
अमेरिका की इंटेलिजेंस चीफ तुलसी गबार्ड ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमलों पर गंभीर चिंता जाहिर की है. उन्होंने इसपर जोर देते हुए कहा कि "कट्टरपंथियों का आतंकवाद" एक ऐसा खतरा है जिसने न सिर्फ भारत और अमेरिका को प्रभावित किया है, बल्कि कई मिडिल ईस्ट देशों को भी प्रभावित किया है. गबार्ड ने नई दिल्ली में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात के दौरान यह बात कही.
विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में, गबार्ड ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस खतरे का मिलकर मुकाबला करने के लिए काम कर रहे हैं. तुलसी गबार्ड के मुताबिक, "राष्ट्रपति ट्रंप अपने पहले प्रशासन से ही इस तरह के आतंकवाद के खतरे को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं और यह उनके वर्तमान प्रशासन की भी प्राथमिकता है."
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भारत के अलावा बांग्लादेश, सीरिया, इजरायल सभी आतंकवाद से परेशान
अमेरिकी इंटेलिजेंस चीफ गबार्ड ने बताया कि आतंकवाद ने अमेरिका और भारत के अलावा बांग्लादेश, सीरिया, इजरायल और कई मिडिल ईस्ट देशों को प्रभावित किया है. तुलसी गबार्ड ने कहा, "यह एक ऐसा खतरा है जिसे प्रधानमंत्री मोदी भी गंभीरता से लेते हैं और हमारे दोनों देश इसके निदान के लिए साथ मिलकर काम करेंगे."
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भारत पर पाकिस्तान की तरफ से होने वाले हमलों पर क्या बोलीं तुलसा गबार्ड?
मीडिया ने जब उनसे यह पूछा कि ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान से हो रहे भारत पर हमलों को कैसे देखता है, तो गबार्ड ने कट्टरपंथियों के आतंकवाद के खतरे की तरफ इशारा किया. गबार्ड ने बताया कि आतंकवाद के इस खतरे को समाप्त करने के लिए अमेरिका और भारत एक साथ मिलकर रणनीति बना रहे हैं. पीएम मोदी और ट्रंप के इस सहयोग से न सिर्फ दोनों देशों में, बल्कि वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से निजात पाकर सुरक्षित माहौल तैयार करने में मदद मिलेगी.