
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा में मंगलवार को 2024 के रैगिंग से जुड़े आंकड़ों को जारी किया है. 2024 में मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग के मामले में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है. इसके बाद बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश का नंबर है. यूपी में रैगिंग के शिकायतें बिहार से दोगुना दर्ज किए गए हैं.
रैगिंग के क्या आंकड़े आए सामने?
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने एक लिखित उत्तर में बताया कि 2024 में उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग के सबसे अधिक 33 शिकायतें दर्ज की गईं. इसके बाद बिहार में 17, राजस्थान में 15 और मध्य प्रदेश में 12 मामले सामने आए हैं.
रैगिंग के खिलाफ सख्त कदम
रैगिंग के खिलाफ भारत में सख्त कानून हैं. भारत में रैगिंग एक गैरकानूनी अपराध है. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने रैगिंग के मामलों के खिलाफ सख्त एक्शन ले रही है. रैगिंग के खिलाफ दर्ज शिकायतों की मॉनिटरिंग की जा रही है.
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राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग मेडिकल कॉलेजों के डीन और प्रिंसिपल के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नियमित मॉनिटरिंग और फॉलो-अप कर ही है. सभी मेडिकल कॉलेजों को हर साल एंटी-रैगिंग रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है. ताकि यह पता चल सके कि एंटी-रैगिंग नियमों का पालन सही से हो रहा है या नहीं. नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है. यहां तक की कॉलेज की मान्यता भी रद्द की जा सकती है.
एंटी-रैगिंग के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है?
मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग के रोकथाम के लिए कॉलेजों को जिम्मेदारियां दी गईं और स्पष्ट उपाय बताए गए हैं. रैगिंग को रोकने के लिए सभी मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग रोकथाम और निषेध नियम, 2021 लागू हैं.
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रैगिंग के रोकथाम के लिए ऑनलाइन अंडरटेकिंग ली जाती है. कॉलेज में एडमिशन लेने वाले छात्र और उनके अभिभावकों से एंटी-रैगिंग अंडरटेकिंग ली जाती है. यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) के ऑनलाइन पोर्टल पर अंडरटेकिंग जमा करना होता है.
रैगिंग की शिकायतों के लिए ऑनलाइन पोर्टल और हेल्पलाइन हैं. एंटी-रैगिंग सेल (antiragging@nmc.org.in) और UGC हेल्पलाइन (antiragging.ugc.ac.in) के जरिए शिकायतों की निगरानी और समाधान किया जाता है.