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जेल में दोस्ती, प्यार फिर शादी... अनोखी है इस कपल की लव स्टोरी

पश्चिम बंगाल से एक अनोखी लव स्टोरी सामने आई है. इस कपल की मुलाकात जेल में हुई थी. इसके बाद दोस्ती हुई जो देखते ही देखते प्यार में बदल गई. फिर दोनों ने शादी करने का फैसला किया. दोनों हत्या के एक मामले में सजा काट रहे हैं. बीते दिनों दोनों ने शादी की है. इसके लिए 5 दिन की पैरोल मिली थी.

अब्दुल हासिम और शहानारा खातून को जेल में हुआ था प्यार. अब्दुल हासिम और शहानारा खातून को जेल में हुआ था प्यार.
aajtak.in
  • पूर्व बर्धमान,
  • 15 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 5:42 PM IST

पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्धमान जिले से एक अनोखी लव स्टोरी सामने आई है. इसकी काफी चर्चा हो रही है. वजह ये है कि इस कपल की मुलाकात जेल (सेंट्रल करेक्शनल होम) में हुई थी. दोनों हत्या के एक मामले में सजा काट रहे हैं. महिला का नाम शहानारा खातून और उसके प्रेमी का नाम अब्दुल हासिम है. दोनों को शादी के लिए 5 दिन की पैरोल मिली है.

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दरअसल, शहानारा खातून और अब्दुल हासिम अलग-अलग मामलों में हत्या के मामले में जेल में बंद थे. इसी दौरान दोनों की मुलाकात हुई. इसके बाद दोस्ती हुई जो देखते ही देखते प्यार में बदल गई. फिर दोनों ने शादी करने का फैसला किया. 

8 साल से जेल में बंद है अब्दुल

अब्दुल असम के दोरांग जिले के दलगांव थाना क्षेत्र के रंगंगारोपाथर गांव का रहने वाला है. वो 8 साल से जेल में बंद है. अभी दो साल उसे और सजा काटनी है. इसके बाद रिहा हो जाएगा. वहीं, शहानारा खातून बीरभूम जिले के नानूर थाने के उचकरन-बलीगड़ी की रहने वाली है. उसे हत्या के मामले में 6 साल की सजा सुनाई गई थी. 

तीन साल पहले हुई थी मुलाकात

दोनों ने कहा कि सेंट्रल करेक्शनल होम में तीन साल पहले एक-दूसरे से पहली बार मिले थे. इसके बाद दोस्ती हो गई, जो कि देखते ही देखते प्यार में बदल गई. इसके बाद शादी करने का फैसला किया और दोनों परिवार के इस पर सहमत भी हो गए.

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'सजा काटने के बाद इस तरह रहेंगे दोनों'

इसके बाद उन्होंने मानवाधिकार संगठनों से संपर्क किया. हासिम के पिता अब्दुल सत्तार ने भी संगठन से इस बारे में चर्चा की और 16 जून को राज्य के जेल मंत्री से शादी की अनुमति देने के लिए संपर्क किया. आवेदन स्वीकृत होते ही शादी की तैयारियां शुरू की गईं.

इसके बाद दोनों ने कुसुमग्राम मोंटेश्वर में कानूनी तौर पर शादी कर ली. शादी कराने की जिम्मेदारी मानवाधिकार संगठन पश्चिम बंगाल गणतांत्रिक अधिकार रक्षा समिति की थी. नवविवाहित दंपती सजा काटने के बाद सामान्य जीवन जीना चाहते हैं.

रिपोर्ट- सुजाता मेहरा की रिपोर्ट

 

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