Advertisement

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के बाद कोलकाता-त्रिपुरा में वहां से आए मरीजों का इलाज बंद

बांग्लादेश में हिन्दू अल्ससंख्यकों पर लगातार हमले के बाद अब त्रिपुरा के अस्पताल ने भी वहां के नागरिकों का इलाज बंद करने की घोषणा की है. अस्पताल की तरफ से कहा गया है कि वहां हमारे देश के झंडे का अपमान किया जा रहा है, अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं इसलिए अब यहां बांग्लादेशियों का इलाज नहीं किया जाएगा. कोलकाता के एक अस्पताल ने भी ऐसा ही फैसला लिया है.

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हो रहे हैं हमले बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हो रहे हैं हमले
aajtak.in
  • अगरतला,
  • 30 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:06 PM IST

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों और भारतीय झंडे के प्रति अनादर को लेकर अगरतला और कोलकाता के दो अस्पतालों ने बांग्लादेशी नागरिकों के इलाज पर रोक लगाने का फैसला किया है.

शनिवार को अगरतला स्थित आईएलएस अस्पताल ने घोषणा की कि वो अब बांग्लादेशी मरीजों का इलाज नहीं करेगा. यह अस्पताल बांग्लादेशी मरीजों के लिए सुविधाजनक और किफायती होने के कारण काफी लोकप्रिय था. 

Advertisement

बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमले के बाद फैसला

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक आईएलएस अस्पताल के मुख्य परिचालन अधिकारी गौतम हजारिका ने कहा, 'हम बांग्लादेश के लोगों की मेडिकल सेवाएं निलंबित करने की मांग का पूरी तरह समर्थन करते हैं. हमारे चेक पोस्ट और अस्पतालों में सहायता केंद्र आज से बंद कर दिए गए हैं.'

इससे पहले, शुक्रवार को कोलकाता के जेएन रे अस्पताल ने भी इसी तरह का निर्णय लिया था. इन अस्पतालों ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार और भारतीय ध्वज का अपमान किए जाने का हवाला दिया था.

कोलकाता के अस्पताल ने भी बंद किया बांग्लादेशियों का इलाज

अगरतला अस्पताल के बाहर प्रदर्शन कर रहे एक समूह ने बांग्लादेशी नागरिकों की सेवाएं बंद करने की मांग की थी. प्रदर्शनकारियों ने कहा, 'भारतीय झंडे का अनादर और अल्पसंख्यकों पर हमले अस्वीकार्य हैं. बांग्लादेश में कट्टरपंथी हमारे राष्ट्रीय ध्वज के प्रति अनादर करना सिखा रहे हैं.'

Advertisement

जेएन रे अस्पताल के अधिकारी शुभ्रांशु भक्त ने कहा, 'हमने बांग्लादेशी मरीजों का इलाज बंद करने का निर्णय लिया है, भारत ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता में अहम भूमिका निभाई है, लेकिन फिर भी हमें वहां से भारत विरोधी भावनाओं का सामना करना पड़ रहा है.'

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement