
उत्तर प्रदेश के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में समाजवादी पार्टी ने 'पीडीए चर्चा' कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है. यह प्रोग्राम 26 दिसंबर से शुरू होगा और अगल एक महीने के लिए चलेगा. यह कार्यक्रम संविधान को बचाने और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए आयोजित किया जा रहा है.
समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने मंगलवार को एक बयान में कहा, "पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देशानुसार 26 दिसंबर 2024 से 25 जनवरी 2025 तक उत्तर प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में सेक्टरवार 'पीडीए' (पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक) चर्चा का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इसका उद्देश्य आंबेडकर के विचारों को जन-जन तक पहुंचाना और संविधान को बचाना है."
बेरोजगारी, मंहगाई सहित कई मुद्दों पर होगी चर्चा
राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि ‘पीडीए चर्चा’ कार्यक्रम में पार्टी के सभी जनप्रतिनिधि, संगठन के सभी पदाधिकारी और आनुषांगिक संगठनों के सभी पदाधिकारी सक्रिय रूप से शामिल होंगे. चौधरी ने आगे कहा, “इन चर्चा कार्यक्रमों में मतदाताओं को जागरूक किया जाएगा. इसके साथ ही सामाजिक न्याय, आरक्षण, बेरोजगारी, महंगाई, जाति जनगणना और स्थानीय मुद्दों पर चर्चा होगी.”
राजेंद्र चौधरी के मुताबिक, इसके अलावा पीडीए समाज को अधिकार और भागीदारी से अवगत कराकर उन्हें एकजुट किया जाएगा.
राजेन्द्र चौधरी ने केंद्रीय गृह मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा, "संसद में मंत्री अमित शाह ने आंबेडकर का अपमान किया. आंबेडकर ने भारत का संविधान बनाकर शोषणात्मक-नकारात्मक प्रभुत्ववादी सोच पर पाबंदी लगाई. ये प्रभुत्ववादी (बीजेपी) हमेशा से आंबेडकर के विरोधी रहे हैं. प्रभुत्ववादियों ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी के ’सबकी बराबरी’ के सिद्धान्त को कभी स्वीकार नहीं किया."
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'एकजुट करना जरूरी...'
एसपी प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा, "सामंतवादी व्यवस्था को तोड़ने के लिए शुरू से आवाज ही नहीं उठाई गई. जब देश आजाद हुआ, तो संविधान बनाकर उत्पीड़ित, पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समाज को अधिकार दिया."
चौधरी ने कहा कि एसपी कार्यकर्ताओं ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा पीडीए को एकजुट करने के निर्देश को मानते हुए लगातार पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक और पीड़ित समाज के साथ मिलकर कार्य किया, इसी वजह से गत लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को 37 सीट पर जीत मिली और सपा देश में तीसरे नंबर की पार्टी बनने में सफल रही.
राजेन्द्र चौधरी ने कहा, "समाजवादी पार्टी की इस सफलता से परेशान होकर ‘सामन्तशाही’ प्रवृत्ति के लोगों ने आंबेडकर का अपमान करके पीडीए समाज को आपस में बांटने का कुत्सित प्रयास करने की साजिश रची. ऐसे में पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों और पीड़ित व्यक्तियों तक आंबेडकर के विचारों को पहुंचाने, उन्हें एकजुट करने और उन्हें उनके अधिकारों से अवगत कराना जरूरी है."