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उत्तर प्रदेश बीजेपी ने 2024 की तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है. बूथ को मजबूत करके चुनाव जीतने की पुरानी रणनीति पर जहां पार्टी फोकस करना चाहती है वहीं नगर निकाय चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं को सक्रिय भी रखना चाहती है. बूथ को मजबूत करने के लिए यूपी बीजेपी का बड़ा कार्यक्रम 23 फरवरी को होगा. इस कार्यशाला में जिला से प्रदेश स्तर तक के पदाधिकारी शामिल होंगे जिन्हें बूथ मजबूत करने का मंत्र दिया जाएगा.
सक्रिय बूथ सशक्त मंडल का एजेंडा कार्यकर्ताओं को सौंपेगी पार्टी
यूपी बीजेपी ने मिशन 2024 के लिए तैयारी तेज कर दी है. वहीं कोर्ट के आदेश के बाद टले नगर निकाय चुनाव के लिए भी कार्यकर्ताओं को मैदान में उतारने की तैयारी में है. पार्टी 23 फरवरी को लखनऊ में ‘सक्रिय बूथ सशक्त मंडल’ के नारे के साथ कार्यशाला का आयोजन करेगी.
प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर हो रही बूथ प्रबंधन की सबसे बड़ी कार्यशाला में यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह की मौजूदगी में जिले से लेकर प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों को बूथ जीतने का मंत्र दिया जाएगा.इसके लिए प्रदेश पदाधिकारियों और क्षेत्रीय अध्यक्ष और क्षेत्रीय प्रभारी भी इस कार्यशाला में शामिल होंगे.हर ज़िले से 6 कार्यकर्ताओं को लखनऊ बुलाया गया है.इसमें ज़िलाध्यक्ष, ज़िला प्रभारी, एक महामंत्री,हर ज़िले के आईटी विभाग का एक पदाधिकारी ,हर ज़िले के सोशल मीडिया विभाग का एक प्रतिनिधि भी शामिल होगा. खास बात ये है कि हर जिले से जिले की एक महिला पदाधिकारी को भी अनिवार्य तौर कर बुलाया गया है.
दरअसल नगर निकाय चुनाव के टलने के बाद बीजेपी जहां जिला स्तर के कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखना चाहती है वहीं बूथ स्तर पर भी तैयारी की शुरुआत करना चाहती है. बूथ स्तर पर मजबूती ढांचा खड़ा करके बीजेपी पहले भी चुनाव जीत चुकी है. खास बात ये है कि इसी बैठक-ट्रेनिंग के बाद प्रमुखों को दायित्व देने की भी शुरुआत होगी. बीजेपी के प्रदेश मंत्री सुभाष यदुवंश के अनुसार ‘बीजेपी बूथ स्तर पर प्रबंधन और मजबूती के जरिए ही कई चुनाव जीत चुकी है. चुनाव कोई भी हो बूथ ही असली युद्धक्षेत्र रहा है. हमारे बड़े नेता तक बूथ स्तर पर और पन्ना प्रमुख का दायित्व सम्भालते हैं. ऐसे में बूथ को मजबूत कर ये विजय का अभियान शुरू होगा.’
महिला वोटरों पर खास नजर
मिशन 2024 की दृष्टि से इस कार्यशाला को अहम माना जा रहा है. वहीं सामने नगर निकाय चुनाव का लक्ष्य भी है. जिसे जीतकर पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले सियासी आबोहवा को अपने पक्ष में करना चाहती है. बैठक में इसके लिए खास तौर पर निर्देश दिए जाएंगे. हर जिले से एक महिला पदाधिकारी को शामिल करने के पीछे महिला वोटरों को जोड़ने की रणनीति है.
विधानसभा चुनाव में सभी जाति वर्ग की महिला लाभार्थियों ने बीजेपी को वोट दिया है. इसलिए पार्टी नगर निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव के लिए भी महिला वोटरों को जोड़ना चाहती है. पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि चुनाव छोटा हो या बड़ा बीजेपी पूरी रणनीति और तैयारी के साथ ही चुनाव लड़ती है. अभी ओबीसी आरक्षण की वजह से नगर निकाय चुनाव टले हैं.लेकिन उसकी भी तैयारी बूथ सशक्तिकरण के इस अभियान के साथ होगी.