
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक फ्लोटिंग ब्रिज उद्घाटन के एक दिन बाद ही पानी में समा गया. सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी के एक सांसद ने इस ब्रिज का उद्घाटन किया था. इसके जरिए पर्यटकों को आकर्षित करने की योजना थी. इस पुल का उद्घाटन रविवार को आरके बीच पर किया गया था. राज्य सरकार ने एक बयान में बताया कि पुल का 'T' पॉइंट ब्रिज से अलग हो गया है, जिसको दुरुस्त किया जाएगा.
विशाखापट्टनम की बीच पर सत्ता दल के राज्यसभा सांसद वाईवी सुब्बारेड्डी ने की थी. राहत देने वाली बात यह रही कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ. घटना के दौरान ब्रिज पर कोई भी मौजूद नहीं था. सामने आई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि ब्रिज का एक हिस्सा टूटकर पानी में बह रहा है. इस ब्रिज के निर्माण में 1.6 करोड़ रुपये की लागत आई थी.
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चंद्रबाबू नायडू ने की आलोचना
100 मीटर का पुल 'पर्यटकों को समुद्र में उतरने और समुद्र तट के मनमोहक नजारे के लिए खोला गया था. राज्य के विपक्षी नेता एन चंद्रबाबू नायडू ने 'लोगों की जान जोखिम में डालने' के लिए सरकार की निंदा की.
तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख ने एक्स पोस्ट में कहा, “जगन रेड्डी के सभी विकास उपक्रमों की तरह, यह भी उनके भ्रष्टाचार का बोझ नहीं झेल सका और बर्बाद हो गया. उद्घाटन के कुछ ही घंटों बाद यह तैरता हुआ पुल, जिसे वाईएसआरसीपी सरकार सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए उपयुक्त मान रही थी, ढह गया."
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पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना
राज्य सरकार ने इस पुल को शहर में पर्यटन को बढ़ावा देने की एक पहल बताई थी. जिला कलेक्टर ए मल्लिकार्जुन ने पहले दावा किया था कि पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुल पर प्रशिक्षित कर्मियों की मौजूदगी होगी. उन्होंने दावा किया था कि एक समय में पुल पर आने वाले विजिटर्स की संख्या पर भी एक लिमिट लगाई जाएगी. हालांकि, इस पुल पर विजिटर्स के जाने से पहले ही पुल पानी में समा गया.