
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए महाराष्ट्र में राज्य सरकार ने कई नए प्रतिबंधों की घोषणा की है. ऐसें में ट्रांसपोर्टरों को रोज़ाना करोड़ों रुपये के नुकसान की आशंका है और उन्होंने राज्य सरकार से राहतकारी कदम उठाने की मांग की है.
रोज़ाना 315 करोड़ के नुकसान का अंदेशा
पीटीआई की खबर के मुताबिक ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की कोर कमेटी के सदस्य बी. मलकीत सिंह ने एक बयान में कहा कि रात में कर्फ्यू और राज्य में एंट्री को लेकर रोक से आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही में देरी हो सकती है. कई मामलों में ई-वे बिल की मियाद भी खत्म होने की संभावना है, जिसके चलते उन्हें भारी जुर्माना देना होगा. इन सबसे ट्रांसपोर्ट सेक्टर को रोज़ाना 315 करोड़ रुपये के नुकसान का अंदेशा है.
2020 के नुकसान से ही नहीं उबरे हैं ट्रांसपोर्टर
सिंह ने कहा कि ट्रांसपोर्ट सेक्टर अभी 2020 के लॉकडाउन से हुए नुकसान से ही नहीं उबर पाए हैं. अब नए प्रतिबंध उनके लिए एक और सेटबैक है. नए प्रतिबंधों से ट्रकों की मांग में 50% तक कमी आने की आशंका है, क्योंकि अनिवार्य वस्तुओं को छोड़कर अन्य दुकानें बंद रहेंगी, वहीं वीकेन्ड पर पूरी तरह से लॉकडाउन होगा. इन सबसे होने वाला नुकसान अंतत: ट्रक चालकों और ट्रांसपोर्टरों को और परेशान करेगा जो पहले से वित्तीय संकट झेल रहे हैं.
कर, बीमा, सैलरी, का करना होगा प्रबंध
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस का कहना है कि ट्रांसपोर्टरों को कर, बीमा की किश्त, ट्रकों की ईएमआई, ड्राइवरों और कर्मचारियों की सैलरी, प्रतिष्ठान के खर्चे इत्यादि का प्रबंध करना होगा. इसे लेकर उन्होंने राज्य सरकार से राज्य के कर, परमिट और फिटनेस शुल्क, खाली खड़े ट्रकों के लिए पार्किंग फीस से छूट इत्यादि को लेकर राहत देने की मांग की है.
ईएमआई को टालने के लिए आगे आए केंद्र सरकार,RBI
ट्रांसपोर्टरों ने जहां राज्य सरकार से विभिन्न राहत की मांग की है. वहीं केन्द्र सरकार और RBI से आगे आकर ई-वे बिल की मियाद खत्म होने, ईएमआई के भुगतान में देरी, प्राथमिकता के आधार पर ट्रक ड्राइवर और अन्य का वैक्सीनेशन कराने को लेकर राहत देने की मांग भी रखी है.
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