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UCC ड्राफ्टिंग कमेटी ने पूरा किया काम, जल्द ही उत्तराखंड में इसे करेंगे लागू- पुष्कर सिंह धामी

उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कहा कि, 30 जून को समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने हेतु बनाई गई समिति ने अपना कार्य पूरा कर लिया है. वहीं, विशेषज्ञ समिति की चेयर पर्सन सुप्रीम कोर्ट से रिटायर जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई ने बताया कि रिपोर्ट पूरी तरह से तैयार है. अब उसकी छपाई चल रही है.

उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी (फाइल फोटो) उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी (फाइल फोटो)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 30 जून 2023,
  • अपडेटेड 7:51 PM IST

उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में पहला राज्य बनने की ओर एक और कदम बढ़ा रहा है. संभावना है कि अगले हफ्ते विशेषज्ञ समिति अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप देगी. विशेषज्ञ समिति की चेयर पर्सन सुप्रीम कोर्ट से रिटायर जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई ने बताया कि रिपोर्ट पूरी तरह से तैयार है. अब उसकी छपाई चल रही है. 

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सीएम धामी ने किया ट्वीट
वहीं, इस मामले को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट किया कि, 'प्रदेशवासियों से किए गए वादे के अनुरूप आज 30 जून को समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने हेतु बनाई गई समिति ने अपना कार्य पूरा कर लिया है. जल्द ही देवभूमि उत्तराखण्ड में #UniformCivilCode लागू किया जाएगा.
जय हिन्द, जय उत्तराखण्ड !'

ऐसे बना UCC का ड्राफ्ट
पिछले दो साल से विशेषज्ञ समिति की 63 मीटिंग हुई. जबकि आम लोगों तक पहुंचकर बातचीत कर आंकड़े जुटाने के लिए बनाई गई उप समिति ने 143 से ज्यादा मीटिंग की. चार जुलाई 2022 को पहली बैठक हुई थी. सब कमेटी ने राज्य के सुगम और दुर्गम सभी हिस्सों में लोगों से संपर्क कर अपनी रिपोर्ट दी. जस्टिस देसाई ने कहा कि ucc पर कमेटी का ड्राफ्ट तैयार है जल्दी ही उसे प्रकाशित किया जाएगा.

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दिल्ली-एनसीआर में बसे पहाड़ी लोगों से भी की गई बातचीत
एक्सपर्ट कमेटी के सदस्य और उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न ने बताया कि कमेटी ने UCC को लेकर जनता का विचार जानने को सब कमेटी बनाई. सब कमेटी ने सबसे पहले सीमांत क्षेत्रों और दुर्गम इलाकों में लोगों से मिलकर विचार जाने. सबसे आखिर में दिल्ली-एनसीआर में बसे उत्तराखंड मूल के लोगों से बैठक कर उनके विचार जाने गए. 

20 हजार से ज्यादा लोगों से लिए गए विचार
व्यक्तिगत मामलों को नियमित करने वाले कानूनों का भी अध्ययन किया गया है. रिपोर्ट का प्रकाशन होने के बाद उसे राज्य सरकार को सौंप दिया जाएगा. कमेटी के पास दो लाख 31 हजार से ज्यादा लोगों ने लिखित विचार जताए हैं. इसके लिए 20 हजार से ज्यादा लोगों से विचार लिए गए हैं. राज्य के आदिवासी समूहों और समाज से भी बात की है. हमें बहुत ज्यादा सपोर्ट मिला है. कुछ विरोध भी हुआ. हमने सबका अपनी रिपोर्ट में समावेश किया है. मुस्लिम देशों में प्रचलित स्थापित कानूनों का भी अध्ययन विशेषज्ञ समिति ने किया है. लैंगिक समानता, दिव्यांग और अन्य सभी तबकों को इसमें समावेशित किया है.

हम अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे विधि आयोग को नहींः जस्टिस देसाई
जस्टिस देसाई ने कहा कि हमने सभी तबकों और वर्गों मसलन lgbtq के अलावा आदिवासी, महिलाएं, दिव्यांग सबकी चर्चा की है. विशेषज्ञ डॉक्टर्स, जेनेटिक एक्सपर्ट्स, परंपराओं और रीतियों मसलन विवाह की उम्र कम उम्र में संतान उत्पत्ति जैसे कई संवेदनशील मुद्दों को भी चर्चा और रिपोर्ट में ही शामिल किया है.

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