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पश्चिम बंगाल: बशीरहाट से TMC सांसद हाजी नूरुल इस्लाम का निधन, लीवर कैंसर से थे पीड़ित

हाजी नूरुल इस्लाम पार्टी के गठन के तुरंत बाद जनवरी 1998 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए. वे 2003 से 2008 तक बहेरा ग्राम पंचायत समिति के सदस्य रहे और फिर 2008 में उत्तर 24 परगना जिला परिषद के सदस्य बने.

TMC सांसद हाजी नूरुल इस्लाम का निधन हो गया. TMC सांसद हाजी नूरुल इस्लाम का निधन हो गया.
सूर्याग्नि रॉय
  • कोलकाता,
  • 25 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:13 PM IST

पश्चिम बंगाल के बशीरहाट से तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद हाजी नूरुल इस्लाम का बुधवार को 61 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वे दिल्ली और कोलकाता के निजी अस्पतालों में लीवर कैंसर का इलाज करा रहे थे. बुधवार दोपहर अपने घर पर उनका निधन हो गया. उन्होंने बशीरहाट में भाजपा की रेखा पात्रा के खिलाफ चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.

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हाजी नूरुल इस्लाम पार्टी के गठन के तुरंत बाद जनवरी 1998 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए. वे 2003 से 2008 तक बहेरा ग्राम पंचायत समिति के सदस्य रहे और फिर 2008 में उत्तर 24 परगना जिला परिषद के सदस्य बने.

2009 में वे टीएमसी के टिकट पर बशीरहाट से सांसद चुने गए. हालांकि, 2014 में उनका निर्वाचन क्षेत्र बदलकर जंगीपुर कर दिया गया, जहां वे चुनाव हार गए 2016 में नूरुल इस्लाम उत्तर 24 परगना के हरोआ से विधायक चुने गए और 2021 के विधानसभा चुनाव में फिर से सीट जीती. उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में भी जीत हासिल की और अपनी बशीरहाट सीट को बड़े अंतर से एक बार फिर जीत लिया. 

ममता ने जताया दुख
हालांकि, हाल के महीनों में उनका स्वास्थ्य खराब हो गया और उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए अपने एक्स हैंडल पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं. 

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उन्होंने लिखा, 'मेरे सहयोगी और बशीरहाट के सांसद हाजी नूरुल इस्लाम के निधन से दुखी हूं. वह सुदूर सुंदरबन क्षेत्र के एक समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता थे और उन्होंने इस पिछड़े क्षेत्र में गरीबों के उत्थान के लिए बहुत प्रयास किए. बशीरहाट के लोग उनके नेतृत्व को याद करेंगे. उनके परिवार, दोस्तों और सहयोगियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं.

हाजी नूरुल इस्लाम का जन्म 11 नवंबर 1964 को बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में हुआ था. हाजी जरी का कारोबार करते थे. वह वर्ष 1998 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए. बहुत कम उम्र से ही हाजी का झुकाव राजनीति की ओर था.

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