
उत्तराखंड के चमोली में 7 फरवरी को आए सैलाब से अब तक 35 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 160 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं. पांचवें दिन भी तपोवन टनल में फंसे करीब 35 मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में जिला प्रशासन की देखरेख में सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी और नेवी के साथ साथ वायुसेना की भी मदद ली जा रही है.
36 शव बरामद, 168 लोग लापता
गुरुवार को 2 अन्य लापता लोगों के शव अलकनंदा नदी किनारे से बरामद किए गए. डीएम स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि आपदा में लापता 206 लोगों में से अभी तक 36 लोगों के शव नदी किनारे विभिन्न स्थानों से बरामद हुए हैं. जबकि 168 लोग लापता चल रहे हैं, जिनकी तलाश जारी है. नियमानुसार 72 घंटे के बाद शवों का अंतिम संस्कार आज से शुरू किया गया है. इनके डीएनए जिला प्रशासन की मेडिकल टीम के पास जमा कराए गए हैं.
सुरंग में ड्रिलिंग का काम
उधर, टनल में फंसे लोगों को निकालने के लिए सुरंग में ड्रिलिंग का काम का जारी है. बीच में अलकनंदा नदी में अचानक बहाव तेज हो गया. इस वजह से ड्रिलिंग ऑपरेशन को रोकते हुए पहले मशीनें बाहर निकाली गईं, फिर रेस्क्यू टीम के लोगों को भी बाहर निकाला गया. हालांकि, बाद में रेस्क्यू ऑपरेशन फिर शुरू किया गया. बताया जा रहा है कि टनल के अंदर बार बार मलबा आ जा रहा है, जिस कारण रेस्क्यू में देरी हो रही है.
चिनूक हेलिकॉप्टर भी लगे हैं
चमोली हादसे के बाद सबसे बड़ी मुश्किल तपोवन की सुरंग में आ रही है, जहां अब भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है. सुरंग कीचड़ से भरी हुई है, ऐसे में अंदर जाने में काफी मुश्किलें हैं, लेकिन रेस्क्यू करने वाली टीमें युद्ध स्तर पर मिशन में जुटी हैं. रेस्क्यू टीमों में 600 से ज्यादा लोग लगातार मलबा निकालने में जुटे हैं. चमोली में राहत एवं बचाव कार्य के लिए चिनूक हेलिकॉप्टरों का भी उपयोग किया गया. बचाव दल के लिए चिनूक से सामान भेजा गया.
पहुंचाई जा रही है मदद
वहीं दूसरी ओर आपदा से प्रभावित सभी 13 गांवों मे हेलिकॉप्टर और आईटीबीपी की मदद से पहुंचाई जा रही है. इसके साथ ही मेडिकल टीम की भी इन जगहों पर तैनाती की गई है. रैणी गांव में बीआरओ के बहे मोटर पुल की जगह पर वैली ब्रिज का काम भी शुरू हो गया है. हादसे के पांचवे दिन मृतकों के परिजनों को सहायता राशि वितरण भी जिला प्रशासन द्वारा शुरू कर दिया गया है. सर्च ऑपरेशन भी तेजी से चल रहा है. लापता लोगों के बारे में उनके परिजनों को जानकारी देने के साथ भोजन व आवास व्यवस्था के लिए तपोवन में हेल्प डेस्क काउंटर एवं राहत शिविर भी लगाया गया है.
इस बीच राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने तपोवन पहुंचकर आपदा प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने लापता लोगों के परिजनों को ढांढस बंधाया. राज्यपाल ने ग्रामीणों से राहत बचाव कार्य में तेजी लाने की बात की है. उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल भी आपदा प्रभावित क्षेत्र रैणी गांव में पहुंचे थे.
गृह मंत्रालय में हाई लेवल मीटिंग
वहीं, उत्तराखंड के वर्तमान हालात और चल रहे राहत एवं बचाव कार्य को लेकर गृह मंत्रालय में गुरुवार को हाई लेवल मीटिंग हुई. बैठक में गृह सचिव, NDMA के अधिकारी, आईटीबीपी के DG, NDRF के डीजी के साथ-साथ एयरफोर्स और आर्मी के अधिकारी मौजूद रहे. इस बैठक में अभी तक के राहत एवं बचाव कार्यों का लिया जाएगा गया और आगे की रूपरेखा पर चर्चा की गई. उत्तराखंड के कई अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस मीटिंग में जुड़े थे.
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा हुआ था. चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना को पांच दिन पूरे हो चुके हैं, लेकिन अभी भी राहत और बचाव कार्य जारी है. तपोवन टनल से लेकर रैणी गांव तक करीब 170 लोग लापता हैं. इस बीच रेस्क्यू ऑपरेशन दिन-रात जारी है.