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नए हिट एंड रन कानून से ट्रक ड्राइवर्स क्यों ख़फ़ा हैं?

नए हिट एंड रन कानून से ट्रक ड्राइवर्स को क्या परेशानी आ रही है, लोकसभा चुनावों में साउथ के राज्यों को कैसे साध रही है BJP और TMC में ओल्ड गार्ड और यंग ब्रिगेड के बीच क्या बहस चल रही है, सुनिए 'दिन भर' में.

चेतना काला
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  • 02 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:48 PM IST

देश भर में हिट एण्ड रन कानून के विरोध में ट्रक और डंपर चालको ने चक्का जाम कर दिया है. आपको याद होगा की संसद के विंटर सेशन में सरकार तीन क्रिमिनल बिल्स लेकर आई थी. दोनों सदनों से पास होने के बाद बिल्स को राष्ट्रपति की मंज़ूरी भी मिल गई थी. नए कानून के तहत अगर कोई ट्रक या डंपर चालक किसी को कुचलकर भागता है तो उसे 10 साल की जेल होगी. इसके अलावा 7 लाख रुपये का जुर्माना भी देना होगा. नए कानून को लेकर ट्रक और बम्पर चालक खासे नाराज़ हैं. दिल्ली से एमपी, राजस्थान तक विरोध प्रदर्शन, हड़ताल का मंज़र है. इसके कारण सड़के जाम हैं, पेट्रोल पंप गाड़ियों से खचाखच भर गए हैं, आम नागरिको को महंगाई की चिंता सता रही है. मध्यप्रदेश में ये मामला हाईकोर्ट तक पहुँच गया. जिस पर एमपी हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को हड़ताल खत्म करवाने क निर्देश दिए. ग्राउन्ड पर क्या सूरत - ए - हाल था, सुनिए 'दिन भर' में. 

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दक्षिण भारत भाजपा के लिए हरदम कठिन रहा है. चुनावी रेस में बीजेपी यहां पिछड़ती नजर आती है. लोकसभा चुनाव नजदीक है, इस नाते बीजेपी साउथ में भी खूब जोर लगाना चाहती है. प्रधानमंत्री मोदी आज सुबह दो दिन के साउथ इंडिया के दौरे पर तम‍िलनाडु के तिरुचिरापल्ली पहुंचे. इसे बीजेपी के साउथ मिशन की तरह देखा जा रहा है. पीएम मोदी तिरुचिरापल्ली में भारतीदासन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए. इसके साथ उन्होंने तिरुचिरापल्ली एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का भी उद्घाटन किया. आज पीएम के दौरे में क्या प्रमुख हुआ, उनके भाषण का लब्बोलुआब क्या रहा, सुनिए 'दिन भर' में. 

किसी पॉलिटिकल पार्टी में कलह होना, विरोध होना, दो अलग - अलग विचारों की भिड़ंत होना, कोई नई बात नहीं है. लेकिन ये बात अहम हो जाती जब देश में लोकसभा चुनाव कुछ ही महीने दूर हो. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल काँग्रेस में कुछ खटपट होने की खबरे हैं. 27 साल पुरानी पार्टी में काफी वक्त से सीनियर बनाम नई पीढ़ी का विवाद चल रहा था. ओल्ड गार्ड यानि सीनियर नेता चाहते हैं कि यंग लीडर्स उनके अनुभव को तवज्जों दे. जबकि युवा कार्यकर्ताओं की मांग है कि उन्हें आगे किया जाए. अब मसला सिर्फ कार्यकर्ताओं के बीच होता तो सुलझाने में कुछ आसानी भी होती. लेकिन इस बहस के एक तरफ खड़ी हैं TMC सुप्रीमो ममता बैनर्जी और दूसरी तरफ हैं पार्टी के महासचिव और ममता के भतीजे अभिषेक बैनर्जी. कल पार्टी के फाउंडेशन डे सेलिब्रेशन के बाद दोनों नेता आपस मिले और लगभग दो घंटे तक बातचीत चली. इस बैठक में क्या मंथन हुआ. इस पर तो बात करेंगे ही लेकिन सबसे पहले समझते हैं कि TMC में  ओल्ड गार्ड VS यंग ब्रिगेड की बहस कहां से शुरु हुई, सुनिए 'दिन भर' में. 

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