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क्यों टीना डाबी (IAS) से अधिक उनकी जाति की होती रही है चर्चा?

IAS टीना डाबी, 2015 में यूपीएससी टॉप करने के बाद से ही अपनी जाति को लेकर लोगों के निशाने पर रही हैं. तब लोगों ने रिजर्वेशन की क्राइटेरिया पर सवाल उठाने शुरू कर दिए थे. अब टीना दूसरी शादी करने जा रही हैं और एक बार फिर से उनकी जाति चर्चा का विषय बन गई है.

IAS टीना डाबी, प्रदीप गवांडे से दूसरी शादी करने जा रही हैं. (फोटो साभार- instagram.com/dabi_tina) IAS टीना डाबी, प्रदीप गवांडे से दूसरी शादी करने जा रही हैं. (फोटो साभार- instagram.com/dabi_tina)
श्रीधर कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 31 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 1:41 PM IST
  • पिछड़ों के उत्थान की बात करती रही हैं टीना डाबी
  • टीना पर आरक्षण का फायदा उठाने का लगा था आरोप

साल 2015 में UPSC एग्जाम में टॉप करने के बाद टीना डाबी लगातार चर्चा में रही हैं. वो दलित हैं. ऐसे में उन्हें 'UPSC का पहला दलित टॉपर' का टैग दे दिया गया. IAS टीना डाबी भी कई मंचों से पिछड़ों के उत्थान की बात करती रही हैं.

बाद में उन्होंने एक मुस्लिम से प्यार किया और शादी भी की. इस दौरान उन्हें जाति ही नहीं, धर्म के बंधन को भी तोड़ते हुए देखा गया. कई लोगों ने इंटर रिलीजन मैरिज करने के लिए टीना डाबी की तारीफ की. 

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अब टीना की दूसरी शादी IAS प्रदीप गवांडे से हो रही है. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा है कि होने वाले पति की जाति एक बोनस पॉइंट है. 

जब टीना ने कहा था- भारत अब भी बहुत जातिवादी है

साल 2015 के यूपीएससी रिजल्ट आने के बाद ही सोशल मीडिया पर चर्चा होने लगी थी कि टीना डाबी ने जाति का फायदा उठाकर एग्जाम में टॉप किया है. लोग आरक्षण पर सवाल उठाने लगे और टीना को कोसने लगे.

दरअसल, तब टीना डाबी यूपीएससी एग्जाम के पहले फेज (prelims) में रिजर्वेशन के कटऑफ के तहत पास हुई थीं. वह SC/ST कैटेगरी के कम कटऑफ मार्क्स की वजह से मेंस एग्जाम दे पाई थीं. जबकी उनसे ज्यादा नंबर लाकर भी जनरल कैटेगरी के कई कैंडिडेट्स मेंस के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके थे.

हालांकि, फाइनल रिजल्ट में वो ओवरऑल टॉपर रही थीं. जिसमें prelims के मार्क्स नहीं जुड़े थे. फिर भी रिजर्वेशन के पैमाने को लेकर तब खूब बहस हुई थी. क्योंकि टीना एससी कैटेगरी से होने के बावजूद आर्थिक तौर से मजबूत परिवार से आती हैं.

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इसके बाद वो कई मंचों से पिछड़ों को लेकर बात करती दिखी थीं. मुंबई के बाबासाहेब अंबेडकर रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट ने टीना को उनकी उपलब्धि के लिए सम्मानित भी किया था. इस मौके पर उन्होंने कहा था कि आज मैं जो कुछ भी हूं वो सब अंबेडकर की देन है. बाबासाहेब के संघर्षों से मुझे लगातार प्रेरणा मिलती रही है.

टीना डाबी ने कहा था- भारत की असलीयत बदलने में अभी काफी समय लगेगा. हमें सिस्टम और संविधान पर भरोसा रखना चाहिए, जो पिछड़ों को अधिकार देती है.

तब एक इंटरव्यू में टीना बोली थीं- 'ये दुर्भाग्यपूर्ण सच्चाई है कि भारत अब भी बहुत जातिवादी है. जब मेरा रिजल्ट (यूपीएससी 2015 का) आया, तो पहले दिन लोगों ने मुझे खूब बधाई दी. लेकिन दूसरे दिन ही मीडिया के लोग मुझसे मेरा कास्ट पूछने लगे, क्योंकि मेरा सरनेम बहुत अलग था.

और इसके बाद मैं दलित टॉपर बन गई. ये सच्चाई बदलने में बहुत समय लगेगा. मुझे इस बात का फक्र है कि मैं एससी समाज की पहली यूपीएससी टॉपर हूं.'

अतहर से शादी के लिए तोड़ दी जाति और धर्म की दीवार

इसके बाद शादी को लेकर भी वो लोगों के निशाने पर रहीं. साल 2015 के ही यूपीएससी एग्जाम के सेकेंड टॉपर अतहर अतहर आमिर खान को वो दिल दे बैठी थीं. जिसके बाद वो हिंदूवादी संगठनों के निशाने पर आ गईं. हालांकि, काफी लोगों ने इंटर रिलीजन शादी करने के लिए टीना डाबी की तारीफ भी की.

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लेकिन शादी के 2 साल बाद ही उन दोनों ने तलाक ले लिया. और अब टीना डाबी अपनी दूसरी शादी को लेकर चर्चा में है. और इस चर्चा में भी जाति एक मुद्दा है.

टीना ने हाल ही में एक इंटरव्यू ने अपने होने वाले पति प्रदीप गवांडे की जाति बता दी. उन्होंने कहा कि 'परिवार में सब खुश हैं. वह (प्रदीप गवांडे) मेरी तरह SC कम्युनिटी से हैं. बोनस ये भी है कि प्रदीप की तरह मेरी मां भी मराठी हैं. मेरी मां और वे, एक ही सब कास्ट से हैं.'

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