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'टैरिफ पर अमेरिका के साथ हमारा अभी कोई कमिटमेंट नहीं', डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर भारत ने कहा

भारत के वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति के दावों और मीडिया रिपोर्टों पर भरोसा नहीं किया जा सकता, क्योंकि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत अभी भी जारी है, भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार शुल्क पर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई है."

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 2:59 PM IST

भारत ने अमेरिका से अबतक ऐसा कोई वादा नहीं किया है कि वो अमेरिकी आयात पर टैरिफ कम करेगा. वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने सोमवार को एक संसदीय समिति के सामने ये जानकारी दी. सुनील बर्थवाल का ये बयान तब आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने हाल ही में कहा था कि भारत अपने टैरिफ को काफी हद तक कम करने पर राजी हो गया है. 

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विदेश मामलों पर संसदीय कमेटी को जानकारी देते हुए वाणिज्य सचिव ने स्पष्ट किया कि भारत और अमेरिका के बीच अभी भी इस मुद्दे पर संवाद जारी है, और अबतक दोनों देशों के बीच कोई समझौता नहीं हुआ है. 

गौरतलब है कि संसद के कई सदस्यों ने अमेरिकी राष्ट्रपति के उस बयान पर सवाल उठाये थे जब उन्होंने कहा था कि भारत टैरिफ कम करने पर राजी हो गया है. इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति के दावों और मीडिया रिपोर्टों पर भरोसा नहीं किया जा सकता, क्योंकि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत अभी भी जारी है, भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार शुल्क पर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई है."

भारत ने टैरिफ कटौती पर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई है

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इसके अलावा इस अधिकारी ने यह भी कहा कि व्यापार वार्ता के दौरान भारत के हितों का ध्यान रखा जाएगा. समाचार एजेंसी पीटीआई के सूत्रों ने बर्थवाल के हवाले से कहा, "भारत मुक्त व्यापार के पक्ष में है और व्यापार का उदारीकरण चाहता है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी." 

उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत व्यापार विस्तार का समर्थन करता है, लेकिन टैरिफ युद्ध किसी के हित में नहीं है और इससे "मंदी भी आ सकती है".

सुनील बर्थवाल ने समिति को बताया, "भारत अंधाधुंध तरीके से टैरिफ कम नहीं करेगा, खास तौर पर उन क्षेत्रों में जो इसकी घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं. भारत राष्ट्रीय हितों को बनाए रखने के लिए बहुपक्षीय तरीके के बजाय द्विपक्षीय तरीके से टैरिफ कटौती पर बातचीत करना पसंद करता है." 

कनाडा और मैक्सिको के साथ तुलना पर, जिन्होंने अमेरिकी टैरिफ नीतियों को सीधे-सीधे रूप से चुनौती दी है, बर्थवाल ने कहा कि अमेरिका के साथ सुरक्षा और सीमा आव्रजन संबंधी चिंताओं के कारण उनकी परिस्थितियां अलग हैं. उन्होंने फिर से पुष्टि की कि भारत केवल ऐसे ही व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करेगा जो "पारस्परिक रूप से लाभकारी" हो. 

ट्रम्प ने क्या कहा था?

अपने दूसरे कार्यकाल के कुछ ही हफ्तो बाद ट्रम्प ने अपनी नीतियों से वैश्विक व्यापार को हिलाकर रख दिया है, उन्होंने सहयोगियों और विरोधियों दोनों पर टैरिफ़ लगा दिए हैं. ट्रंप ने सभी व्यापारिक साझेदारों पर 'अनुचित' व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए, उन्होंने अगले महीने भारत सहित कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने की घोषणा की है. 

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पिछले सप्ताह ट्रंप ने भारत के कथित "भारी टैरिफ" नीतियों की आलोचना की थी और नई दिल्ली की व्यापार नीतियों को अनुचित और व्यापार में बाधा पैदा करने वाला बताया था. 

ट्रंप ने कहा था, "आप भारत में कुछ भी नहीं बेच सकते, यह लगभग प्रतिबंधात्मक है. वैसे, वे इस बात पर सहमत हो गए हैं कि वे अब अपने टैरिफ में कटौती करना चाहते हैं क्योंकि कोई तो आखिरकार उनके किए की पोल खोल रहा है." 

इस बीच जानकारी मिली है कि भारत अमेरिका से सितंबर 2025 तक का समय मांगा है ताकि टैरिफ के मुद्दे को विस्तार से और व्यापक रूप से सुलझाया जा सके. 

गौरव गोगोई ने सदन में उठाया मुद्दा

गौरतलब है कि आज टैरिफ के मुद्दे पर संसद में भी हंगामा हुआ. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि भारत किन विषयों पर टैरिफ घटाएगा. क्या भारत ने सोचा है कि हम अमेरिका पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाएंगे. गौरव गोगोई ने कहा कि टैरिफ पर भारत की क्या नीति रहेगी ये पूरा देश जानना चाहता है. 

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