपनी जाल में फंसाया. हिंसा से आंदोलन को तोड़ने की साजिश रची गई है.
राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार को इस आंदोलन को नहीं चलने देना है तो यहां से हमें गिरफ्तार करे. किसानों को दिल्ली के चक्रव्यूह में फंसाया गया. राकेश टिकैत ने कहा कि जिन्होंने उल्टे सीधे ट्रैक्टर घुमाए उनसे हमारा कोई संबंध नहीं है. राकेश टिकैत ने कहा कि हिंसा का शब्द हमारी डिक्शनरी में ना है और ना रहेगा. लाल किले में जो कुछ भी हुआ उससे आंदोलन को तोड़ने की साजिश रची गई.
किसानों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि प्रशासन अपनी चाल में कामयाब हो गया. जो जत्था लाल किले में पहुंचा था, उन्हें पुलिस बैरिकेडिंग पर नहीं रोका गया. अधिकारियों से बातचीत के बाद उन्हें जाने दिया गया. उनके धार्मिक भावनाओं को भड़काकर एक धार्मिक ध्वज फहराया गया. गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत ने कहा कि वह गिरफ्तारी देना चाहते थे, लेकिन बीजेपी के विधायकों ने हमारे लोगों के साथ मारपीट की है. हमारे लोगों को रास्ते में पीटने की प्लानिंग है. राकेश टिकैत ने कहा कि अब हम यहां से नहीं जाएंगे. यहीं बैठेंगे. मैं गोली खाने को तैयार हूं.
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राकेश टिकैत ने कहा कि लाल किले की प्राचीर पर जो गया उसकी तस्वीर किसके साथ है. राकेश टिकैत का इशारा यहां पर पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की ओर था, जिस पर हिंसा भड़काने का आरोप लग रहा है. राकेश टिकैत ने कहा कि यह वैचारिक लड़ाई है. वैचारिक क्रांति है. यह विचार से ही खत्म होगी, लाठी डंडे से नहीं. राकेश टिकैत ने कहा कि यहां भी तोड़फोड़ करने की चाल है. वे (पुलिस) लाठियां चलाएंगे फिर भी आप कुछ मत करना.
गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ाई गई
हिंसा के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. गुरुवार को यहां पर भारी पुलिसबल तैनात किया गया है. पैरामिलिट्री फोर्स, पीएसी की करीब दस कंपनियां तैनात हैं. गाजियाबाद पुलिस के भी बड़े अफसर यहां पर तैनात हैं. बता दें कि गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का धरना दो महीने से जारी है.