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अतीक हत्याकांड, कॉलेजियम विवाद और सेम सेक्स मैरिज... क्या बोले कानून मंत्री? किरेन रिजिजू से 'सीधी बात'

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने आजतक के प्रोग्राम सीधी बात मे सुप्रीम कोर्ट से लेकर कॉलेजियम के मुद्दे पर खुलकर बात की. उन्होंने यूपी में माफियाओं पर कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की. रिजिजू ने कहा कि कानून का डर होना अच्छी बात है.

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू. केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 6:47 AM IST

Seedhi Baat with Kiren Rijiju: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने आजतक के खास कार्यक्रम सीधी बात में सुधीर चौधरी के सवालों के जवाब दिए. इस बातचीत में रिजिजू ने हाल के कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की. रिजिजू ने यूपी में अतीक अहमद हत्याकांड, सुप्रीम कोर्ट, कॉलेजियम विवाद और सेम सेक्स मैरिज के मसले पर अपनी बात रखी. रिजिजू ने कहा कि हम संविधान के दायरे में रहकर काम करते हैं. लॉ मिनिस्टर की अथॉरिटी के दायरे में काम करते हैं. गैर संवैधानिक कोई काम नहीं करते हैं. जजों से मनमुटाव की खबरों पर कहा- जब मैं मंत्री बना तो जजों की नियुक्ति को लेकर हमने कुछ नहीं कहा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच की तरफ से लगातार टिप्पणी आती रहीं. उससे ऐसा लगा कि सरकार नियुक्तियों संबंधी फाइल रोक कर रखे हैं. ये मीडिया में विवाद बन गया. तब मैंने साबरमती संवाद कार्यक्रम में पहली बार बोला.

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मैंने कहा कि संविधान में जजों की नियुक्ति सरकार ही करती है. राष्ट्रपति की मंजूरी रहती है. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने बदलाव किया और कॉलेजियम के जरिए नियुक्तियां की जाने लगीं. लोगों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए. हालांकि, मेरी बात कई लोगों को अच्छी नहीं लगी. और बढ़ा-चढ़ाकर बातें की जानें लगीं. हम संविधान के दायरे में रहकर अपनी बात कर रहे हैं.

'कुछ लोग लॉबी में रहकर काम करते हैं'

ज्यूडिशरी में लॉबी के सवाल पर रिजिजू ने कहा कि इंडियन ज्यूडिशरी सबसे ताकतवर है. स्वतंत्र भी है. लेकिन, लोकतंत्र में ज्यूडिशरी को मिसयूज करने की कोशिश करते हैं. कुछ लोग इस लॉबी में रहकर काम करते रहते हैं. उन्होंने लेफ्ट विंग की तरफ इशारा किया. उन्होंने कहा- उनका अस्तित्व अब खतरे में है. हालांकि, लोकतंत्र और मजबूत हुआ है. ज्यूडिशरी को कोई कम नहीं आंक सकता है. ज्यूडिशरी पर कोई दबाव नहीं है, ना कोई खतरा है. ये बात खुद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने आज तक के कार्यक्रम में कही है. 

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'मैं ज्यूडिशरी के वर्क में हस्तक्षेप नहीं करता'

उन्होंने कहा कि लॉ मिनिस्टर सरकार और ज्यूडिशरी के बीच में एक पुल की तरह काम करते हैं. मैं ज्यूडिशरी वर्क में हस्तक्षेप नहीं करता हूं. लेकिन, प्रशासन के कार्यों में अपनी बात पूरी जोरदार तरीके से रखता आया हूं. उन्होंने कहा कि पूर्व के सीजेआई के साथ मेरे अच्छे संबंध रहे हैं. वर्तमान सीजेआई भी बहुत अच्छे इंसान हैं.

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'कानून का डर तो होना ही चाहिए'

यूपी में माफिया अतीक अहमद हत्याकांड, एक्स्ट्रा ज्यूडिशरी किलिंग के सवाल पर कहा कि पुलिस का कोई भी एक्शन, कानूनी दायरे में होना चाहिए. कोई अपराधी अगर अटैक करता है तो पुलिस को डिफेंस में कार्रवाई करनी पड़ती है. अगर पुलिस कमजोर हो जाएगा तो लोग कहेंगे कि लॉ एंड ऑर्डर को कौन संभालेगा. कानून का डर तो होना चाहिए. कानून के बिना समाज और सिस्टम भी नहीं चलेगा. माफिया और अपराधियों को लेकर सवाल पर कहा कि यूपी में यही चल रहा था. अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग बाहुबलियों का कब्जा था. वहां योगीजी ने जो काम किया, उसकी हर जगह तारीफ हो रही है. एनकाउंटर बहुत मजबूरी में होता है, उसको रोक नहीं सकता है. अगर गलत एनकाउंटर होता है तो कोर्ट बैठी है.

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'पुलिस कार्रवाई को छवि चमकाने से नहीं जोड़ना चाहिए'

उन्होंने कहा कि आज यूपी में जो हाल बदला और कानून का राज है, उसमें राज्य सरकार छाप जरूर दिखाई देती है. यूपी में एनकांउटर और बुलडोजर के जरिए माफियाओं पर नकेल कसे जाने के सवाल पर रिजिजू ने कहा कि वोट बैंक और अपनी छवि को चमकाने से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. इसे राजनीतिक लाभ से भी नहीं जोड़ना चाहिए. अच्छे कामों को राजनीति से जोड़कर ना देखा जाए. 

'कानून मंत्री बनने से पहले नहीं था कोर्ट से संबंध'

रिजिजू ने कहा कि एलएलबी की डिग्री जरूर है, लेकिन ना पहले कोर्ट देखा था, ना प्रैक्टिस की थी. कोर्ट से सीधा संबंध मेरा कानून मंत्री बनने के बाद हुए है. जब मैंने एलएलबी पास की तब मैंने सोचा कि जो सोशल काम में ज्यादा जरूरत नहीं पड़ी तो प्रैक्टिस करूंगा. लेकिन, सोशल कामों में बिजी बना रहा, इसलिए प्रैक्टिस नहीं कर पाया. जनता से चुनाव लड़ने की आवाज आई. मैंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से राजनीति में उतरा.

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10 प्रतिशत जज बीजेपी विरोधी सोच वाले...

रिजिजू ने कहा कि 90 प्रतिशत जजों को हमारा काम पसंद है. वे हमें सरल और सहज तरीके से काम करने वाला बताते हैं. 10 प्रतिशत वो लोग हैं, चाहे वो जज रहे हैं या अभी वर्तमान वकील हैं...वो बीजेपी के विरोधी हैं, सोच ही बीजेपी विरोधी है. वे सरकार और प्रधानमंत्री पर सीधा-सीधा हमला करते हैं. एक पक्ष लेकर आप सरकार पर हमला करते हैं, एक सोच के साथ... तब पता चलता है कि आप खड़े हैं. उन्होंने कहा कि कुछ फोरम को गलत तरीके से प्रमोट करते हैं. कुछ जज जाने-अनजाने में इन कार्यक्रमों में शामिल होते हैं. ये कार्यक्रम सरकार के खिलाफ होते हैं और जज उनमें शरीक होते हैं. कानून मंत्री ने कहा कि कुछ लोग सरकार को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं. भारत की छवि को गिराने का काम करते हैं.

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'किसी देश में जज, दूसरे जज की नियुक्ति नहीं करता'

उन्होंने कहा कि जब से कॉलेजियम हो गई है, तब से हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज बैठकर तय करते हैं. ऐसे में वे लोग वही नाम तय करेंगे, जिनको पहचानते होंगे. उनके नाम को ही भेजेंगे. अगर सरकार के पास जिम्मेदारी होती है तो दायरा वृहद होता. हम ये बताते कि ये जिला जज हैं और अच्छा काम किया है, उनको रिकमंड करते हैं. कॉलेजियम सिस्टम ही यह कहता है कि जिसे आप जानते हैं, उसके नाम को ही आगे बढ़ाना है.

उन्होंने कहा कि अगर आप अच्छे वकील हैं और कोई नहीं जानता है तो उनका नाम नहीं भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजियम सिस्टम का गठन किया. हम लोग इसे ठीक नहीं मानते हैं. हम कानून लेकर आए तो सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जता दी. जब तक कॉलेजियम सिस्टम रहेगा, ज्यूडिशरी में अपॉइंटमेंट को लेकर विवाद बना रहेगा. किसी भी देश में एक जज, दूसरे जज की नियुक्ति नहीं करता है.

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सेम सेक्स मैरिज के सवाल पर कहा- चर्चा होनी चाहिए

समलैंगिक विवाह को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. सरकार इसके पक्ष में नहीं है. ऐसे में रिजिजू से सरकार को लेकर सवाल किया गया. उन्होंने कहा कि दो लोगों अपने हिसाब से जैसे रहते हैं, उसमें हमें कोई आपत्ति नहीं है और सेम सेक्स और लिविंग रिलेशन में जैसा रहना चाहते हैं, अपनी मर्जी से करें. लेकिन, बात जब शादी की आती है तब देखना जरूरी हो जाता है. भारत में बहुत प्राचीन परंपराएं हैं. पुरानी सभ्यता है. देश में कई धर्मों का मिलन है. कुछ लोग बैठकर निर्णय करेंगे, ये संभव नहीं है.

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उन्होंने कहा कि भारत के लोग ही तय करेंगे कि वो किस सिस्टम के तहत रहना चाहेंगे. लोग चाहते हैं कि उनका चुना हुआ प्रतिनिधि बहस करे. लोकतंत्र में असली ताकत लोग हैं. ये लोग संविधान के माध्यम से अपने आपको चलाते हैं. बड़े मुद्दों पर देश में व्यापक तरीके से चर्चा होना चाहिए. भारत सरकार ने अपना पक्ष रखा है. राज्य सरकारों का भी योगदान और रोल होना चाहिए. बदलाव को लेकर चर्चा होनी चाहिए. संसद में ये तय हो और कोर्ट में ये देखना चाहिए. लोकतंत्र में जनता मालिक होती है. 

उन्होंने कहा कि मसला कोर्ट में चल रहा है, इसलिए कुछ ऐलान नहीं कर सकता है. ये बड़ा इश्यू है. इसे बीजेपी से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. ये प्रत्येक नागरिक को सोचना और बोलना है. शादी जैसे पवित्र बंधन को सुप्रीम कोर्ट तय करेगा या भारत के लोग तय करेंगे. ये सरकार का मसला नहीं सोचना चाहिए.

राहुल और केजरीवाल पर निशाना...

किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी पर निशाना साधा और कहा- 'राहुल गांधी जी फ्रस्ट्रेशन में ऐसा डूब चुके हैं, उन्हें खुद नहीं पता कि वो क्या बोल रहे हैं. कांग्रेस को इतना नीचे ले गए कि जो कभी नहीं रहा. कांग्रेस के कई नेता कह रहे हैं कि इन्हें क्या हो गया. कैसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं. पार्टी को ही डुबा देंगे. कांग्रेस में बहुत चिंता है. कुछ लोग को छोड़कर अन्य नेता बहुत टेंशन में हैं. राहुल गांधी हों या केजरीवाल... ऐसा कुछ नहीं बोलना चाहिए तो कानून के दायरे में आते हों. गाली देकर आप क्या साबित करना चाहते हैं. ये बात समझना चाहिए. जितना मोदी को गाली दोगे, वो उतना मजबूत होंगे. केजरीवाल की बातों को कोई सीरियस नहीं लेता है. शुरू में अन्ना हजारे की वजह से लोग थोड़ा सीरियस लेने लगे थे. ये देश के लिए सही इंसान नहीं है. एक सीएम जो भाषा इस्तेमाल करते हैं, वो ठीक नहीं है. अन्ना जी को धोखा देकर कब्जा कर लिया. ये पीएम को गाली दे रहे हैं. विश्व में आज हर कोई मोदी की पॉपुलरिटी की सराहना कर रहा है.

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'पहले बॉर्डर एरिया में सुविधा नहीं दी जाती थी'

अरुणाचल प्रदेश में चीन की दखलदांजी पर कहा कि 2014 तक कांग्रेस की नीति रही है कि बॉर्डर एरिया को विकसित नहीं करना है. क्योंकि अगर डेवलप कर दिया और बिजली पहुंचा दी तो चीन कब्जा कर लेगा और इस्तेमाल करने लगेगा. यह बात साल 2013 में तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने संसद में भी कहा था. आज पीएम मोदी के निर्देश पर वहां बिजली, पानी से लेकर हर काम चल रहे हैं. गृह मंत्री ने वहां लोगों के बीच बैठकर बात की. कांग्रेस को बॉर्डर को लेकर कुछ कहना नहीं चाहिए, अगर मै आधा घंटा बॉर्डर के बारे में भाषण करूंगा तो कांग्रेस के पास जवाब देने के लिए एक भी शब्द नहीं बचेगा. उन्होने तबाही करके बॉर्डर के लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया. 

'समय पर न्याय दिलाने का काम कर रहे हैं'

रिजिजू ने कहा कि जब मैं खेल मंत्री था तो देश को जोड़ने के लिए अभियान चलाया. मैंने कभी सोचा नहीं था कि देश का कानून मंत्री बनूंगा. इतने सालों बाद  देश का पहला आदिवासी लॉ मिनिस्टर बना. अंबेडकर साहब देश के पहले अनुसूचित जाति के लॉ मिनिस्टर बने. पीएम ने जो दायित्व दिया है, उसे पूरा करने जा रहे हैं. जितना काम किया है, उससे बहुत बड़ा इम्पैक्ट होगा. ज्यूडिशियरी को पेपर लैस बनाने का काम करने जा रहे हैं. लोगों को समय पर न्याय दिलाने के लिए काम कर रहे हैं. कोर्ट के सामने लंबी लाइनें देखने को नहीं मिलेंगी. अंबेडकर से प्रेरणा लेते हैं. 

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