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असदुद्दीन ओवैसी और महबूबा मुफ्ती फिर से पढ़ें इतिहास, ज्ञानवापी केस में मीनाक्षी लेखी ने दी नसीहत

वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर की दीवार से लगी हुई ज्ञानवापी मस्जिद पर मचा संग्राम तेज हो गया है. याचिकाएं तेजी से डाली गईं, याचिकाओं पर तेजी से सुनवाई हुई, सुनवाई के बाद तेजी से सर्वे हुआ, और सर्वे के बाद अब समाधान का इंतजार है. मगर कोर्ट से समाधान से पहले ही आवाज आई है कि बाबा मिल गए. दावा किया जा रहा है कि वजू वाली जगह पर शिवलिंग मिला है.

केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी. -फाइल फोटो केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी. -फाइल फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 मई 2022,
  • अपडेटेड 7:10 PM IST
  • महबूबा मुफ्ती ने दी थी केंद्र सरकार को चेतावनी
  • ज्ञानवापी मस्जिद थी और कयामत तक रहेगी: ओवैसी

ज्ञानवापी मस्जिद मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवेसी और पीडीपी चीफ महबूबा मु्फ्ती पर पलटवार किया है. मीनाक्षी लेखी ने कहा है कि मैं उनसे (असदुद्दीन ओवैसी और महबूबा मुफ्ती) शांति और भाईचारा बनाए रखने के लिए कहना चाहती हूं, उन्हें फिर से इतिहास पढ़ने का सुझाव देना चाहती हूं. 

मीनाक्षी लेखी ने ज्ञानवापी मस्जिद मुद्दे को लेकर कहा कि चूंकि मामला कोर्ट में है, इसलिए उन्हें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. बता दें कि वाराणसी कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे का काम सोमवार को पूरा हो गया. इन सबके बीच उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कहा, सत्य को आप कितना भी छुपा लीजिए, लेकिन एक दिन सामने आ ही जाता है. उधर, AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद थी और कयामत तक रहेगी इंशाअल्लाह.

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एक हफ्ते पहले महबूबा मुफ्ती ने दी थी केंद्र सरकार को चेतावनी

वहीं, एक हफ्ते पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि अगर केंद्र सरकार में दम है तो ताजमहल, लाल किले को मंदिर बनाकर दिखाएं. फिर देखते हैं कि कितने लोग इस देश को देखने के लिए यहां आएंगे. महबूबा ने आगे कहा कि मुगलों के वक़्त जो चीज़ें बनी हुई हैं जैसे, ताजमहल, मस्जिदें, किले ये उन्हें बिगाड़ना चाहते हैं, उनके पीछे पड़े हुए हैं. इससे कुछ हासिल नहीं होगा. 

महबूबा ने सरकार पर आरोप लगाया कि ये तमाम विवाद सिर्फ और सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए उठाए जा रहे हैं. इस बारे में उन्होंने कहा कि लोगों को गुमराह करने के लिए मुस्लिमों के पीछे लगा दिया गया है. जो देश का पैसे लूटकर विदेश भाग गए, उन्हें पकड़ने के बजाय ये सिर्फ हर उस जगह का विरोध करना चाहते हैं जिसका निर्माण मुगलों द्वारा किया गया था.

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दरअसल ज्ञानवापी के चप्पे-चप्पे की पड़ताल के बाद अब हिंदू पक्ष ने मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने का दावा किया है. याचिकाकर्ता लक्ष्मी देवी के पति सोहन लाल ने नंदी के ठीक सामने बाबा भोलेनाथ की तलाश पूरी होने की बात कही है. उनका कहना है, 'जिसकी नंदी प्रतीक्षा कर रही थीं, वो बाबा मिल गए.'

हिंदू पक्ष की ओर से दावा है कि वजूखाने के पास कुंए का पानी हटाते ही विशाल शिवलिंग प्रकट हुआ. बताया जा रहा है कि नंदी की मूर्ति के सामने मिले शिवलिंग का व्यास 12 फीट 8 इंच है. इसकी गहराई भी काफी ज्यादा है. पहले दिन का सर्वे पूरा होने के बाद ही कल्पना से परे सबूत मिलने की बात कहने वाला हिंदू पक्ष अब काफी उत्साहित है.

मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष के दावे को किया खारिज 

ज्ञानवापी के सर्वे में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद वाराणसी में हर ओर हलचल है. हर कोई इस दावों की सच्चाई जनाना चाहता है. सर्वे के बाद वीडियोग्राफर से भी इन दावों के लेकर सवाल हुआ, लेकिन उसने गोपनीयता का जिक्र कर खुलकर कोई जवाब नहीं किया. अब मंगलवार को कोर्ट में सर्वे की पूरी रिपोर्ट पेश जानी है. 

कल कोर्ट कमिश्नर सौंपेगे रिपोर्ट 

ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का काम पूरा हो चुका है. उम्मीद है कि कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट से दोनों पक्षों के दावों की सच्चाई सामने आ सकेगी. ज्ञानवापी मस्जिद है या मंदिर? पूरी सच्चाई पता चल सकेगी.

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