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Omicron संक्रमित पहला शख्स वाया दुबई पहुंचा भारत, दूसरे की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं, दोनों को वैक्सीन की लग चुकीं हैं डबल डोज

66 साल के जो बुजुर्ग ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित पाए गए हैं वो साउथ अफ्रीका से दुबई होते हुए भारत लौटे हैं और 20 नवंबर को एयरपोर्ट से उनका सैंपल लिया गया था. वो कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 9:08 PM IST
  • कर्नाटक में ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित पाए गए दो लोग
  • एक ने की है दक्षिण अफ्रीका की यात्रा, दूसरा स्वास्थ्यकर्मी

देश में कोरोना के नए Omicron वैरिएंट ने दस्तक दे दी है और कर्नाटक में इससे दो लोग संक्रमित पाए गए हैं. इनमें से एक 66 साल के बुजुर्ग हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से लौटे हैं जबकि दूसरा शख्स एक स्वास्थ्यकर्मी है. अब बेंगलुरु महानगर पालिका ने दोनों संक्रमित मरीजों की पूरी जानकारी दी है.

66 साल के जो बुजुर्ग ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित पाए गए हैं वो साउथ अफ्रीका से दुबई होते हुए भारत लौटे हैं और 20 नवंबर को एयरपोर्ट से उनका सैंपल लिया गया था. वो कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं.

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बेंगलुरु महानगर पालिका की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने निगेटिव रिपोर्ट के साथ साउथ अफ्रीका से भारत की यात्रा की थी. भारत लौटने के बाद जब उन्होंने होटल में चेक इन किया तो वहां उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई.

इसके बाद 22 नवंबर को फिर से उनका कोविड सैंपल लिया गया और उसे जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया. हालांकि इस दौरान उस बुजुर्ग ने निजी लैब में फिर से कोरोना की जांच कराई जहां उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी.

इसके बाद 27 नवंबर को उन्होंने रात के 12 बजकर 34 मिनट पर होटल से चेकआउट किया और दुबई जाने के लिए कैब लेकर वो एयरपोर्ट पहुंच थे. उनके संपर्क में आने वाले सभी 240 लोगों को सैंपल लेकर उसकी जांच की गई लेकिन सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई थी.

वहीं ओमिक्रॉन से पॉजिटिव हुए 46 साल के दूसरे मरीज की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है. बेंगलुरु महानगरपालिका की रिपोर्ट के मुताबिक उस शख्स को 21 नवंबर को फीवर और बदन में दर्द होने लगा जिसके बाद उसने अस्पताल जाकर अपना आरटीपीसीआर टेस्ट कराया. टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद 22 नवंबर को वो कोरोना पॉजिटिव पाया गया. उसके सैंपल को भी जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेज दिया गया है. 

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इसके बाद 22 नवंबर से लेकर 24 नवंबर तक वो मरीज होम आइसोलेशन में रहा जिसके बाद उसे 25 नवंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया. तीन दिनों के इलाज के बाद उसे 27 नवंबर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी.

रिपोर्ट के मुताबकि 22 नबंवर से 25 नवंबर तक उसके संपर्क में आने वाले कुल पांच लोग भी पॉजिटिव पाए गए जिन्हें अब आइसोलेशन में रखा गया है. उसके संपर्क में आए कुल 218 लोगों पर भी नजर रखी जा रही है.

गुजरात के जामनगर में भी दक्षिण अफ्रीका से लौटे एक शख्स को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. उसके सैंपल को जांच के लिए पुणे भेजा गया है.

अब तक 29 देशों में मिल चुके हैं ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीज

बता दें कि अब तक 29 देशों में ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित मरीजों की पहचान हो चुकी है और WHO ने इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न की कैटेगरी में रखा है. सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में इस वैरिएंट से संक्रमित मरीज की पहचान की गई थी.

वहीं देश में कोरोना की मौजूदा स्थिति को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने जानकारी दी है कि देश में बीते एक महीने से कोरोना के नए मामलों में कमी आ रही है. उन्होंने कहा, अब सिर्फ दो राज्यों महाराष्ट्र और केरल में 10 हजार से ज्यादा एक्टिव केस हैं जोकि देश के कुल संक्रमित मामलों का 55 फीसदी है. 

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देश में 49 फीसदी आबादी को लगी है वैक्सीन की दोनों डोज: स्वास्थ्य मंत्रालय

लव अग्रवाल ने बताया कि देश में करीब 49 फीसदी आबादी को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग जाने के बाद से ही कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी देखी गई है.

WHO ने भी दी है चेतावनी

कोरोना के इस नए वैरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी चेतावनी दी है. WHO ने कहा है कि टीकीकरण की धीमी रफ्तार और कोरोना टेस्टिंग में सुस्ती की वजह से नया वैरिएंट ताकतवर बन रहा है.

ओमिक्रॉन के मौजूदा खतरे को देखते हुए  WHO की तरफ से कहा गया है कि किसी को भी कुछ नया करने की जरूरत नहीं है. कोरोना के कुछ हथियार पहले से ही मौजूद हैं, सिर्फ सही समय पर सही तरीके से उनका इस्तेमाल होना जरूरी है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

वहीं ओमिक्रॉन वैरिएंट की गंभीरता को लेकर डॉ नरेश त्रेहान ने बताया कि कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित एक व्यक्ति 18 से 20 लोगों को कोरोना पॉजिटिव कर सकता है. डॉक्टर त्रेहान ने इसके पीछे का कारण बताया कि ओमिक्रॉन का R नॉट वैल्यू अन्य वैरिएंट की तुलना में कहीं ज्यादा है.

डॉक्टर त्रेहान ने लोगों को कोरोना के इस वैरिएंट से सुरक्षित रहने की सलाह देते हुए कहा कि हमारे पास वैक्सीनेशन के अलावा कोई विकल्प नहीं है क्योंकि इससे न्यूनतम सुरक्षा बनी रहेगी.

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उन्होंने ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर बताया कि इसके बारे में जानने और रोकने के लिए इस पर अधिक से अधिक डेटा की आवश्यकता है.

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