
बिहार के सीएम नीतीश कुमार से बगावत करने वाले उपेंद्र कुशवाहा को Y+ कैटेगरी की सुरक्षा दे दी गई है. उपेंद्र कुशवाहा ने हाल ही में नीतीश कुमार की जेडीयू से अलग होकर 'राष्ट्रीय लोक जनता दल' नाम से अपनी पार्टी बनाई है. उपेंद्र कुशवाहा को Y+ कैटेगरी की सुरक्षा आईबी की रिपोर्ट के आधार पर दी गई है.
किस व्यक्ति को सुरक्षा मिलेगी? ये सुरक्षा एजेंसियां खतरे के आधार पर तय करती हैं. अगर किसी व्यक्ति को आतंकवादियों या उग्रवादियों से धमकी मिल रही है या उनसे खतरा है तो उसे सुरक्षा दी जाती है. इतना ही नहीं, अगर किसी को माफिया या गैंगस्टर से भी जान का खतरा है तो उसे भी सुरक्षा मुहैया कराई जाती है.
खतरे के आकलन के आधार पर ही किसी व्यक्ति की सुरक्षा को बढ़ाया जाता है, कम किया जाता है या फिर वापस लिया जाता है.
Y+ कैटेगरी की सुरक्षा में सीआरपीएफ के जवान भी शामिल होते हैं. इस कैटेगरी की सुरक्षा में सीआरपीएफ के पांच जवान होते हैं. साथ ही तीन अलग-अलग शिफ्ट में 6 पीएसओ यानी पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर भी रहते हैं. यानी, हर शिफ्ट में दो पीएसओ.
केंद्र सरकार ने सुरक्षा के लिए पांच कैटेगरी बना रखी है. इसमें X, Y, Y+, Z और Z+ शामिल है. खतरे के हिसाब से व्यक्ति को सुरक्षा दी जाती है. कैटेगरी बढ़ने के साथ-साथ खर्चा भी बढ़ता जाता है. किस कैटेगरी की सुरक्षा पर कितना खर्चा होता है, इसकी कोई सटीक जानकारी नहीं है. हालांकि, अनुमान है कि Z+ कैटेगरी की सुरक्षा पर हर महीने 15 से 20 लाख रुपये का खर्चा आता है.
किस कैटेगरी में कितनी सुरक्षा?
- X कैटेगरी : इसमें दो सुरक्षाकर्मी (कमांडो नहीं) तैनात होते हैं. एक पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) शामिल होता है.
- Y कैटेगरी : इसमें 11 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं. इसमें एक या दो कमांडो और दो पीएसओ भी शामिल होते हैं.
- Y+ कैटेगरी : 11 सुरक्षाकर्मियों के अलावा एस्कॉर्ट वाहन भी रहता है. एक गार्ड कमांडर और चार गार्ड आवास पर भी तैनात होते हैं.
- Z कैटेगरी : 22 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं. इसमें 4 से 6 एनएसजी के कमांडो भी शामिल रहते हैं. साथ ही दिल्ली पुलिस और CRPF के जवान भी रहते हैं.
- Z+ कैटेगरी : करीब 58 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं. इनमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो रहते हैं. एक बुलेटप्रूफ कार और 2 एस्कॉर्ट वाहन भी रहते हैं. आवास के बाहर पुलिस कैम्प भी रहता है.
पीएम को मिलती है SPG सुरक्षा
- एसपीजी यानी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप. 1988 में इसका गठन किया गया था. वो इसलिए क्योंकि 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हो गई थी.
- एसपीजी की सुरक्षा व्यवस्था पहले पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके निकटतम करीबियों को भी मिलती थी. लेकिन दो साल पहले एसपीजी एक्ट में संशोधन कर दिया गया था. इसके बाद ये सुरक्षा व्यवस्था सिर्फ मौजूदा प्रधानमंत्री को ही मिलती है.
- एसपीजी की सुरक्षा व्यवस्था को बेहद चाक चौबंद माना जाता है, लेकिन इसमें कितने जवान होते हैं, इसकी संख्या निश्चित नहीं होती. खतरे की आशंका को देखते हुए ये संख्या ऊपर-नीचे होती रहती है. एसीपीजी के बेड़े में गाड़ियां और हवाई जहाज भी शामिल रहते हैं.
- SPG कमांडोज की सुरक्षा 4 स्तर की होती है. पहले स्तर में SPG की टीम के पास सुरक्षा का जिम्मा होता है. SPG के 24 कमांडो प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात रहते हैं. कमांडोज के पास FNF-2000 असॉल्ट राइफल होती है. सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल और दूसरे अत्याधुनिक हथियार होते हैं.
- प्रधानमंत्री बुलेट प्रूफ कार में सवार रहते हैं. काफिले में 2 आर्मर्ड गाड़ियां चलती हैं. 9 हाईप्रोफाइल गाड़ियों के अलावा एंबुलेंस और जैमर होता है. पीएम के काफिले में डमी कार भी चलती है. काफिले में करीब 100 जवान शामिल होते हैं.
- एसपीजी का बजट लगातार बढ़ता जा रहा है. 2014-15 में जब मोदी सरकार आई थी, जब एसपीजी का बजट 289 करोड़ रुपये था. तब से अब तक एसपीजी का बजट कई गुना बढ़ चुका है. 2023-24 में एसपीजी का बजट 433.59 करोड़ रुपये है. यानी, हर दिन 1.18 करोड़ रुपये का खर्च पीएम की सुरक्षा पर होते हैं.