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14 दिन के लिए जेल भेजी गईं पूजा खेडकर की मां मनोरमा, बंदूक लहराकर किसान को धमकाने के केस में नहीं मिली कोर्ट से राहत

पूजा खेडकर की मां मनोरमा का बंदूक लेकर किसानों को धमकाने का वीडियो वायरल होने के बाद वह फरार हो गई थीं. वह रायगढ़ के महाड के एक होटल में नकली पहचान के साथ रह रही थीं. इसी होटल से पुणे पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था.

पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 8:44 AM IST

पुणे की अदालत ने विवादों में घिरी महाराष्ट्र की ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. अदालत ने जमीन विवाद से जुड़े एक आपराधिक मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर उन्हें हिरासत में भेज दिया. 

अभियोजक पक्ष का कहना है कि मनोरमा के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है और उन्हें सिर्फ सत्र अदालत से राहत मिल सकती है. मनोरमा की पुलिस कस्टडी सोमवार को समाप्त हो गई थी, जिसके बाद उन्हें जूडीशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास की कोर्ट के समक्ष पेश किया गया. यहां उन्हें अदालत ने 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

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मनोरमा के वकील ने उनकी जमानत के लिए याचिका दायर की थी. लेकिन अदालत ने कहा कि मनोरमा के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिस पर सत्र अदालत में ही सुनवाई हो सकती है. यह कहकर अदलात ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और जमानत याचिका खारिज कर दी. 

बता दें कि मनोरमा खेडकर को पिछले साल पुणे जिले में जमीन विवाद मामले में कुछ लोगों को बंदूक दिखाकर धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इस घटना का वीडियो इस महीने सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई है. 

रायगढ़ के होटल से गिरफ्तार हुई थीं मनोरमा खेडकर

पूजा खेडकर की मां मनोरमा का बंदूक लेकर किसानों को धमकाने का वीडियो वायरल होने के बाद वह फरार हो गई थीं. वह रायगढ़ के महाड के एक होटल में नकली पहचान के साथ रह रही थीं. इसी होटल से पुणे पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था.

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पिस्तौल लहराने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मनोरमा पर दबाव बढ़ गया था. कानूनी कार्यवाही की आशंका के बीच वह गायब हो गई थीं. पुलिस जब उनके आवास पर पहुंची तो वह वहां नहीं थी. वह लगातार पुलिस से छिप रही थीं. उनका फोन भी बंद था. ऐसे में वह किसी भी तरह से जांच में सहयोग नहीं कर रही थीं. पूजा के परिवार की तलाश में पुलिस सर्च ऑपरेशन चला रही थी.

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