
संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण चल रहा है और दूसरे चरण में दोनों सदन हंगामे के कारण नहीं चल पा रहे हैं. संसद के दोनों सदनों में बजट सत्र के दूसरे चरण में 12 दिन की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ चुकी है. संसद नहीं चल पाने को लेकर अब देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का बयान आया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक कार्यक्रम में कहा है कि चालू बजट सत्र के दौरान दोनों सदनों की कार्यवाही में लगातार व्यवधान उत्पन्न हो रहा है. अव्यवस्था संसद में सामान्य व्यवस्था बन गई है. उन्होंने ये भी कहा कि लोकतंत्र के मंदिर जो संवाद, बहस, चर्चा और विचार-विमर्श का मंच होते हैं, व्यवधान से त्रस्त हैं. अव्यवस्था ही संसद में सामान्य व्यवस्था बन गई है.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि किसी गतिशील लोकतंत्र में ऐसा कभी नहीं होगा कि कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के बीच कोई मुद्दा न हो. उन्होंने कहा कि समस्याओं का होना तय है. सहयोगी रुख अपनाकर इन समस्याओं को हल करने की जरूरत है. उपराष्ट्रपति ने ये भी कहा कि विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका अपने-अपने कार्यक्षेत्र तक सीमित रहते हुए सद्भाव और तालमेल के साथ काम करें तो जनहित में बेहतर सेवा की जा सकती है.
बेहतर तालमेल के लिए तंत्र विकसित किया जाए
उन्होंने ये सुझाव भी दिया कि विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच संवाद के लिए एक बेहतर तंत्र विकसित किया जाए जिससे मुद्दों को सुलझाया जा सके. गौरतलब है कि न्यापालिका को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब कुछ ही समय पहले उन्होंने संसद से पारित कॉलेजियम प्रणाली लगभग खत्म करने के लिए संसद से पास कानून रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए थे.
कानून मंत्री किरन रिजिजू ने हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम प्रणाली को भारतीय संविधान के लिए विदेशी बताया था. दूसरी तरफ, संसद के दोनों सदनों में भी लगातार हंगामा हो रहा है. हंगामे के बीच जरूरी काम-काज जरूर निपटाए जा रहे लेकिन किसी भी विषय पर चर्चा संभव नहीं हो पा रही है. संसद के दोनों सदनों में सत्तापक्ष और विपक्ष, दोनों ही हंगामा कर रहे हैं.
राहुल के लंदन वाले बयान पर शुरू हुआ था घमासान
सत्तापक्ष ने चालू बजट सत्र के दूसरे चरण में राहुल गांधी के लंदन वाले बयान को लेकर हल्ला बोल दिया. सत्तापक्ष राहुल गांधी के माफी मांगने की मांग पर अड़ा रहा तो वहीं विपक्ष अडानी मुद्दे की जांच के लिए जेपीसी की मांग को लेकर हंगामा कर रहा है. संसद के चालू बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत 13 मार्च से हुई थी.
राहुल गांधी की अयोग्यता के बाद उग्र हुआ विपक्ष
संसद के दोनों सदनों में शुरुआती दिनों में थोड़े नरम नजर आए विपक्ष के तेवर राहुल गांधी की अयोग्यता के बाद उग्र हो गए हैं. पहले राहुल गांधी के बयान पर चर्चा की मांग करते हुए सत्तापक्ष पर पलटवार करने वाले विपक्ष अब दोनों सदनों में सरकार पर हमलावर हो गया है. राहुल गांधी को साल 2019 के चुनाव के समय दिए गए एक बयान से संबंधित आपराधिक मुकदमे में दोषी ठहराया गया था.
सूरत की कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी. कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया था. इसके बाद से विपक्षी सांसद हर रोज लोकसभा में तख्तियां लेकर पहुंच रहे हैं जिन पर डेमोक्रेसी इन डेंजर, सेव डेमोक्रेसी जैसे स्लोगन लिखे रहते हैं.