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मुस्लिम समाज के तीर्थ स्थल हज पर जाने के लिए सरकार की ओर से मिलने वाले वीआईपी कोटे को अब खत्म किया जा रहा है. दरअसल पहले हज पर जाने को लेकर कुछ आरक्षित सीटें हुआ करती थीं. लेकिन इस कदम के बाद हज जाने वाले सभी लोग आम यात्रियों की तरह ही यात्रा करेंगे. किसी भी यात्री को कोई खास वीआई कल्चर नहीं मिलेगा. यहां हम आपको बता रहे हैं कि पहले से लागू ये वीआईपी कोटा आखिर था क्या?
क्या है हज का वीआईपी कोटा?
साल 2012 में यह वीआईपी कोटा लागू किया गया था, जिसके लिए 500 सीटें तय की गई थीं. इस कोटे के तहत राष्ट्रपति के पास सौ हज यात्रियों का कोटा होता था। वहीं, प्रधानमंत्री के पास 75, उप राष्ट्रपति के पास 75 और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री के पास 50 का कोटा होता था. इसके अलावा हज कमेटी के सदस्यों/ पदाधिकारियों के पास 200 हज यात्रियों का कोटा होता था. लेकिन नई हज नीति के मसौदे में अब इसे खत्म किया जा रहा है.
हज यात्रियों की संख्या पर से प्रतिबंध हटा
इधर साउदी अरब ने भी हाल ही में तीन साल से हज करने वालों की संख्या पर लगे प्रतिबंध को हटाने का ऐलान किया था. सऊदी अरब के इस फैसले के बाद जितनी तादाद में कोरोना माहमारी से पहले जायरीन हज करते थे, अब वो उतनी ही संख्या में हज के लिए जा सकेंगे. इसके अलावा सरकार ने आयु सीमा के प्रतिबंध को भी हटाने का ऐलान किया था.
कोरोना के चलते लगे थे प्रतिबंध
कोरोना से पहले साल 2019 में लगभग 25 लाख लोग हज पर गए थे. लेकिन महामारी के कारण उसके बाद के दो सालों में जायरीनों की संख्या में भारी कमी देखने को मिली थी. सऊदी अरब के हज और उमराह मंत्री तौफीक अल राबियाह ने रियाद में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा था कि सऊदी अरब इस साल हज यात्रियों की संख्या को सीमित नहीं करेगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि महामारी के पहले की तरह ही जायरीनों को बिना किसी उम्र सीमा के साथ हज करने की अनुमति होगी. इससे पहले जायरीनों की अधिकतम उम्र सीमा 65 वर्ष निर्धारित थी.