Advertisement

टक्कर मारकर भागे तो 10 साल की जेल, जुर्माना भी... हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रक-बस चालकों की स्ट्राइक

देशभर में ट्रक, डंपर और बस चालक इस समय हड़ताल पर हैं. चालकों का विरोध केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ है, जिसमें 10 साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान है. इसके खिलाफ देशभर में चक्काजाम की स्थिति बन गई है.

Truck drivers strike Truck drivers strike
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:50 PM IST

केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रक, डंपर और बस चालक सड़कों पर उतर आए हैं. सब्जी, पेट्रोल-डीजल जैसी बुनियादी चीजों की सप्लाई करने वाली ट्रांसपोर्ट सेवाएं भी ठप पड़ती जा रही हैं. देश के अलग-अलग शहरों में लोग परेशान हो रहे हैं.

पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने वाले लोग घंटों तक बस स्टॉप पर बसों का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहन नहीं मिल रहा है. पेट्रोल-डीजल की सप्लाई भी बाधित होने के कारण कई पेट्रोल पंपों में ईंधन खत्म होने की बात सामने आ रही है, जिसके बाद पेट्रोल पंप और गैस स्टेशन पर ईंधन भरवाने वाले वाहनों की कतारें लग रही हैं.

Advertisement

क्यों हड़ताल पर हैं ट्रक-बस चालक

दरअसल, केंद्र सरकार ने हिट एंड रन को लेकर नए कानून बनाए हैं, जिसके तहत अगर कोई ट्रक या डंपर चालक किसी को कुचलकर भागता है तो उसे 10 साल की जेल होगी. इसके अलावा जुर्माना भी देना होगा. पहले इस मामले में कुछ ही दिनों में आरोपी ड्राइवर को जमानत मिल जाती थी और वो पुलिस थाने से ही बाहर आ जाता था. हालांकि, इस कानून के तहत भी दो साल की सजा का प्रावधान था. लेकिन नया कानून लागू होने के बाद दोषी को अब दस साल जेल में रहना होगा. हालांकि, घायल को अस्पताल पहुंचाने पर कुछ रियायत का प्रावधान है. ट्रक और डंपर चालक इस कानून का ही विरोध कर रहे हैं.

पहले और अब के कानून में क्या बदलाव

अब तक हादसा होने पर ड्राइवरों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 279 यानी लापरवाही से वाहन चलाने, 304ए यानी लापरवाही से मौत और 338 यानी जान जोखिम में डालने के तहत केस दर्ज किया जाता रहा है, लेकिन नए कानून में मौके से फरार होने वाले ड्राइवर के खिलाफ 104(2) के तहत केस दर्ज होगा. पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित ना करने पर उसे 10 साल की कैद के साथ जुर्माना भी देना होगा.

Advertisement

महाराष्ट्र में हिंसक हुआ विरोध-प्रदर्शन

महाराष्ट्र में कुछ जगहों पर आंदोलन हिंसक हो गया. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने गुजरने वाले वाहनों पर पथराव किया और पुलिस के साथ झड़प की. नवी मुंबई के नेरुल में सुबह ट्रक चालकों के एक समूह ने एक पुलिसकर्मी पर हमला कर दिया, जिससे एक पुलिसकर्मी घायल हो गया. इसके बाद पुलिस को मुंबई-बेंगलुरु राजमार्ग पर जमा भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा.

ट्रक चालकों ने ठाणे जिले के मीरा भयंदर इलाके में मुंबई-अहमदाबाद राजमार्ग पर यातायात अवरुद्ध करने की कोशिश की और पुलिस कर्मियों पर पथराव किया, जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया. पथराव में पुलिस का एक वाहन क्षतिग्रस्त हो गया. वहीं, सोलापुर, कोल्हापुर, नागपुर और गोंदिया जिलों में भी सड़क नाकाबंदी विरोध प्रदर्शन किया गया. इस बीच उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले में टैंकर चालकों ने सोमवार को काम बंद कर दिया और ईंधन डिपो वाले पैनेवाडी गांव में 1 हजार से ज्यादा वाहन खड़े कर दिए.

नंदगांव तालुका के पनेवाड़ी गांव में भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल के ईंधन डिपो और एलपीजी फिलिंग स्टेशन हैं, और इन डिपो से ईंधन राज्य के कई हिस्सों में पहुंचाया जाता है. मराठवाड़ा क्षेत्र के छत्रपति संभाजीनगर शहर में पेट्रोल पंप डीलरों के एक संघ ने कहा कि अगर स्थिति सामान्य नहीं हुई तो जिले में ईंधन पंप बंद हो सकते हैं.

Advertisement

मध्य प्रदेश: पेट्रोल पंप तक नहीं पहुंचा ईंधन

मध्य प्रदेश के इंदौर में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल का असर पेट्रोल पंप पर भी पड़ा. यहां पेट्रोल पंप पर गाड़ियों की लंबी लंबी लाइनें लग गईं. ट्रक ड्राइवरों की ये हड़ताल तीन दिन तक चल सकती है. जिसकी वजह से ईंधन पेट्रोल पंप तक नहीं पहुंच पाएगा. वहीं, देवास जिले में बस और ट्रक ड्राइवर्स का गुस्सा दिखाई दिया. उन्होंने शहर में 2-3 जगहों पर रास्ते बंद करने के प्रयास किए. पन्ना जिले में बस और ट्रक ड्राइवरों ने नेशनल हाईवे-39 पर चक्काजाम किया. उन्होंने 'काला कानून वापस लो' के नारे भी लगाए.

राजस्थान: कलेक्ट्रेट पहुंचे ट्रक ड्राइवर

हिट एंड रन कानून के खिलाफ राजस्थान में भी प्रदर्शन देखने को मिला. हनुमानगढ़ जिले में भी ट्रक और बस ड्राइवर सड़कों पर उतर आए. उन्होंने हाईवे जामकर इस कानून का विरोध जताया. इसके बाद ड्राइवर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां उन्होंने सरकार और प्रशासन को कड़ी चेतावनी भी दी.

दिल्ली: हड़ताल को लेकर एकराय नहीं संगठन

हालांकि हड़ताल में अब तक बड़े ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन शामिल नहीं हुए हैं. इस मुद्दे को लेकर 1:30 बजे देश के अलग-अलग हिस्सों से ट्रांसपोर्ट संगठन के लोग ऑनलाइन बैठक करेंगे. इसके बाद दिल्ली चेम्सफोर्ड क्लब में 3:30 बजे प्रेस कांफ्रेंस करके फैसले की जानकारी दी जाएगी. फिलहाल हड़ताल को लेकर के सभी संगठनों में एकराय नहीं है. ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट संगठन ने फिलहाल हड़ताल से किनारा किया है. हालांकि, यह संगठन भी बैठक में शामिल होगा.

Advertisement

क्यों अभी हड़ताल नहीं चाहता ये संगठन?

ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने औपचारिक चिट्ठी जारी कर परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों से अपील की है कि वे धैर्य से काम लें. चिट्ठी में उन्होंने ट्रांसपोर्टर्स से कहा है कि देश में दो महान पर्व होने वाले हैं, जिसमें गणतंत्र दिवस और राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा शामिल है.

बातचीत से नहीं निकल सका हल तो...

चिट्ठी में आगे कहा गया है कि स्वतंत्रता दिवस और राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा, दोनों ही पर्व पर दुनिया भर के सभी देशों और उनके नागरिकों की पैनी नजर बनी हुई है. ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का कहना है कि कुछ ताकतें चाहती हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की बदनामी हो जाए. अगर शीर्ष नेतृत्व को जनवरी महीने में बातचीत से कोई सफलता नहीं मिलती है तो एक बार सभी लोग मिलकर आगे की रणनीति पर विचार करेंगे, जिससे हमारा व्यापार और किसी भी प्रकार के नुकसान से बचा जा सके.

(इनपुट: दिल्ली से आशुतोष मिश्रा, नोएडा से भूपेंद्र चौधरी, मुंबई से मुस्तफा शेख, नवी मुंबई से देव कोटक, इंदौर से धर्मेंद्र शर्मा, पन्ना से दिलीप सिंह, देवास से शकील खान और हनुमानगढ़ से गुलाम नबी)

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement