
शेर का नाम 'अकबर' और शेरनी का 'सीता' रखने पर हाल ही में नया विवाद खड़ा हो गया था. अब इस मामले में त्रिपुरा सरकार ने एक वरिष्ठ वन अधिकारी आईपीएस प्रवीण लाल अग्रवाल को निलंबित कर दिया है. प्रवीण प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF) और मुख्य वन्यजीव वार्डन (CWLW) हैं और उन्होंने ने त्रिपुरा के चिड़ियाघर में शेर और शेरनी का नाम रखा था.बाद में इन्हीं शेर और शेरनी को त्रिपुरा के पश्चिम बंगाल ले जाया गया था.
त्रिपुरा सरकार के प्रवीण लाल अग्रवाल को निलंबित करने के आदेश में उन्हें निलंबन के दौरान अगरतला में रहने का निर्देश दिया है और उन्हें सक्षम प्राधिकारी से पूर्व अनुमति प्राप्त किए बिना अगरतला में अपना मुख्यालय नहीं छोड़ने के लिए कहा गया है.
सरकार ने ये फैसला विश्व हिंदू परिषद (VHP) की ओर से कलकत्ता उच्च न्यायालय में की गई एक शिकायत के बाद लिया है. वीएचपी की इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि ये नाम धार्मिक भावनाओं को आहत करते हैं.
आपको बता दें कि इन शेर और शेरनी को हाल ही में त्रिपुरा के सिपाहीजला चिड़ियाघर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी के बंगाल सफारी पार्क लाया गया था, जहां कुछ दिनों बाद नाम को लेकर विवाद हो गया और विश्व हिंदू परिषद ने विभाग के कदम का विरोध करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
2016 और 2018 में हुआ था शेरों का नामकरण
वीएचपी की इस याचिका पर हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार ने शेर और शेरनी के नाम बदलने का निर्देश दिया था. साथ ही राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि दोनों शेरों का नामकरण साल 2016 और 2018 में त्रिपुरा के एक चिड़ियाघर के अधिकारियों द्वारा किया गया था.
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