
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने सनातन धर्म को लेकर जो विवादित टिप्पणी की थी, उस पर समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. एसटी हसन की प्रतिक्रिया आई है. सपा सांसद ने कहा है कि सनातन धर्म में करोड़ों लोगों की आस्था है. किसी भी धर्म के बारे में टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.
मुरादाबाद सांसद ने कहा, "सनातन धर्म में करोड़ों लोगो की आस्थाएं हैं. लोगों की जीवन पद्धति है, हम समझते है की किसी भी धर्म के बारे में टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. लोगों की तिलासदारी नहीं होनी चाहिए."
उन्होंने कहा कि सभी लोगों को अपने-अपने धर्म का पालन करना चाहिए. हसन ने कहा कि सभी धर्मों ने इंसानियत का सबक सिखाया है. हम समझते हैं कि ये गलत है और हमारे देश में ऐसा नहीं होना चाहिए.
इंडिया नाम हटाने पर क्या कहा?
वहीं इंडिया की जगह राष्ट्रपति के निमंत्रण पर भारत लिखने पर कहा कि विपक्षी दलों के गठबंधन से इतनी घबराहट क्यों है. अगर 10 साल में कुछ करते तो इतनी परेशानी नहीं होती. इंडिया नाम हटाकर भारत की बेइज्जती की जा रही है. यह बहुत ही छोटे स्तर की राजनीति है.
उदयनिधि और प्रियंक खड़गे के खिलाफ केस दर्ज
सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी मामले में उदयनिधि स्टालिन और खड़गे के बेटे प्रियंक खड़गे के खिलाफ रामपुर में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. एडवोकेट हर्ष गुप्ता और राम सिंह लोधी ने रामपुर कोतवाली में धार्मिक भावनाएं आहत होने की शिकायत दर्ज कराई है.
उदयनिधि स्टालिन ने क्या कहा था?
उदयनिधि ने अपने बयान में सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की है. उन्होंने कहा है कि सनातन का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए. बल्कि, इसे समाप्त ही कर देना चाहिए. सनातन उन्मूलन सम्मेलन में दिए बयान में कहा, 'सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है. कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए. हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते. हमें इसे मिटाना है. इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है.