
उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू टीमें जी जान से जुटी हैं. ऑगर मशीन के फेल होने के बाद रैट माइनर्स ने बाकी काम को पूरा करने का जिम्मा उठाया. सुरंग में 17 दिन से फंसे मजदूरों को निकालने के लिए जहां देश-विदेश की बड़ी बड़ी मशीनें फेल होती नजर आ रही थीं, वहां रैट माइनर्स कमाल दिखाते नजर आ रहे हैं.
रैट माइनर्स ने कल से अब तक 4-5 मीटर की खुदाई कर ली है. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि 52 मीटर तक पाइप डाले जा चुके हैं. 57 मीटर दूरी तक पाइप डाले जाने हैं. यानी रेस्क्यू टीमें मजदूरों से सिर्फ 3 मीटर की दूरी पर हैं. दूसरी ओर पहाड़ पर वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है. अब तक 42 मीटर की खुदाई की जा चुकी है. कुल 86 मीटर वर्टिकल खुदाई की जानी है.
मशीनें फेल हुईं, तब मैन्युअल खुदाई की लिया सहारा
ऑगर मशीन 48 मीटर की खुदाई करने के बाद सुरंग में फंस गई थी. इसके बाद इसे काटकर बाहर निकाला गया. इसके बाद रैट माइनर्स को बुलाया गया. ये एक्सपर्ट मैन्युअल खुदाई कर रहे हैं. अब तक 4-5 मीटर खुदाई की जा चुकी है. पाइप भी डाले जा चुके हैं.
रैट माइनर्स 800 मिमी व्यास के पाइप से घुसकर हाथ से मलबा निकाल रहे हैं. ताकि इनसे आगे पाइप डाला जा सके.
वर्टिकल ड्रिंग भी जारी
रेस्क्यू टीमें एक साथ कई प्लान के साथ मजदूरों को बाहर निकालने के लिए काम कर रही हैं. इनमें हॉरिजेंटल के साथ वर्टिकल ड्रिलिंग भी शामिल है. मजदूरों को निकालने के लिए लगी ऑगर मशीन के फेल होने के बाद वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की गई थी. इसके लिए बीआरओ ने सुरंग के ऊपर तक सड़क बनाई है. उसके बाद मशीन को ऊपर लगाया गया. मशीन अब तक 42 मीटर तक खुदाई कर चुकी है. हालांकि, कुल 86 मीटर की खुदाई की जानी थी.
ऑगर मशीन को काटकर निकाला गया बाहर
रैट माइनर्स ने शुरू किया रेस्क्यू
12 नवंबर से फंसे हैं मजदूर
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम ‘ऑल वेदर सड़क' (हर मौसम में आवाजाही के लिए खुली रहने वाली सड़क) परियोजना का हिस्सा है. ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही यह सुरंग 4.5 किलोमीटर लंबी है. 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया. इससे मजदूर सुरंग के अंदर ही फंस गए. इन्हें निकलने के लिए 16 दिन से रेस्क्यू अभियान जारी है. लेकिन अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिली.