
उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी की सरकार राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने जा रही है. इसे लेकर विधानसभा में बिल पेश हो चुका है. हालांकि, विपक्ष के हंगामे के चलते बिल पास नहीं हो सका.
दरअसल, उत्तराखंड विधानसभा का सत्र जारी है. इस सत्र के दूसरे दिन यानी मंगलवार को यूसीसी बिल सदन में पेश किया गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बिल को सदन में रखा. हालांकि, कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी. जिस कारण सत्र को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया गया.
विधानसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर विपक्षी विधायकों को यूसीसी बिल की कॉपी दी गई. हालांकि, विपक्ष ने फिर बवाल काटा. विपक्ष ने आरोप लगाया कि उन्हें बिल को पढ़ने के लिए और समय चाहिए. शाम सात बजे तक कार्यवाही चली, लेकिन बवाल जारी रहा.
अब बुधवार को सुबह 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही फिर शुरू होगी. माना जा रहा है कि आज बिल पर सरकार और विपक्ष चर्चा करेंगे. बुधवार शाम को ही बिल पर वोटिंग होने की उम्मीद भी है.
यूसीसी बिल अगर विधानसभा में पास हो जाता है तो इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा. राज्यपाल के दस्तखत होते ही ये कानून बन जाएगा. इससे राज्य के सभी लोगों पर समान कानून लागू हो जाएंगे. हालांकि, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लोगों पर इसके प्रावधान लागू नहीं होंगे.
समान नागरिक संहिता का वादा बीजेपी ने 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान किया था. धामी की सरकार बनने के बाद इसे लेकर समिति बनाई गई थी. इस समिति ने ढाई लाख से ज्यादा सुझावों के बाद यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार किया है. अगर समान नागरिक संहिता का कानून बन जाता है तो उत्तराखंड ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य होगा. इससे पहले गोवा में समान नागरिक संहिता लागू है, लेकिन वहां पुर्तगाल के शासन काल से ही ये लागू है.