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9 राज्यों में छापेमारी, 600 संदिग्ध हिरासत में... उमेश पाल हत्याकांड के महीनेभर बाद भी पुलिस के हाथ खाली

उमेश पाल हत्याकांड की जांच के लिए बनी एसटीएफ एक महीने के अंदर 9 राज्यों में छापेमारी कर चुकी है. 4000 से ऊपर मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाए जा चुके हैं. अब तक पुलिस बिहार, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, छत्तीसगढ़, झारखंड और पंजाब में दबिश दे चुकी है. उत्तर प्रदेश में एसटीएफ की टीम भी प्रयागराज, आगरा, बुलंदशहर, हरदोई, लखनऊ और मऊ में छापेमारी कर चुकी है.

उमेश पाल हत्याकांड उमेश पाल हत्याकांड
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 25 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 6:53 AM IST

प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड को एक महीना बीत चुका है. ठीक एक महीने पहले 24 फरवरी को उमेश पाल की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हमले में उनके दो गनर- संदीप निषाद और राघवेंद्र सिंह की भी मौत हो गई थी. 

उमेश पाल 19 साल पहले हुए राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह थे. 25 जनवरी 2005 को राजू पाल की हत्या हो गई थी. इस हत्याकांड में अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ का नाम सामने आया था. राजू पाल बहुजन समाज पार्टी के विधायक थे. 

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बहरहाल, उमेश पाल हत्याकांड के एक महीने बीत जाने के बावजूद पुलिस के हाथ खाली ही हैं. जांच में पुलिस की दर्जनों टीम लगी हुई है, एसटीएफ की टीम भी है. कई राज्यों में छापेमारी और सैकड़ों संदिग्धों को हिरासत में लेने के बावजूद पुलिस कुछ खास हासिल नहीं कर पाई है.  

600 संदिग्ध हिरासत में

उमेश पाल हत्याकांड की जांच के लिए बनी एसटीएफ एक महीने के अंदर 9 राज्यों में छापेमारी कर चुकी है. 4 हजार से ऊपर मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाए जा चुके हैं. 

अब तक पुलिस बिहार, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, छत्तीसगढ़, झारखंड और पंजाब में दबिश दे चुकी है. उत्तर प्रदेश में एसटीएफ की टीम भी प्रयागराज, आगरा, बुलंदशहर, हरदोई, लखनऊ और मऊ में छापेमारी कर चुकी है.

इसके साथ-साथ नेपाल में भी तीन दिन तक एसटीएफ डेरा जमाए रही. अलग-अलग राज्यों से 600 से ज्यादा संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई. 

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इतना ही नहीं, एसटीएफ एडीजी, एक एसएसपी, तीन एएसपी, चार डिप्टी एसपी और इंस्पेक्टर समेत 16 टीमें लगी हुई हैं, एसटीएफ भी है मगर इस हत्याकांड में अब तक कुछ हासिल नहीं हो पाया है.

एक महीने में क्या-क्या हुआ?

- 24 फरवरीः उमेश पाल की हत्या हुई. मौके पर प्रयागराज ADG सहित आलाधिकारी पहुंचे.

- 25 फरवरीः एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश और एसएसपी भी प्रयागराज पहुंचे. 4 डिप्टी एसपी भी प्रयागराज गए. 

- 26 फरवरीः पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई. सीसीटीवी के आधार पर एसटीएफ ने पूजा पाल से भी पूछताछ की.

- 27 परवरीः पुलिस ने आरोपी अरबाज का एनकाउंटर किया.

- 6 मार्चः पुलिस ने उमेश पाल पर पहली गोली चलाने वाले विजय चौधरी उर्फ उस्मान को एनकाउंटर में ढेर कर दिया. 

- 8 मार्चः एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अन्नत देव को प्रयागराज की कमान दी गई.

- 11 मार्चः एक टीम उत्तर प्रदेश से बाहर 9 राज्यों में छापेमारी के लिए पहुंची.

- 12 मार्चः एसटीएफ के डिप्टी एसपी के नेतृत्व में एक टीम बिहार पहुंची. बिहार में कई शूटरों पर छापेमारी हुई लेकिन नतीजा जीरो रहा.

- 13 मार्चः एक टीम बंगाल पहुंची. बंगाल पुलिस से सहयोग भी मांगा लेकिन वहां भी मदद नहीं मिली. लखनऊ में बंगाल नंबर की गाड़ी फ्लैट से बरामद हुई, जिसके आधार पर पुलिस बंगाल पहुंची.

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- 14 मार्चः देश के बाहर सीनियर एसटीएफ और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम नेपाल गई. नेपाल में कई जगह छापेमारी हुई लेकिन हाथ कुछ नहीं लगा.

- 15 मार्चः पुलिस की टीमें गुजरात, छतीसगढ़, राजस्थान और पंजाब पहुंची, जहां संदिग्धों को हिरासत में लेने की कवायद जारी रही.

आरोपी अब तक पकड़ से दूर

उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने अतीक अहमद, उनकी पत्नी शाइस्ता परवीन, अतीक के भाई अशरफ, अतीक के दो बेटों और करीबी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम समेत नौ के खिलाफ केस दर्ज करवाया था.

इस मामले में अब तक सभी आरोपी गिरफ्तार नहीं हो सके हैं. हत्याकांड में शामिल अतीक अहमद के बेटे असद, खास गुर्गे अरमान, गुलाम, गुड्डू और साबिर को पुलिस लगातार तलाश रही है. इन पांचों आरोपियों पर इनाम की राशि ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख भी कर दी गई है. लेकिन अपराधी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.

इस हत्याकांड को एक महीने बीत जाने के बाद भी अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और बेटे असद समेत पांच आरोपी पकड़ में नहीं आ सके हैं.

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