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उपराष्ट्रपति चुनावः जगदीप धनखड़ को मिले 73% वोट, बनाया 6 चुनाव में सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड

उराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ की धाकड़ जीत कई मायनों में खास है. जगदीप धनखड़ की ये जीत पिछले छह चुनाव में उपराष्ट्रपति पद सबसे बड़ी जीत है, साथ ही वे राजस्थान से आने वाले दूसरे उपराष्ट्रपति भी बन गए हैं. जगदीप धनखड़ बीजेपी की ओर से उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचने वाले पहले ऐसे नेता भी बन गए हैं जिसने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत संघ से नहीं की थी.

जगदीप धनखड़ (फाइल फोटोः पीटीआई) जगदीप धनखड़ (फाइल फोटोः पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 11:06 AM IST

राष्ट्रपति के बाद अब देश को अगला उपराष्ट्रपति भी मिल गया है. चुनावी शोर थम चुका है. उपराष्ट्रपति चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने 725 वैध वोट में से 528 वोट पाकर धाकड़ जीत दर्ज की है. विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले.

एनडीए के जगदीप धनखड़ की ये जीत कई मायनों में खास है. मत फीसदी के लिहाज से देखें तो जगदीप धनखड़ को करीब 73 फीसदी वोट मिले. उपराष्ट्रपति चुनाव के अतीत पर नजर डालें तो साल 1997 के चुनाव से लेकर अब तक, जगदीप धनखड़ पिछले छह चुनाव में सबसे अधिक वोट पाने वाले उपराष्ट्रपति बन गए हैं.

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सबसे अधिक वोट के साथ उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने का रिकॉर्ड केआर नारायणन के नाम पर दर्ज है. केआर नारायणन को साल 1992 के चुनाव में कुल 701 में से 700 वोट मिले थे. सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड केआर नारायणन के नाम ही दर्ज है. जगदीप धनखड़ ने जीत के अंतर के मामले में वेंकैया नायडू को भी पीछे छोड़ दिया है.

उपराष्ट्रपति चुनाव में जगदीप धनखड़ की जीत का अंतर वेंकैया नायडू की तुलना में करीब दो फीसदी अधिक रहा. वेंकैया नायडू को 2017 के चुनाव कुल 760 वैध वोट में से 67.89 फीसदी वोट मिले थे. कांग्रेस के मोहम्मद हामिद अंसारी ने 2007 के उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 762 वैध वोट में से 60.51% वोट प्राप्त किए थे.

भैरो सिंह शेखावत के बाद राजस्थान से दूसरे उपराष्ट्रपति

जगदीप धनखड़ राजस्थान से आने वाले दूसरे उपराष्ट्रपति बन गए हैं. जगदीप धनखड़ से पहले राजस्थान के भैरो सिंह शेखावत उपराष्ट्रपति रह चुके हैं. जगदीप धनखड़ बीजेपी की ओर से उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचने वाले ऐसे पहले व्यक्ति भी बन गए हैं जिसने अपना सियासी सफर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से शुरू नहीं किया.

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जनता दल की सरकार में रहे हैं मंत्री

राजस्थान के एक गांव के कृषक परिवार में जन्में जगदीप धनखड़ पेशे से वकील हैं. 71 साल के जगदीप धनखड़ ने राजस्थान हाईकोर्ट के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में भी प्रैक्टिस की है. वे राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का भी नेतृत्व कर चुके हैं. जगदीप धनखड़ ने साल 1989 में राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी. वे 1989 में पहली दफे राजस्थान की झुंझुनू लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए थे और चंद्रशेखर के नेतृत्व वाली जनता दल सरकार में संसदीय मामलों के राज्यमंत्री बनाए गए. जगदीप धनखड़ जनता दल के बाद कांग्रेस में भी रहे और इसके बाद वे बीजेपी में शामिल हो गए थे.

2019 में बनाए गए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल

जगदीप धनखड़ को केंद्र सरकार ने साल 2019 में पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया था. जगदीप धनखड़ राजस्थान में जाट समुदाय को ओबीसी का दर्जा देने के साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग से जुड़े मसलों के समाधान का समर्थन करते रहे हैं. उपराष्ट्रपति चुनाव में जगदीप धनखड़ की ये धाकड़ जीत बीजेपी के वर्चस्व की ओर ही इशारा कर रही है. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति से लेकर लोकसभा स्पीकर तक, शीर्ष पदों पर बीजेपी के उम्मीदवार ही विजयी रहे हैं.

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