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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने छात्रों को किया संबोधित, बिना नाम लिए राहुल गांधी पर साधा निशाना

छात्रों से बात करते हुए जगदीप धनखड़ ने कहा, “मुझे आपसे सहायता की अपेक्षा है. मेरी आपसे विनती है कि हमारे युवाओं को उन ताकतों का समान रूप से खंडन और निष्प्रभावी करना चाहिए जो अपने स्वार्थ को राष्ट्र के हित से ऊपर रखते हैं. हम इसकी इजाज़त नहीं दे सकते. यदि ऐसा होता है तो यह हमारे उत्थान के लिए नुकसानदायक सिद्ध होगा.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (फाइल फोटो) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (फाइल फोटो)
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 16 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 5:40 PM IST

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय दिल्ली में आईपी कानून और प्रबंधन में संयुक्त मास्टर्स/एलएलएम डिग्री के पहले बैच को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने बिना नाम लिए नेता विपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि  संवैधानिक पदों पर बैठे लोग सर्वोच्च न्यायालय से हमारी अर्थव्यवस्था को नष्ट करने के उद्देश्य से एक अफवाह को हवा देने के लिए कह रहे हैं.

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इस दौरान मौजूद छात्रों से बात करते हुए जगदीप धनखड़ ने कहा, “मुझे आपसे सहायता की अपेक्षा है. मेरी आपसे विनती है कि हमारे युवाओं को उन ताकतों का समान रूप से खंडन और निष्प्रभावी करना चाहिए जो अपने स्वार्थ को राष्ट्र के हित से ऊपर रखते हैं. हम इसकी इजाज़त नहीं दे सकते. यदि ऐसा होता है तो यह हमारे उत्थान के लिए नुकसानदायक सिद्ध होगा.

उन्होंने कहा कि आप कानून के विद्यार्थी हैं. मैं आपके लिए दो विचार रखता हूं. मंथन कीजिए और पता लगाइए. विधायिका हो, कार्यपालिका हो या न्यायपालिका हो, संविधान द्वारा संस्थाओं की परिधि को भारतीय संविधान द्वारा परिभाषित किया गया है. दुनिया भर में देखें, यूएस में सर्वोच्च न्यायालय, यूके में सर्वोच्च न्यायालय या अन्य प्रारूपों को देखें. न्यायालयों का क्षेत्राधिकार तय किया जाता है.

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उपराष्ट्रपति ने कहा कि क्या एक बार भी स्वतः संज्ञान लिया गया है? क्या संविधान में जो प्रावधान है उससे परे कोई उपाय बनाया गया है? संविधान मूल क्षेत्राधिकार, अपीलीय क्षेत्राधिकार प्रदान करता है. यह समीक्षा भी प्रदान करता है. लेकिन हमारे यहां क्यूरेटिव पेटिशन भी है. यदि आप इन बारीकियों पर ध्यान केंद्रित नहीं करते हैं, तो मुझे आश्चर्य है कि यह कौन करेगा. इसके बारे में आपको सोचना चाहिए. मुझे तब अत्यधिक चिंता हुई जब पिछले सप्ताह ही एक संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति ने एक बहुप्रचारित मीडिया में यह घोषणा करते हुए सुप्रीम कोर्ट से हमारी अर्थव्यवस्था को नष्ट करने के उद्देश्य से फैलाई गई अफवाह पर स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया.

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