पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 1.3 अरब भारतीय आत्मनिर्भर भारत के मिशन में जुटे हैं. आत्मनिर्भर भारत का उद्देश्य भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित करना है. आगे का रास्ता पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर में अवसरों से भरा पड़ा है. इसमें कोर इकनॉनमिक सेक्टर और सोशल सेक्टर भी शामिल है. हाल ही में रेलवे, डिफेंस, स्पेस और अटॉमिक एनर्जी के क्षेत्र को खोला गया है. हमारे लेबर रिफॉर्म्स एम्प्लयॉर के ऊपर से कंप्लायंस का बोझ हटाएंगे और कर्मचारियों को सोशल सिक्यॉरिटी की सुविधा भी देंगे. 2019 में भारत में FDI 20 फीसदी बढ़ा, ऐसा ऐसे वक्त में हुआ जब दुनिया में इसमें फीसदी की गिरावट देखी गई है. यह हमारी FDI स्कीम की सफलता को दिखाता है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी ने कई चीजों को प्रभावित किया है, लेकिन भारत के लोगों की आकांक्षाओं को यह प्रभावित नहीं कर सका है. हालिया महीनों में काफी सारे सुधार हुए हैं. विश्व के सबसे बड़ें हाउसिंग प्रोग्राम पर काम जारी है. रेल, सड़क और एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाया जा रहा है. इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काफी काम हो रहा है. हम बेहतरीन वित्तीय तकनीक का इस्तेमाल लोगों तक बैंकिंग, क्रेडिट, डिजिटल पेमेंट और इंश्योरेंस की सुविधा पहुंचाने के लिए कर रहे हैं. हमारा टैक्स सिस्टम पारदर्शी है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में कोरोना की रिकवरी रेट भी लगातार तेजी से बढ़ रही है. हमारी बिजनस कम्युनिटी भी अच्छा काम कर रही है. हम अभी दुनिया के दूसरे सबसे बड़े पीपीई किट के निर्माता हैं. पिछले कुछ महीनों में भारत ने कोरोना के अलावा 2-2 चक्रवात, बाढ़ और टिड्डियों का हमला भी झेला है. भारत में 80 करोड़ लोगों को फ्री में अनाज दिया जा रहा है. फ्री कुकिंग गैस 80 मिलियन लोगों को दिया जा रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि जब 2020 शुरू हो रहा था तो किसी ने सोचा नहीं था कि ऐसी महामारी आएगी. जनवरी में हमारे पास कोरोना का 1 टेस्टिंग लैब था, अभी देशभर में 1600 टेस्टिंग लैब हैं. हमारे यहां डेथ रेट दुनियाभर के मुकाबले काफी कम है.
भारत और अमेरिका की दोस्ती लगातार मजबूत होती जा रही है. सत्ता पर दूसरी बार काबिज होने के बाद पीएम मोदी ने पिछले साल अमेरिका का दौरा किया था. वहीं, इस साल की शुरुआत में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत दौरे पर आए थे. यहां पर उनका शानदार स्वागत किया गया था. ट्रंप ने अहमदाबाद में विशाल जनसमूह को भी संबोधित किया था. वहीं, चीन से जारी तनाव के बीच अमेरिका भारत के साथ खड़ा रहा है.
यूएसआईएसपीएफ का तीसरा एनुअल लीडरशिप समिट 31 अगस्त से शुरू हुआ. पांच दिवसीय शिखर सम्मेलन का थीम 'यूएस-इंडिया नेविगेटिंग न्यू चैलेंजेस' है. इस वर्चुअल समिट में केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी हिस्सा ले रहे हैं. इस थीम में कई विषयों को शामिल किया गया है.
इस वक्त दुनिया कोरोना के संकट से गुजर रही है, साथ ही भारत के सामने चीन की भी चुनौती है. ऐसे में पीएम मोदी के संबोधन पर हर किसी की नजर है. चीन ने भारत पर अमेरिका के झांसे में आने का आरोप लगाया है तो अमेरिका चीन की इस चुनौती के मसले पर भारत के साथ खड़ा है.
यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो भारत और यूएस की साझेदारी के लिए काम करता है. इस बार इसमें भारत में ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की संभावनाएं, भारत के गैस बाजार में अवसर, भारत में एफडीआई को आकर्षित करने के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, कॉमन अपॉर्च्युनिटीज एंड चैलेंजेज इन टेक स्पेस, इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक इश्यूज, इनोवेशन इन पब्लिक हेल्थ और अन्य विषय शामिल है.
भारत-अमेरिका संबंधों पर होने वाले एक शिखर सम्मेलन को संबोधित करने से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट किया. पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा कि आज शाम USISP फोरम को संबोधित करूंगा. रात नौ बजे जरूर जुड़ें.