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भारत को मिले UNSC की स्थायी सदस्यता, अमेरिका के बाद खुलकर सपोर्ट में आए ये भी देश

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने UNGA में अपने संबोधन के दौरान कहा- हम परिषद में स्थायी अफ्रीकी प्रतिनिधित्व देखना चाहते हैं. ब्राजील, भारत, जापान और जर्मनी को स्थायी सदस्यों के रूप में देखना चाहते हैं और निर्वाचित सदस्यों के लिए अधिक सीटें देखना चाहते हैं.

अमेरिका और फ्रांस के बाद ब्रिटेन ने भी UNSC में स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन किया. (AP Photo) अमेरिका और फ्रांस के बाद ब्रिटेन ने भी UNSC में स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन किया. (AP Photo)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 1:07 PM IST

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 79वें सत्र में अपने संबोधन में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्थायी सदस्या के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन किया. स्टार्मर से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी यूएनएससी में परमानेंट सीट के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन कर चुके हैं. 

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यूएनजीए को संबोधित करते हुए ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा, 'सुरक्षा परिषद में और प्रतिनिधियों को शामिल करने के लिए इसमें सुधार करना होगा. यूएनएससी को राजनीति के प्रभाव में पंगु होने की बजाय, कार्य करने के लिए हमेशा तैयार रहने वाला निकाय होना चाहिए. हम परिषद में स्थायी अफ्रीकी प्रतिनिधित्व देखना चाहते हैं. ब्राजील, भारत, जापान और जर्मनी को स्थायी सदस्यों के रूप में देखना चाहते हैं और निर्वाचित सदस्यों के लिए अधिक सीटें देखना चाहते हैं.' 

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यह घटनाक्रम अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा यूएनएससी के स्थायी सदस्य के रूप में भारत को शामिल करने की वकालत करने के एक दिन बाद आया है. वर्तमान में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 5 स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य हैं. गैर-स्थायी सदस्यों को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दो साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है. पांच स्थायी सदस्य- रूस, यूनाइटेड किंगडम, चीन, फ्रांस और संयुक्त राज्य अमेरिका, किसी भी ठोस प्रस्ताव को वीटो करने की शक्ति रखते हैं. 

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मैक्रों ने भारत को में शामिल करने की वकालत की

इससे पहले बुधवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल करने की वकालत की थी. उन्होंने यूएनएससी को अधिक समावेशी बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए ब्राजील, जापान, जर्मनी और दो अफ्रीकी देशों की सदस्यता का भी समर्थन किया. मैक्रों ने अपने कहा, 'आइए संयुक्त राष्ट्र को और अधिक कुशल बनाएं. हमें इसमें और अधिक प्रतिनिधियों को शामिल करने की जरूरत है. यही कारण है कि फ्रांस सुरक्षा परिषद के विस्तार के पक्ष में है.' उन्होंने आगे कहा, 'हमारा मत है कि जर्मनी, जापान, भारत, ब्राजील और अफ्रीका के दो देशों को यूएनएससी का सदस्य होना चाहिए. अफ्रीका से किन दो देशों का प्रतिनिधित्व होगा, यह अफ्रीकी संघ निर्णय करेगा.''

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US ने भी कही UNSC में भारत के समर्थन की बात

क्वाड लीडर्स समिट के दौरान, सदस्य देशों (अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया) के नेताओं ने एक संयुक्त बयान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया था. इसके बाद 21 सितंबर को डेलावेयर के विलमिंगटन  में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई. दोनों नेताओं की इस बैठक के बाद व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा, 'राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सुरक्षा परिषद में सुधार और भारत को स्थायी सदस्य के रूप में इसमें शामिल करने के लिए अमेरिका के समर्थन की पुष्टि की है.'

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