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पंजाब: कांग्रेस राज में मुख्तार अंसारी को मिला VIP ट्रीटमेंट, सरकारी खजाने से 55 लाख खर्च किए

पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार में जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस यहां पंजाब विधानसभा में बजट सत्र को संबोधन कर रहे थे. उन्होंने आरोप लगाया कि अंसारी के खिलाफ 'फर्जी' प्राथमिकी दर्ज की गई, उसके बाद दो साल और तीन महीने तक रूपनगर जेल में रखा गया.

मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि मुख्तार अंसारी को पंजाब की रूपनगर जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया. मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि मुख्तार अंसारी को पंजाब की रूपनगर जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 जून 2022,
  • अपडेटेड 11:17 AM IST
  • मुख्तार के साथ जेल में पत्नी के रहने का भी दावा
  • कांग्रेस ने विरोध किया, कहा- साबित करके दिखाओ

पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने दावा किया है कि यहां कांग्रेस राज में मुख्तार अंसारी की जेल में खूब आवभगत की गई. मुख्तार को पिछली कांग्रेस सरकार ने वीआईपी ट्रीटमेंट दिया और 55 लाख रुपए सुख-सुविधाओं पर खर्च किए. मुख्तार पंजाब की जेल में 2 साल 3 महीने तक बंद रहे. बाद में कोर्ट के आदेश पर मुख्तार को यूपी की बांदा जेल में शिफ्ट किया गया.

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अब पंजाब सरकार में मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि पिछली कांग्रेस सरकार ने गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को राज्य की रूपनगर जेल में 'वीआईपी ट्रीटमेंट' मुहैया कराया. बैंस के दावे के बाद विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा से उनकी तीखी नोकझोंक हो गई. 

मुख्तार के साथ जेल में पत्नी भी रहीं

जेल मंत्री बैंस यहां पंजाब विधानसभा में बजट सत्र को संबोधन कर रहे थे. उन्होंने आरोप लगाया कि अंसारी के खिलाफ 'फर्जी' प्राथमिकी दर्ज की गई, उसके बाद दो साल और तीन महीने तक रूपनगर जेल में रखा गया. उसे (अंसारी) वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया. इतना ही नहीं, मुख्तार के साथ जेल में उसकी पत्नी भी साथ में रहीं. उन्हें फाइव स्टार होटल जैसी सुविधाएं दी गईं.

यूपी सरकार को SC जाना पड़ा

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मंत्री बैंस ने कहा कि ये एक गंभीर मुद्दा है. मैं एक जेल मंत्री हूं और मेरे सामने एक ऐसा मामला आया, जिसमें गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को रूपनगर जेल में दो साल तीन महीने तक जेल में रखा गया था. मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को अंसारी की हिरासत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करना पड़ा.

सरकार ने ही वकील मुहैया करवाए, एक बार की 11 लाख फीस थी

उन्होंने आगे कहा कि तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा वरिष्ठ वकीलों को अंसारी को 'बचाने' के लिए लगाया गया था और मामले में पेश होने के लिए एक वकील की फीस 11 लाख रुपये थी. उन्होंने अधिवक्ताओं की फीस के 55 लाख रुपये के बिल का भी दावा किया. मंत्री ने कहा कि 'हम गैंगस्टर रखने के लिए 55 लाख रुपये का बिल क्यों दें? मैंने मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है.

बाजवा बोले- साबित करके दिखाओ

हालांकि विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने इस मुद्दे को उठाने पर आपत्ति जताई. बाजवा ने बैंस से यह साबित करने के लिए कहा कि अंसारी की पत्नी जेल में रहीं. बाजवा का कहना था कि 'क्या आप साबित कर सकते हैं कि उनकी (अंसारी) पत्नी जेल में रहीं? यदि आप इसे साबित नहीं कर सकते हैं तो आपको इस्तीफा देना होगा.

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कांग्रेस नेता ने स्पीकर से भी पूछा- 'क्या हमें बजट चर्चा से हटकर बात करना चाहिए?' तो फिर हमें गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पर बोलना चाहिए, उसे किस जेल में रखा गया था और तिहाड़ जेल किसके अधीन आता है? 

रंगदारी के मामले में पंजाब की जेल में बंद रहा मुख्तार

बता दें कि मुख्तार अंसारी को बांदा जेल में शिफ्ट करने के लिए पिछले साल अप्रैल में उत्तर प्रदेश पुलिस को हिरासत सौंपी गई थी. अंसारी को पंजाब के रूपनगर जेल में रखा गया था, यहां वह जनवरी 2019 से रंगदारी के एक मामले में बंद था. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को अंसारी की हिरासत उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपने का निर्देश दिया था.

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