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'11,000 करोड़ खर्च के बावजूद गंगा में प्रदूषण क्यों?' अब वरुण गांधी ने नमामि गंगे पर उठाए सवाल

वरुण गांधी ने कहा, गंगा हमारे लिए सिर्फ नदी नहीं, 'मां' है. करोड़ों देशवासियों के जीवन, धर्म और अस्तित्व का मां गंगा आधार है. इसलिए नमामि गंगे पर 20,000 करोड़ का बजट बना. लेकिन 11,000 करोड़ खर्च के बावजूद प्रदूषण क्यों? गंगा तो जीवनदायिनी है, फिर गंदे पानी के कारण मछलियों की मौत क्यों? जवाबदेही किसकी?

वरुण गांधी (फाइल फोटो) वरुण गांधी (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 3:02 PM IST

बीजेपी सांसद वरुण गांधी महंगाई, बेरोजगारी और अग्निपथ योजना जैसे मुद्दों पर लगातार अपनी ही सरकार को घेर रहे हैं. इसी बीच वरुण गांधी ने अब मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे पर सवाल उठाए हैं. वरुण गांधी ने ट्वीट कर पूछा कि 11,000 करोड़ खर्च के बावजूद गंगा में प्रदूषण क्यों?

वरुण गांधी ने एक वीडियो शेयर करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा, गंगा हमारे लिए सिर्फ नदी नहीं, 'मां' है. करोड़ों देशवासियों के जीवन, धर्म और अस्तित्व का मां गंगा आधार है. इसलिए नमामि गंगे पर 20,000 करोड़ का बजट बना. लेकिन 11,000 करोड़ खर्च के बावजूद प्रदूषण क्यों? गंगा तो जीवनदायिनी है, फिर गंदे पानी के कारण मछलियों की मौत क्यों? जवाबदेही किसकी?

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गंगा हमारे लिए सिर्फ नदी नहीं, 'मां' है। करोड़ों देशवासियों के जीवन, धर्म और अस्तित्व का आधार है मां गंगा।

इसलिए नमामि गंगे पर 20,000 करोड़ का बजट बना। 11,000 करोड़ खर्च के बावजूद प्रदूषण क्यों?

गंगा तो जीवनदायिनी है, फिर गंदे पानी के कारण मछलियों की मौत क्यों? जवाबदेही किसकी? pic.twitter.com/fcSsO7VP0N

— Varun Gandhi (@varungandhi80) July 26, 2022

वरुण गांधी ने गंगा का एक वीडियो भी शेयर किया है. इसमें प्रदूषित गंगा नजर आ रही है. गंगा में मरी हुई मछलियां दिख रही हैं. साथ ही कई जगहों पर नदियों में नाले गिरते नजर आ रहे हैं. 

वरुण के निशाने पर मोदी सरकार

इससे पहले वरुण गांधी ने रेल किराए में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट को खत्म करने के मुद्दे को उठाया था. उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया था. वरुण ने कहा था कि जब सांसदों को रेल किराए में मिलने वाली सब्सिडी जारी है, तब देश के बुजुर्गों को मिलने वाली राहत हमें बोझ लगने लगी? उम्र के आखिरी पड़ाव पर अपने लोगों का साथ छोड़ देना असंवेदनशीलता है. इस पर पुनर्विचार होना चाहिए. 

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बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का भी उठाया था मुद्दा

पीएम मोदी ने 16 जुलाई को यूपी के जालौन से बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का उद्घाटन किया था. लेकिन 5 दिन बाद ही एक्सप्रेस वे के बह जाने की खबर सामने आई थी. इसके बाद वरुण गांधी ने ट्वीट किया था कि 15 हजार करोड़ की लागत से बना एक्सप्रेसवे अगर बरसात के 5 दिन भी ना झेल सके तो उसकी गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्न खड़े होते हैं. इस प्रोजेक्ट के मुखिया, सम्बंधित इंजीनियर और जिम्मेदार कंपनियों को तत्काल तलब कर उनपर कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करनी होगी. 

 

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