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वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है? सरकार ने संसद में दिया जवाब

वोटर आईडी कार्ड यानी मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से लिंक किए जाने की प्रक्रिया को लेकर संसद में भी सवाल हुआ. राज्यसभा में एक लिखित सवाल का सरकार की ओर से कानून मंत्री किरन रिजिजू ने लिखित जवाब दिया.

वोटर कार्ड को आधार से लिंक किए जाने को लेकर सवाल का किरन रिजिजू ने दिया जवाब वोटर कार्ड को आधार से लिंक किए जाने को लेकर सवाल का किरन रिजिजू ने दिया जवाब
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 4:20 PM IST

मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से लिंक किए जाने की चर्चा है. कहा जा रहा है कि इससे एक ही व्यक्ति का नाम एक से अधिक जगह मतदाता सूची में होने के मामलों पर लगाम लग सकेगी. ये मुद्दा संसद में भी उठा. संसद में इससे संबंधित एक सवाल का सरकार की ओर से जवाब भी दिया गया. बजट सत्र के अंतिम दिन प्रश्नकाल के दौरान आधार कार्ड से मतदाता पहचान पत्र यानी वोटर आईडी लिंक किए जाने की प्रक्रिया को लेकर लिखित सवाल किया गया.

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इस सवाल का सरकार की ओर से कानून मंत्री किरन रिजिजू ने लिखित जवाब दिया. किरन रिजिजू ने लिखित जवाब में राज्यसभा को ये जानकारी दी कि वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि इसके लिए तैयारियां चल रही हैं और आधार कार्ड से वोटर आईडी कार्ड को लिंक करने के लिए किसी तरह की कोई टाइमलाइन नहीं निर्धारित की गई है.

कानून मंत्री किरन रिजिजू ने अपने लिखित जवाब में ये भी साफ किया कि जो लोग अपना वोटर आईडी कार्ड, आधार से लिंक नहीं करेंगे उनके नाम भी मतदाता सूची से नहीं काटे जाएंगे. उन्होंने कहा कि वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने की योजना प्रॉसेस ड्रिवेन है. कानून मंत्री ने कहा कि इसके लिए कोई समय सीमा नहीं तय की गई है और ना ही ये प्रक्रिया अभी शुरू ही हुई है.

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उन्होंने ये भी कहा कि आधार नंबर उपलब्ध कराने की समय सीमा भी 31 मार्च 2024 तक बढ़ा दी गई है. गौरतलब है कि रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट 1950 की धारा 23 में सरकार ने इलेक्शन लॉज (अमेंडमेंट) एक्ट 2021 के जरिए संशोधन किया था. इस संशोधन के जरिए ये प्रावधान किया गया कि मतदाता पंजीकरण अधिकारी को अपनी पहचान स्थापित करने के लिए मौजूदा या भावी मतदाता आधार नंबर उपलब्ध करा सकते हैं.

कानून में संशोधन के बाद चुनाव आयोग भी इसे लेकर एक्टिव मोड में आ गया था. चुनाव आयोग ने हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में एक अगस्त 2022 से एक अभियान चलाया था जिसके तहत मौजूदा या भावी मतदाता अपने आधार नंबर स्वैच्छिक आधार पर मतदाता पंजीकरण अधिकारी के जरिए आयोग को उपलब्ध करा सकते थे. 

सरकार ने अब संसद में ये भी साफ किया है कि चुनाव आयोग को अपना आधार नंबर उपलब्ध कराने की समय सीमा भी अब अगले साल यानी 31 मार्च 2024 तक बढ़ा दी गई है. बता दें कि वोटर आईडी कार्ड को आधार से जोड़ने की योजना के पीछे ये तर्क दिया जा रहा है कि इससे एक ही व्यक्ति का नाम एक से अधिक जगह की मतदाता सूची में होने के मामलों पर लगाम लग सकेगी.

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