
रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि चीन ने लद्दाख में यथास्थिति बदलने के लिए गैरपरंपरागत हथियारों का इस्तेमाल किया, भड़काने वाली कार्रवाई की, इसके बाद ही वहां स्थिति बिगड़ी मजबूरन भारत को वहां भारी हथियारों जैसे की टैंक और गन की तैनाती करनी पड़ी. भारत के रक्षा मंत्रालय ने पिछले साल लद्दाख में चीन के साथ सैन्य टकराव को लेकर एक वार्षिक रिपोर्ट जारी की है.
रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि चीन ने ताकत के दम पर लद्दाख में यथास्थिति में बदलाव करना चाहा, इसके लिए उसने LAC पर एक से ज्यादा जगहों एकतरफा कार्रवाई की, भड़काऊ कदम उठाए. भारतीय सेना ने चीन के इन कदमों का तर्कसंगत जवाब दिया और चीन को बता दिया कि पूर्वी लद्दाख पर भारत का दावा अकाट्य है.
दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाने के लिए चीन को जिम्मेदार बताते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीन की सेना पीपुल्स आर्मी ने गैरपरंपरागत हथियारों का इस्तेमाल कर, बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को जमाकर तनाव को बढ़ाया.
15 जून 2020 की गलवान घटना का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस संघर्ष में भारत के 20 जवानों ने बलिदान दिया लेकिन PLA के सैनिकों को अपनी जमीन कदम नहीं रखने दिया. रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि इस लड़ाई में चीन को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
रक्षा मंत्रालय ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर महत्वपूर्ण स्थानों पर भारतीय सैनिकों के कब्जे की कहानी का भी वर्णन किया है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 28-29 अगस्त को हमारी सेना चीन के मंसूबे समझ गई थी, चीन कुछ करते इससे पहले हमारी सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर महत्वपूर्ण स्थानों पर कब्जा जमा लिया.
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सेना ने चीन के शातिराना हरकतों का जवाब देने के लिए वायुसेना की मदद से काफी कम समय में अपने सैनिक वहां जमा कर लिए, इसके अलावा सेना ने टैंक और गन जैसे भारी हथियारों की तैनाती भी कर ली, और गोला बारूद, राशन और कपड़े भी जमा कर लिए.
बता दें कि लद्दाख में इस वक्त भी भारत के लगभग 50 हजार सैनिक तैनात हैं. इस वक्त वहां तापमान माइनस 30 से 40 डिग्री है. सैनिकों की आवाजाही की सुविधा के लिए आर्मी ने वहां रोड़, आवास, शेल्टर होम, ब्रिज बनाया है, ताकि सेना की तैनाती और निवास सुविधाजनकर हो सके. रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि लद्दाख में सेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है.