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'हमें सभी मुद्दों के फायदे और नुकसान देखने की जरूरत...', किसानों से बैठक पर बोले कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि, हमने तीसरे दौर की बातचीत की और हमारी बातचीत जारी है, बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई, हमें सभी मुद्दों के फायदे और नुकसान को देखने की जरूरत है और हमें उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए ताकि हमें भविष्य में कठिनाइयों का सामना न करना पड़े. हमने रविवार को फिर से मिलने का फैसला किया है.

केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा (File Photo/PTI) केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा (File Photo/PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:37 PM IST

किसानों से मुलाकात पर केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि भारत सरकार अन्नदाताओं के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है, वे हमारे परिवार का हिस्सा हैं. मैंने हमेशा कहा है कि हमें सभी के कल्याण के लिए काम करना है और देश के हित में भी काम करना है. हमें शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत जारी रखने की जरूरत है.'

क्या बोले कृषि मंत्री
हमने तीसरे दौर की बातचीत की और हमारी बातचीत जारी है, बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई, हमें सभी मुद्दों के फायदे और नुकसान को देखने की जरूरत है और हमें उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए ताकि हमें भविष्य में कठिनाइयों का सामना न करना पड़े. हमने रविवार को फिर से मिलने का फैसला किया है, देखते हैं कि इससे क्या निकलता है, सरकार सकारात्मक है कि हम किसी समाधान पर पहुंचें, साथ ही किसान यूनियन को मुद्दों के सभी फायदे और नुकसान को ध्यान में रखना चाहिए और इसे शांतिपूर्ण तरीके से हल करने का प्रयास करना चाहिए.

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संयुक्त किसान मोर्चा ने क्या कहा
संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यह बंद लोगों की आजीविका के मुद्दों को राष्ट्रीय एजेंडे में वापस लाने में सफल रहा है. साथ ही इससे मजदूर-किसान एकता और मजबूत हुई है. किसान संगठन एसकेएम ने एमएसपी, ऋण माफी, सहित कई मुद्दे पर नीतियों में बदलाव तक आंदोलन तेज करने की बात कही है. अब 18 फरवरी को एसकेएम की पंजाब इकाई की बैठक, और उसके बाद राजधानी दिल्ली में एनसीसी और जीबी की बैठक होगी.

बंद को बताया सफल
किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने 16 फरवरी के भारत बंद को सफल करार दिया है. किसान संगठन ने दावा किया कि यह औद्योगिक/क्षेत्रीय हड़ताल देशभर के किसानों, श्रमिकों और ग्रामीणों के सामूहिक गुस्से को दर्शाता है. SKM ने केंद्र सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच चल रही बातचीत पर भी तंज कसा. संगठन ने कहा कि केंद्र सरकार शंभू बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों के पास 'गुप्त वार्ता' के लिए मंत्रियों को भेज रही है, साथ ही दावा किया कि एमएसपी पर जो समिति बनाई गई थी, उसके सदस्यों ने खुले तौर पर एमएसपी देने का विरोध किया है.

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