
उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग में 17 दिन से चल रही जंग आखिरकार जीत ली गई. यहां 12 नवंबर से 41 मजदूर फंसे हुए थे. मंगलवार शाम को इन सभी मजदूरों को एक-एक कर बाहर निकाला गया. सभी मजदूर सुरक्षित हैं और चिन्यालीसौड़ के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में इन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है.
इन मजदूरों के बाहर आते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने माला पहनाकर इनका स्वागत किया. वहीं, 17 दिन से अपनों के बाहर आने का इंतजार कर रहे परिजनों की आंखों में खुशी के आंसूं आ गए. रेस्क्यू किए गए मजदूरों में से कुछ पश्चिम बंगाल से भी थे. इन्हीं में से एक सौभिक पाखिरा से उनकी मां लक्ष्मी ने फोन पर बातचीत की.
क्या हुई दोनों में बातचीत?
लक्ष्मी ने बंगाली भाषा में अपने बेटे से बात करते हुए पूछा, 'क्या उन्होंने तुम्हारा हेल्थ चेकअप किया है?' इसका जवाब देते हुए सौभिक ने कहा, 'हां, उन्होंने चेकअप कर लिया है और अब वो हमें अस्पताल लेकर जाएंगे.'
मां ने बातचीत के दौरान अपने बेटे से वापस आने पर हर एक जानकारी साझा करने को कहा. एक और रिश्तेदार की भी यही चिंता थी और उसने उससे कहा, 'सुरक्षित घर आ जाओ'.
आगे मां ने कहा, 'भगवान ने हमेशा तुम पर अपनी कृपा बनाए रखी. तुमने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. मुझे खुशी है कि मैंने तुम जैसे बेटे को जन्म दिया.' कॉल के आखिर में उन्होंने अपने बेटे से कहा, 'नहाओ और नए कपड़े पहनो'.
12 नवंबर से फंसे थे मजदूर
ये हादसा दिवाली के दिन यानी 12 नवंबर को हुआ था. ये मजदूर इसी सुरंग में काम कर रहे थे. तभी सुरंग धंस गई और मजदूर 60 मीटर लंबी मलबे की दीवार के पीछे धंस गए. उसके बाद से ही इन मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए तेजी से ऑपरेशन चलाया जा रहा था.