
गुजरात में इस साल विधानसभा का चुनाव होना है. उससे पहले आदिवासी राजनीति एक बार फिर गरमा गयी है. पहले तापी पार रिवरलिंक प्रोजेक्ट को लेकर कांग्रेस के स्थानीय विधायक अनंत पटेल के जरिए विरोध किया गया था. जिसका नतीजा ये था कि गुजरात सरकार को आखिरकार इस प्रोजेक्ट को रद्द करना पड़ा था. जिसे आदिवासियों की बड़ी जीत के तौर पर माना जा रहा है. वहीं अब आदिवासियों की जमीन और जंगल पर बनने वाले भारतमाला प्रोजेक्ट के नवसारी से नासिक-चैन्नई एक्सप्रेस हाइवे का विरोध किया जा रहा है.
भारतमाला परियोजना के तहत नवसारी नासिक-चेन्नई एक्सप्रेस हाईवे के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर प्रभावित किसानों की ओर से दी गई आपत्ति याचिका पर सुनवाई की गई. इस सुनवाई पर वांसदा के कांग्रेस विधायक की अगुवाई में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ. नवसारी सब डिविज़नल मजिस्ट्रेट कचहरी में पहुंचकर लोगों ने जमकर नारेबाजी की और सामूहिक विरोध दर्ज कराया. याचिकाकर्ताओं द्वारा दिए गए ज्ञापन में स्पष्ट शब्दों में लिखा गया कि ''सुनवाई के लिए नवसारी तक बुलाना उचित नहीं है. हम सरकार की इस एक्सप्रेस वे परियोजना में अपनी एक इंच भी जमीन नहीं देना चाहते हैं. यदि सरकार जबरन हमारी जमीन लेने की बात करती है तो हमें आत्म-विलोपन (सुसाइड) का मार्ग अपनाना पड़ेगा''.
वहीं इस प्रोजेक्ट का विरोध करने वाले वांसदा विधायक अनंत पटेल ने कहा है कि जब बाढ़ के हालात से लोग परेशान हैं ऐसे में दो दिनों के अंदर यहां बुलाकर जो सुनवाई की गयी है आज हम सभी चिखली वांसदा के लोग इस लोकसुनवाई का विरोध कर रहे हैं. नवसारी सब डिविज़नल मजिस्ट्रेट के कार्यालय में प्रभावित किसानों ने याचिका दायर कर अपनी जमीन देने से इंकार किया है.
27 गांवों से होकर गुजरेगा प्रोजेक्ट
प्रांतीय अधिकारी ने कहा की प्रोजेक्ट अनुसार राजमार्ग नवसारी जिले के कुल 27 गांवों से होकर गुजरने वाला है. जिसमें नवसारी तहसील के 8, चिखली तहसील के 10 और वांसदा तहसील के 9 गांवों से आपत्ति याचिका मंगवाई गई थी. जिसमें वांसदा तहसील के कुछ याचिकाकर्ताओं को सुनने के लिए आज एक सुनवाई रखी गई थी. जिसमें सुनवाई का लोगों द्वारा विरोध किया गया. इस मामले की रिपोर्ट परियोजना निदेशक राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के पास भेजा जाएगी. जिसके बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी और आपत्ति आवेदन का जवाब दिया जाएगा.