Advertisement

उत्तरकाशी की महापंचायत का विरोध तेज, मौलाना मदनी ने अमित शाह को लिखी चिट्ठी, SC में भी याचिका

उत्तरकाशी में 15 जून को होने वाली महापंचायत का मामला सुप्रीम कोर्ट के द्वार तक पहुंच गया है. यहां लव जिहाद को लेकर महापंचायत होने वाली है. दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और लेखक अशोक वाजपेयी ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखा है. वहीं, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा है.

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में तनाव की स्थिति बन रही है उत्तराखंड के उत्तरकाशी में तनाव की स्थिति बन रही है
अमित भारद्वाज/संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 13 जून 2023,
  • अपडेटेड 11:42 PM IST

उत्तराखंड के उत्तर काशी में 15 जून को होने वाली महापंचायत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. यहां लव जिहाद और धर्मांतरण के विरोध में महापंचायत बुलाई गई है. वहीं, लगातार उग्र हो रहे मामले की वजह से उत्तरकाशी जैसे ठंडे प्रदेश में नफरती चिंगारी सुलगती दिख रही है साथ ही यहां सांप्रदायिक तनाव की स्थिति गहराती जा रही है. दूसरी ओर जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने उत्तरकाशी उत्तराखंड में मुस्लिम समुदाय के निष्कासन की खुली धमकी पर गहरी चिंता व्यक्त की है. मौलाना मदनी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर उनसे इन मामलों कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. 

Advertisement

15 जून को बुलाई गई है महापंचायत
बता दें कि उत्तरकाशी में लव जिहाद के खिलाफ 15 जून को एक बड़ी महापंचायत बुलाई गई है. इस पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और लेखक अशोक वाजपेयी ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को भेजी यह पत्र याचिका भेजी है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से 15 जून को लव जिहाद के खिलाफ उत्तरकाशी में बुलाई गई एक बड़ी महापंचायत पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है. 

सीजेआई के नाम भेजी गई पत्र याचिका
सीजेआई के नाम भेजी गई पत्र याचिका में उत्तरकाशी में रह रहे अल्पसंख्यको को हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को अवकाशकालीन पीठ के सामने सुबह मेंशनिंग के दौरान इस मामले पर जल्द आदेश पारित करने की गुहार लगाई जाएगी. 

Advertisement

जेयूएच अध्यक्ष मौलाना मदनी ने लिखी अमित शाह को चिट्ठी
वहीं, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा है. ऐसे में उत्तरकाशी में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति गहराती जा रही है. जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने उत्तरकाशी उत्तराखंड में मुस्लिम समुदाय के निष्कासन की खुली धमकी पर गहरी चिंता व्यक्त की है. जेयूएच सचिव नियाज फारूकी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि, मौलाना मदनी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर विभाजन फैलाने वाली ताकतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और भारत के नागरिकों के जान-माल की रक्षा करने का आग्रह किया है

मदनी ने कहा- कानून-व्यवस्था और साम्प्रदायिक सौहार्द के मामले में उत्तराखंड एक अनुकरणीय राज्य रहा है, उत्तरकाशी में जो हो रहा है वह उसके स्वभाव से मेल नहीं खाता. वे खुलेआम दोनों संप्रदायों के बीच डर और दुश्मनी फैला रहे हैं.

मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध
पत्र में, मौलाना मदनी ने कहा, “मैं आपसे 15 जून 2023 को होने वाले कार्यक्रम (महापंचायत) को रोकने का अनुरोध करता हूं, जिससे राज्य में सांप्रदायिक संघर्ष हो सकता है. इसके साथ ही हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच खाई और बढ़ सकती है. मैं आपसे न केवल व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने और आवश्यक आदेश जारी करने का अनुरोध करता हूं, बल्कि विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के अलावा कानून प्रवर्तन एजेंसियों को निर्देश देता हूं कि वे अपने धर्म और जातीय पृष्ठभूमि के बावजूद हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करें.

Advertisement

उत्तरकाशी के पुरोला कस्बे से शुरू हुआ मामला
बता दें कि, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के कस्बे पुरोला से इस पूरे मामले की शुरुआत हुई है. यहां एक नाबालिग लड़की के अपहरण के मामले में बवाल मच गया है. हिंदू संगठन पुरोला में लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे ही प्रदर्शन बड़कोट, चिन्यालीसौड़ और भटवारी में हो रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने मुस्लिम दुकानदारों की दुकानों पर पोस्टर लगाए हैं, इन पोस्टरों में दुकान खाली करने की धमकी दी गई है. कुछ मुस्लिम दुकानदारों के पलायन की भी खबर है. हालांकि, पुलिस ने दुकानदारों के उत्तरकाशी छोड़ने की खबरों का खंडन किया है. इतना ही नहीं पुलिस का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है. 

ये है वजह
जानकारी के मुताबिक, उत्तरकाशी जिले के पुरोला में 26 मई को एक मुस्लिम समेत दो युवकों ने एक स्थानीय हिंदू दुकानदार की नाबालिग बेटी के अपहरण की कथित तौर पर कोशिश की थी. हालांकि, कुछ स्थानीय युवकों ने नाबालिग को बचा लिया. इसके बाद पुरोला समेत आसपास के इलाकों में लोगों का आक्रोश फूट पड़ा और देखते ही देखते मुस्लिम समुदाय के लोगों के खिलाफ पुरोला में प्रदर्शन शुरू हो गए. पुरोला के अलावा बड़कोट, चिन्यालीसौड़ और भटवारी में भी ऐसे ही विरोध प्रदर्शन हुए.

Advertisement

पुरोला में लगाए गए थे ऐसे पोस्टर
पुरोला में विरोध प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम दुकानदारों की दुकानों पर पोस्टर भी लगाए गए. इन पोस्टरों में लिखा था, 'लव जिहादियों को सूचित किया जाता है, 15 जून 2023 को होने वाली महापंचायत से पहले अपनी दुकानें खाली कर दें, अगर ऐसा नहीं किया जाता तो वह वक्त पर निर्भर करेगा...' ये पोस्टर देवभूमि रक्षा अभियान के तहत लगाए गए हैं.

लव जिहाद के खिलाफ एक्शन में सीएम धामी
सीएम पुष्कर धामी राज्य में लव जिहाद के खिलाफ एक्शन में हैं. उन्होंने बीते 10 जून को हाई प्रोफाइल बैठक बुलाई गई थी. इसमें डीजीपी समेत सरकार के आला अफसर मौजूद रहे. बैठक खत्म होने के बाद सीएम ने कहा था कि सरकार की तरफ से इसमें कोई कोताही नहीं बरती जाएगी. उत्तराखंड शांति प्रिय प्रदेश है. इसे सॉफ्ट टारगेट नहीं बनने देंगे. कहा कि डेमोग्राफिक बदलाव के चलते जो भी लोग इसमें संलिप्त पाए जाएंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. सरकार जल्द ही प्रदेश में सत्यापन अभियान चलाएगी और डेमोग्राफिक बदलावों के सारे आंकड़े एकत्रित करेगी.

3 महीने में सामने आए 46 से ज्यादा केस
सीएम ने कहा कि आज के समय में तकनीक का उपयोग करके धर्मांतरण जैसे रैकेट चलाए जा रहे हैं. इस पर नकेल कसी जाएगी. सरकार लोगों को इसके प्रति जागरूक करने का काम करेगी. डीजीपी अशोक कुमार ने कहा था कि पुलिस विभाग में जल्द 100 साइबर वारियर्स बनाए जाएंगे. साथ ही लव जिहाद को रोकने के लिए विभिन्न ऐप्स पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी. बताया जा रहा है कि प्रदेश में पिछले 3 महीने में 46 से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं. हिमाचल प्रदेश से लगा पछवा दून विकासनगर, उत्तरकाशी, गौचर, हरिद्वार, डोईवाला और देहरादून शहर में ऐसे मामले प्रकाश में आए हैं.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement