
देशभर में वंदे भारत एक्सप्रेस का नेटवर्क बढ़ाने का काम तेजी से चल रहा है. इसी के साथ वंदे भारत ट्रेन की सुरक्षा के लिए भी रेलवे कार्य कर रहा है. वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से मवेशियों के टकराने की घटना को रोकने के लिए पश्चिम रेलवे (डब्ल्यूआर) ने 620 किलोमीटर से अधिक लंबे मुंबई-अहमदाबाद ट्रंक मार्ग पर मेटल बैरियर लगाने का काम शुरू कर दिया है.
पश्चिम रेलवे के मुख्य प्रवक्ता सुमित ठाकुर ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि वडोदरा मंडल के तहत अंकलेश्वर-भरूच खंड पर मेटल बीम बाड़ लगाने का काम शुरू हो गया है और यह काम जोरों पर चल रहा है. वंदे भारत ट्रेन से कई बार मवेशियों के टकराने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. इसी को देखते हुए रेलवे ने ट्रैक के वंदे भारत रूट्स पर बाड़ लगाने का फैसला लिया है.
सुमित ठाकुर के मुताबिक, 622 किलोमीटर लंबे रूट पर फेंसिंग का काम शुरू हो चुका है. इस पूरे प्रोजेक्ट में 245.26 रुपये खर्च होंगे. सुमित ठाकुर की माने तो बाड़ लगाने का काम अगले 4 से 5 महीनों में पूरा हो जाएगा. बाड़ लगने के बाद मवेशियों के ट्रेन से टकराने की घटनाओं पर रोक लगाने में मदद मिलेगी. इससे ट्रेन की भी सुचारू आवाजाही हो सकेगी.
पश्चिमी रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, बाड़ लगाने के काम के लिए कंक्रीट की दीवारों के निर्माण के बजाय स्टील से बनी रेलिंग का उपयोग हो रहा है. रेलवे प्रशासन ने बताया कि इस तरह की बाड़ का उपयोग राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ, विशेष रूप से दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में किया जाता है, ताकि वाहनों के साथ-साथ पैदल चलने वालों को भी सुरक्षा प्रदान की जा सके.
पश्चिमी रेलवे का कहना है कि ट्रेन से मवेशियों के टकराने की घटनाओं के चलते ट्रेन संचालन पर प्रभाव पड़ता है, दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है और रेलवे संपत्ति को नुकसान होता है. ऐसी घटनाओं से मवेशियों की जान को भी खतरा होता है और उनके मालिकों को आर्थिक नुकसान होता है.
वंदे भारत का नेटवर्क बढ़ाने का हो रहा काम
रेलवे बोर्ड देशभर में 400 सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों को चलाने की तैयारी कर रहा है. बता दें कि वंदे भारत ट्रेन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. इनमें जीपीएस आधारित सूचना सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे, वैक्यूम आधारित बायो टॉयलेट, ऑटोमैटिक स्लाइडिंग डोर और हर कोच में चार आपातकालीन पुश बटन हैं.