
आतंकी संगठन ISIS के पुणे मॉड्यूल केस में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने जामिया यूनिवर्सिटी के जिस PHD स्टूडेंट अरशद वारसी को गिरफ्तार किया था अब उसका एक पुराना वीडियो सामने आया है. उस वीडियो में अरशद वारसी CAA/NRC प्रोटेस्ट के दौरान जामिया यूनिवर्सिटी के बाहर नारे लगाते हुए नजर आ रहा है.
उस पुराने वीडियो में अरशद वारसी नारा लगा रहा है, 'तेरा-मेरा रिश्ता क्या है, ला इलाहा इल्ललाह, जामिया का मकसद क्या? ला इलाहा इलाल्लाह, रोहिंग्या से रिश्ता क्या? ला इलाहा इलाल्लाह, कश्मीरियों से रिश्ता क्या? ला इलाहा इलाल्लाह, JNU से रिश्ता क्या? ला इलाहा इलाल्लाह, AMU का मकसद क्या? ला इलाहा इलालाह.
बता दें की 2 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने ओखला और जामिया इलाके में छापा मारकर NIA से वांटेड 3 लाख के इनामी आतंकी शाहनवाज और जामिया से PHD कर रहे अरशद वारसी को गिरफ्तार किया था, अरशद वारसी और शाहनवाज दिल्ली में बड़े हमले की साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे.
CAA/NRC प्रोटेस्ट के दौरान अरशद वारसी ने STUDENT OF JAMIA नाम का ग्रुप बनाया था, ये बेहद कट्टरपंथी लोगों का ग्रुप था जिसका रोल दिल्ली दंगों में भी सामने आया था. अरशद वारसी ने CAA/NRC के दौरान सबसे पहले नारा दिया था...तेरा मेरा रिश्ता क्या, ला इलाहा इलाल्लाह. अरशद वारसी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा था (La Ilaha is against secularism) ला इलाहा इलाल्लाह धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है.
सूत्रों के मुताबिक खुफिया एजेंसियां अब इस बात की जांच कर रही हैं कि CAA/NRC प्रदर्शन की आड़ में अरशद वारसी और इसके ग्रुप ने JAMIA और Aligarh के कितने नौजवानों को भड़काया और उन्हें कट्टरपंथी बनाया है. 2 अक्टूबर को ही स्पेशल सेल ने खुलासा किया था कि गिरफ्तार आतंकी ISIS पुणे मॉड्यूल से जुड़े हुए थे.
इतना ही नहीं स्पेशल सेल ने दावा किया था कि आतंकी फरहतुल्ला गोरी ISIS के नाम पर पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर भारत से फरार हुआ था. वो सोशल मीडिया के जरिए गिरफ्तार किए गए आरोपियों को कट्टरपंथी बना रहा था.
फरहतुल्ला गोरी ने गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर आतंकी हमला किया था, उसके बाद से वो फरार होकर पाकिस्तान में छुपा बैठा है और ISI के साथ मिलकर भारत के नामी यूनिवर्सिटी के नौजवानों को सोशल मीडिया के जरिए स्लीपर सेल बना रहा है.