
इजरायल के पेगासस (Pegasus) सॉफ्टवेयर के जरिए फोन टैपिंग (Phone Tapping) की रिपोर्ट आने के बाद विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. इजरायल की कंपनी NSO द्वारा बनाए गए स्पाईवेयर द्वारा लगभग 300 भारतीयों के फोन टैप होने की बात कही जा रही है. इस लिस्ट में पत्रकारों और राजनेताओं तक ही नाम सीमित नहीं है.
इस लिस्ट में प्रख्यात वायरोलॉजिस्ट ( Virologist) गगनदीप कांग (Gagandeep Kang ) का भी नाम सामने आया है. कोरोना महामारी के दौरान कांग ने बेबाकी से अपनी बातें रखीं. कोरोना को लेकर भारत सरकार के रवैये पर भी वह मुखर रहीं.
पेगासस के जरिए फोन टैपिंग में गगनदीप कांग का नाम आने के बाद उनसे इंडिया टुडे ने बातचीत की. उन्होंने कहा कि मुझे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं है कि कोई यह क्यों जानना चाहेगा कि मैं क्या करती हूं. मैं डायरिया पर अध्ययन करती हूं जो मेरे ख्याल से काफी महत्वपूर्ण है लेकिन स्वास्थ्य क्षेत्रों में कई और ऐसे लोग हैं जो इसमें रुचि रखते हैं.
उनकी जासूसी किए जाने के कारणों पर कांग कहती हैं, हो सकता है कि इसका संबंध साल 2018 में उनकी तरफ से निपाह वायरस के लिए ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन सहयोग जुटाने से जुड़ा हो. हालांकि, इस दौरान उन्हें कोई मदद नहीं मिली थी.
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इस दौरान वह Translational Health Sciences and Technology Institute (THSTI) के साथ काम कर रही थीं. यह फरीदाबाद का पब्लिक हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट है जो साइंस और टेक्नोलॉजी मंत्रालय के तहत आता है. वह केरल में निपाह वायरस के प्रकोप की प्रतिक्रिया पर काम कर रही थीं और उन्होंने भारतीय स्वास्थ्य अधिकारियों से संक्रमितों के ब्लड सैंपल की मांग की थी, जिससे कि वे भविष्य में इस तरह के किसी भी प्रकोप के खिलाफ वैक्सीन विकसित कर सकें.
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि चिंता करने की जरूरत है या नहीं. मैं कुछ भी विवादित नहीं करती. मैं एक क्लीनिकल साइंटिस्ट हूं और पब्लिक हेल्थ रिसर्च पर काम करती हूं.
बता दें कि गगनदीप कांग लंदन में फेलो ऑफ रॉयल सोसाइटी (FRS) में चुनी जाने वाली पहली भारतीय महिला वैज्ञानिक हैं. वह कालरा और टाइफाइड की वैक्सीन विकिसित करने के काम के लिए भी जानी जाती हैं. कांग का नाम सामने आने के बाद दुनिया भर के वैज्ञानिकों की निजता और डाटा प्रोटक्शन पर भी सवाल उठने लगे हैं.