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टैक्सी से बेंगलुरु जाने की जिद, कमरे में खून के धब्बे और CCTV फुटेज... कातिल मां की करतूत की Inside Story

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एथिक्स एक्सपर्ट, डेटा साइंटिस्ट और स्टार्टअप कंपनी माइंडफुल एआई लैब की फाउंडर और सीईओ 39 साल की सूचना सेठ ने होटल में रुकने से लेकर वहां से लौटने तक क्या किया. कैसे पुलिस को संदेह हुआ और पुलिस के फोन करने पर सूचना सेठ ने कैसे गुमराह किया और फिर कैसे वह पुलिस के हत्थे चढ़ी. यह पूरी कहानी आपको हिलाकर रख देगी.

 सूचना सेठ को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. सूचना सेठ को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 6:56 PM IST

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एथिक्स एक्सपर्ट, डेटा साइंटिस्ट और स्टार्टअप कंपनी माइंडफुल एआई लैब की फाउंडर और सीईओ 39 साल की सूचना सेठ अपने चार साल के बेटे के साथ 6 जनवरी को बेंगलुरू से गोवा के लिए उड़ान भरती है. गोवा एयरपोर्ट पर उतने के बाद वो वहां से सीधे कैंडोलिम इलाके के मौजूद सोल बनयान ग्रैंड होटल में चेक इन करती है.

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होटल की बुकिंग सूचना ने पहले से ही करा रखी थी. रिसेप्शन पर बाकायदा वो अपना आईडी कार्ड भी देती है. इसके बाद 6, 7 और 8 जनवरी को सूचना अपने बेटे के साथ गोवा के अलग-अलग इलाकों में घूमने जाती है. अब तक सब कुछ ठीक था.

मगर, फिर तभी 8 जनवरी की रात करीब दस बजे सूचना होटल के रिसेप्शन पर फोन कर बेंगलुरु के लिए एक कैब बुक कराने को कहती है. होटल के ट्रैवल डेस्क को सूचना की ये बात बड़ी अजीब लगती है. ट्रैवल डेस्क पर मौजूद शख्स सूचना को मशवरा देता है कि कैब से बेंगलुरु जाने की बजाय फ्लाइट से जाना कहीं ज्यादा सस्ता पड़ेगा और वक्त भी बचेगा. 

मगर, सूचना कैब से ही बेंगलुरु जाने की बात दोहराते हुए उसे उसके लिए उसी वक्त एक कैब बुक करने को कहती हैं. साथ ही ये भी कहती है कि पैसे की चिंता न करें. जो भी किराया होगा, वो दे देंगी. नैट अब रात 8 जनवरी से 9 जनवरी में दाखिल हो चुकी थी.

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8 और 9 जनवरी की दरमियानी रात के करीब 1 बजे थे. एक इनोवा कार होटल पहुंच चुकी थी. सूचना रिसेप्शन पर पहुंच कर बिल चुकाती हैं और चेकआउट कर लेती है. चेकआउट करने के बाद एक बैग लिए अब वो होटल से बाहर निकलती है और बाहर खड़ी इनोवा कार में बैठ जाती है. 

कार अब गोवा से बेंगलुरु के लिए रवाना हो चुकी थी. मगर, सूचना के जाने में एक अजीब बात थी. होटल वो अपने चार साल के बेटे के साथ आई थी, लेकिन चेकआउट के बाद जब वो होटल छोड़ रही थी, तब उसके पास सिर्फ एक बैग था... बेटा नहीं!!

सूचना के कमरे में दिखीं खून की बूंदें, पुलिस को अनहोनी की आशंका  

गोवा से बेंगलुरु तक की दूरी 550 किलोमीटर से भी ज्यादा की है. सड़क के रास्ते इस सफर को पूरा करने में लगभग 10 घंटे लगते हैं. उधर, सूचना कार से बेंगलुरु की तरफ बढ़ रही थी. इधर, गोवा में नई सुबह ने दस्तक दे दी थी. होटल के स्टाफ ने तमाम कमरों के साथ-साथ सूचना के कमरे की भी सफाई करनी शुरू कर दी.

तभी एक स्टाफ की नजर सूचना के कमरे में मौजूद खून के कुछ बूंदों पर पड़ी. खून देखते ही वो घबरा गया.उसने फौरन होटल मैनेजर को इसकी खबर दी. मैनेजर ने फौरन कलिंगुट पुलिस स्टेशन को इसकी जानकारी दी. तब घड़ी में सुबह के 8 बजे थे.

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सूचना मिलते ही पुलिस फौरन होटल के उस कमरे में पहुंचती है, जहां सूचना ठहरी थी. खून के निशान देख कर उसे अंदाजा हो जाता है कि इस कमरे में कुछ अनहोनी हुई थी. अब पुलिस कमरे में ठहरे गेस्ट के बारे में पूछताछ करती है. तब पता चलता है कि ये कमरा रात एक बजे बेंगलुरु से सूचना सेठ नाम की एक महिला ने खाली किया था.

पुलिस ने खंगाले सीसीटीवी फुटेज, बेटा जाते हुए नहीं दिखा साथ   

गोवा पुलिस अब सूचना के बारे में होटल स्टाफ से पूरी जानकारी मांगती है. न सिर्फ जानकारी मांगती है बल्कि होटल के सीसीटीवी फुटेज को भी खंगालती है. तभी पुलिस को सूचना के चार साल के अपने बच्चे के साथ बेंगलुरु से गोवा आने और रात 1 बजे कैब से बेंगलुरु वापस जाने के बारे में पता चलता है. 

पुलिस भी फ्लाइट की बजाय कैब से बेंगलुरु जाने के सूचना के फैसले को जानकर हैरान रह जाती है. मगर, उससे भी ज्यादा हैरानी पुलिस को तब होती है, जब होटल के स्टाफ और सीसीटीवी कैमरे से ये पता चलता है कि महिला आई तो एक बच्चे के साथ थी, लेकिन लौटी अकेली.

अब सवाल ये था कि चार साल का वो बच्चा कहां गया? सवाल ये भी था कि कमरे में मौजूद खून के वो निशान किसके हैं? पुलिस ने फौरन अपना दिमाग लगाया और होटल के ट्रैवल डेस्क से उस ट्रैवल एजेंसी का नंबर लिया, जिसने सूचना के लिए इनोवा कार भेजी थी. अब कार के ड्राइवर का नंबर गोवा पुलिस के पास था.

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पुलिस ने फोन किया, तो बताया रिश्तेदार के यहां ठहरा है बेटा  

गोवा पुलिस ने कार ड्राइवर को फोन मिलाया. फोन मिलाते ही उससे कहा कि वो कार में बैठी मैडम से उसकी बात कराए. मैडम यानी सूचना के लाइन पर आते ही पुलिस ने उससे पूछा कि क्या आपका बेटा कहां है? वो आपके साथ वापस क्यों नहीं गया? 

सूचना ने बेखौफ जवाब दिया कि वो गोवा में ही एक रिश्तेदार के पास है. कुछ दिन बाद लौटेगा. उसने बाकायदा गोवा के अपने उस रिश्तेदार का पता भी पुलिस को दे दिया. गोवा पुलिस को लगा कि शायद वो गलत शक कर रही है. फिर भी पुलिस ने सूचना के दिए पते पर पुलिस की एक टीम भेजी.

मगर, पूरा इलाका छान मारने के बावजूद पुलिस की टीम को वो पता नहीं मिला, जो सूचना ने दिया था. यानी सूचना का दिया पता फर्जी निकला. अब गोवा पुलिस को लगा कि मामला गड़बड़ है. लिहाजा, तुरंत पुलिस ने दोबारा उस कैब ड्राइवर को फोन किया, जिसमें सूचना बैठी थी.

पुलिस ने ड्राइवर से कहा, नजदीकी पुलिस थाने ले जाओ कैब  

पुलिस ने धीमे से ड्राइवर से कहा कि जैसे ही तुम्हें अपने करीब कोई पुलिस स्टेशन दिखाई दे, फौरन गाड़ी को वहीं ले जाना. इसके बाद वापस फोन करना. तब कैब बेंगलुरु से 200 किलोमीटर पहले कर्नाटक के ही चित्रदुर्ग इलाके से गुजर रही थी. इस दौरान ड्राइवर की नजर चित्रदुर्ग में ही मौजूद आईमंगला पुलिस स्टेशन पर पड़ी.

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उसने फौरन गाड़ी को पुलिस स्टेशन में घुसा दिया. इससे पहले कि सूचना कुछ समझ पाती, ड्राइवर ने गोवा पुलिस की बात आईमंगला पुलिस स्टेशन में मौजूद पुलिसकर्मियों को बताई और फोन मिलाकर गोवा पुलिस से उनकी बात करा दी.

बड़े बैग में कपड़ों के नीचे छिपा रखी थी अपने बच्चे की लाश 

गोवा पुलिस ने आईमंगला पुलिस को सारी बात बताते हुए सूचना और उसके सामान की तलाशी लेने की रिक्वेस्ट की. इसके बाद कर्नाटक पुलिस इनोवा कार में रखे उस बड़े बैग की तलाशी लेती है. जब बैग खोला जाता है, तो ऊपर रखे कपड़े के नीचे एक बच्चे की लाश मिलती है. सूचना को फौरन हिरासत में ले लिया जाता है और गोवा पुलिस को इसकी खबर दे दी जाती है. इसके बाद गोवा पुलिस की एक टीम आईमंगला पुलिस स्टेशन के लिए रवाना हो जाती है.

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