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'हमेशा सनातन का विरोध करूंगा', उदयनिधि स्टालिन ने फिर किया अपने बयान का बचाव, कहा- कुछ भी गलत नहीं बोला

मद्रास हाई कोर्ट के न्यायाधीश जी जयचंद्रन ने टिप्पणी करते हुए कहा, 'सत्ता में बैठे व्यक्ति को जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए और उन विचारों को प्रचारित करने से खुद को रोकना चाहिए, जो विचारधारा, जाति और धर्म के नाम पर लोगों को बांटने का काम करते हैं.

उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर अपनी विवादित टिप्पणियों का बचाव किया है और उन्हें सही ठहराया है. उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर अपनी विवादित टिप्पणियों का बचाव किया है और उन्हें सही ठहराया है.
प्रमोद माधव
  • चेन्नई,
  • 06 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 7:31 PM IST

तमिलनाडु के मंत्री और डीएमके (द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम) नेता उदयनिधि स्टालिन (DMK Leader Udhayanidhi Stalin) ने सोमवार को 'सनातन धर्म' पर अपने रुख का बचाव किया. इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय ने 'सनातन धर्म' को लेकर उदयनिधि और पीके शेखर बाबू की टिप्पणियों पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए पुलिस की आलोचना की. हाई कोर्ट ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को 'विभाजनकारी विचारों को बढ़ावा देने' या किसी 'विचारधारा को खत्म करने' का अधिकार नहीं है. उदयनिधि स्टालिन ने कुछ महीने पहले 'सनातन धर्म' की तुलना 'डेंगू' और 'मलेरिया' से की थी.

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उन्होंने ताजा बयान में अपनी टिप्पणियों का बचाव किया और कहा, 'मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा है. मैं अपने बयान के संबंध में कानूनी परिणाम भुगतने के लिए तैयार हूं. मैंने जो कहा वह सही था और मैं इसका कानूनी तौर पर सामना करूंगा. मैं अपना बयान नहीं बदलूंगा. मैंने अपनी विचारधारा की बात कही है. मैंने अंबेडकर, पेरियार या थिरुमावलवन ने जो कहा था, उससे अधिक नहीं बोला है. मैं विधायक, मंत्री या यूथ विंग का सचिव हो सकता हूं और कल शायद इनमें से कुछ भी नहीं रह सकता हूं. लेकिन इंसान होना ज्यादा महत्वपूर्ण है.'

नशा व ड्रग्स के उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित करें: हाई कोर्ट

मद्रास हाई कोर्ट के न्यायाधीश जी जयचंद्रन ने टिप्पणी करते हुए कहा, 'सत्ता में बैठे व्यक्ति को जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए और उन विचारों को प्रचारित करने से खुद को रोकना चाहिए, जो विचारधारा, जाति और धर्म के नाम पर लोगों को बांटने का काम करते हैं. इसके बजाय, वे नशीले पेय पदार्थों और ड्रग्स की समस्या के उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, जो स्वास्थ्य जोखिमों, भ्रष्टाचार, अस्पृश्यता और अन्य सामाजिक बुराइयों को जन्म देते हैं.

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'सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ'

मद्रास हाई कोर्ट की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए डीएमके नेता ने कहा, 'हम कई वर्षों से सनातन के बारे में बोल रहे हैं जबकि नीट छह साल पुराना मुद्दा है. सनातन कई सौ साल पुराना मुद्दा है, हम इसका हमेशा विरोध करेंगे.' गत सितंबर में, उदयनिधि स्टालिन ने एक कार्यक्रम के दौरान 'सनातन धर्म' के उन्मूलन का आह्वान किया था. उन्होंने इसे 'सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ' बताया था. बता दें कि उदयनिधि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके चीफ एमके स्टालिन के बेटे हैं.

'सनातन का विरोध नहीं, उसे जड़ से खत्म करना होगा'

उदयनिधि स्टालिन ने कहा था, 'कुछ चीजों का सिर्फ विरोध नहीं होना चाहिए, बल्कि उन्हें जड़ से खत्म किया जाना चाहिए. हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना वायरस का विरोध नहीं कर सकते. हमें इसे खत्म करना होगा. इसी तरह हमें सनातन को खत्म करना है.' सनातन धर्म को लेकर उदयनिधि की टिप्पणियों पर पूरे देश में बड़ा बवाल मचा था. भाजपा ने उनके बयान की तीखी आलोचना की थी. भगवा पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने उदयनिधि स्टालिन के बयान की तुलना 'यहूदियों के बारे में हिटलर के विचारों' से की थी.

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