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Waqf Bill 2024: 'वक्फ बोर्ड पर कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा है', रिजिजू ने 10 प्वाइंट में समझाया क्यों आई बिल लाने की जरूरत

Waqf Amendment Bill 2024: संसद में वक्फ बोर्ड बिल को लेकर सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि क्यों इस वक्फ बोर्ड कानून में संसोधन किए जा रहे हैं. इसके लिए उन्होंने कांग्रेस को भी निशाने पर लिया औऱ कहा कि उनको तो इस बिल का समर्थन करना चाहिए क्योंकि इसमें कई संशोधनों की सिफारिश उनकी सरकार के दौरान की गई थी.

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 5:28 PM IST

Waqf Amendment Bill 2024: मोदी सरकार ने बुधवार को वक्फ बोर्ड एक्ट में बदलाव के लिए संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किया. इस बिल को लेकर संसद में हंगामा देखने को मिला. इस दौरान जहां विपक्ष ने जमकर हंगामा किया तो वहीं सत्तापक्ष की तरफ से अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने विस्तार से बताया कि क्यों इस विधेयक को लाने की जरूरत पड़ी.

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विपक्ष से समर्थन की गुहार लगाते हुए रिजिजू ने कहा कि इस बिल का समर्थन कीजिए, करोड़ों लोगों की दुआ आपको मिलेगी. चंद लोगों ने पूरे वक्फ बोर्ड को कब्जा करके रखा है.और आम मुस्लिम लोगों को जो न्याय इंसाफ नहीं मिला उसे सही करने के लिए यह बिल लाया गया है. यह इतिहास में दर्ज होगा कि इस बिल का कौन-कौन समर्थन किया है और किसने विरोध किया है.

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा, 'सबसे पहले तो मैं इनका नोटिस क्यों स्टे नहीं करते हैं, जो भी प्वाइंट उन्हें ऑब्जेक्ट किया, उसे क्यों एडमिट क्यों नहीं करना चाहिए वो संक्षेप में बताना चाहता हूं. मैं एक-एक प्वाइंट का जवाब दूंगा.' रिजिजू ने समझाया कि क्यों इस कानून को लाने की जरूरत पड़ी. तो आइए 10 प्वाइंट में जानते हैं रिजिजू ने संसद ें क्या कहा-

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1-इस बिल में जो भी प्रावधान हैं, आर्टिकल 25 से लेकर 30 तक, किसी में भी धार्मिक बॉडी में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है. ना ही संविधान के किसी भी अनुच्छेद का इसमें उल्लंघन किया गया है.इसमें हमने जो बदलाव किए हैं किसी का हक छीनना तो छोड़ दीजिए, जिनको हक नहीं मिला है उनको देने के लिए यह बिल लाया गया है. इसमें महिलाओं के लिए, बच्चों के लिए, मुस्लिम समुदाय में जो पिछड़े हैं उनके लिए, जिसको आजतक कभी मौका नहीं मिला उनको जगह देने के लिए यह बिल लाया गया है.

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2- किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष ने जो तर्क दिए हैं इस बिल का विरोध करते हुए, वो स्टैंड नहीं करते. इस बिल में संविधान के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया गया है. ये किसी भी धर्म में दखल नहीं है. किसी का हक छीनने के लिए नहीं, जिनको दबाकर रखा गया उनको जगह देने के लिए ये बिल लाया गया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय का भी जिक्र किया और ये भी कहा कि ये कॉन्क्रीट में है. भारत सरकार को बिल लाने का अधिकार है.

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3- सबके प्वाइंट मैंने नोट किए. मैं बारी-बारी से कहना चाहता हूं कि कि यह वक्फ अमेंडमेंट बिल पहली बार सदन में पेश नहीं किया जा रहा है. अंग्रेजों के जमाने से लेकर, आजादी के बाद सबसे पहले ये एक्ट लाया गया है 1954 में, उसके बाद कई कई अमेंडमेंट हुए हैं. जो अमेंडमेंट हम लाने जा रहे हैं सदन में, वो वक्फ एक्ट 1995 जिसको 2013 में अमेंडमेंट लाकर करके, इस पूरे वक्फ के परपज और इंटेशन और जिसमें लोगों को उम्मीद थी कि कुछ बेहतर होगा उसे उलटा करके 2013 में ऐसा प्रावधान डाला गया जिसकी वजह से आज हम अमेंडमेंट लाए हैं.

4- 1995 में जो भी प्रावधान लाए गए थे, उसका कई लोगों ने अलग-अलग अससमेंट किया है. कई कमेटियों और लोगों ने उसका अध्ययन किया है. पता चला कि जिस परपज के लिए बिल लाया गया था वो उद्देश्य सफल नहीं हुए और कई गलतियां उसमें पाई गई हैं. मैं आज इस सदन में कहना चाहता हूं कि कि आप लोगों (कांग्रेस) ने जो भी कदम उठाया है, जो आप नहीं कर पाए उसी को पूरा करने हम ये संशोधन कर रहे हैं.

5- रिजिजू ने व्यक्तिगत केस बताए और कहा कि बोहरा समाज का एक केस है. मुंबई में एक ट्रस्ट है, उसे हाईकोर्ट ने सेटल कर दिया था. दाऊद इब्राहिम के आसपास ही रहते हैं. एशिया के लार्जेस्ट स्कीम को उसी जगह लॉन्च किया गया है. किसी आदमी ने उसी प्रॉपर्टी को वक्फ बोर्ड में शिकायत कर दी और वक्फ बोर्ड ने उसे नोटिफाई कर दिया. जो आदमी न उस शहर में है, न उस राज्य में है, वक्फ बोर्ड के माध्यम से एक प्रोजेक्ट को डिस्टर्ब कर दिया. तमिलनाडु में तिरुचिरापल्ली जिले में 1500 साल पुराने सुंदरेश्वर टेंपल था. वहां गांव में जब आदमी 1.2 एकड़ प्रॉपर्टी बेचने गया तो उसे बताया गया कि ये वक्फ की जमीन है. पूरे गांव को वक्फ प्रॉपर्टी डिक्लेयर कर दिया गया है. म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन की जमीन को वक्फ प्रॉपर्टी डिक्लेयर कर दिया गया. कर्नाटक माइनॉरिटी कमीशन की रिपोर्ट में 2012 में कहा गया कि वक्फ बोर्ड ने 29 हजार एकड़ जमीन को कमर्शियल प्रॉपर्टी में कन्वर्ट कर दिया गया. इतनी मनमानी कर रहे थे. आंखों के सामने इतना बड़ा घपला हो रहा है. डॉक्टर बारिया बुशरा फातिमा का केस, लखनऊ का है. वो महिला बच्चे के साथ किस मुश्किल हालात में जी रही हैं. जो प्रॉपर्टी इनके पिताजी गुजर जाएंगे तो उनको और उनके बच्चे को नहीं मिलेगी. अखिलेश जी आप मुख्यमंत्री थे, किसी ने आपको नहीं बताया. धर्म की नजर से नहीं, इंसाफ के नजरिये से देखिए. इल्जाम लगाकर के भागने की कोशिश मत करो.

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6- 1976 में वक्फ इन्क्वायरी रिपोर्ट पेश की गई थी. इस रिपोर्ट में जो बड़ी रिकमडेशन आई है वो बताता हूं, रिपोर्ट में कहा गया है कि सारा वक्फ बोर्ड मुतावलिस के कब्जे में चले गए हैं. उसको डिसिप्लेन करने के लिए प्रॉपर कदम उठाए जाने चाहिए. आपस में  जो मतभेद हैं उनको सॉल्व करने के लिए ट्राइब्यूनल होना चाहिए.  उसमें कहा गया है कि वक्फ बोर्ड में ऑडिट और अकाउंट्स का सिस्टम प्रॉपर नहीं है, उसका पूरा प्रबंधन होना चाहिए. उसमें सुधारों की वकालत की गई है. 

7-कांग्रेस के समय दो कमेटी बनाई गई थी जिसमें जस्टिस राजेंद्र सच्चर के नेतृत्व में 2005 में गठित की गई थी. ये विशेष रूप से  मुस्लिमों के लिए, उनके वेलफेयर के लिए गठित की गई है. रिपोर्ट के बारे में सबको पता है.

8-सच्चर कमेटी का जो पहला रिकमडेशन है, इसमें पहला वार्षिक वाय से जितना वक्फ की प्रॉपर्टी से है,  4.9 लाख रजिस्टर्ड वक्फ प्रॉपर्टीज से सिर्फ 100.63 करोड़ ही आमदनी जनरेट होती है. ये किसी भी रूप से जस्टिफाई नहीं किया जाता है. इसके मार्केट के तरीके से मैनेज होना चाहिए.जिस समय उन्होंने सिफारिश की थी उस समय 12000 करोड़ रुपये साल के मिलते थे. यानि इसकी मार्केट वैल्यू कहीं अधिक होने की संभावना है.दूसरी सिफारिश सच्चर कमेटी की यह थी कि जो वक्फ बोर्ड में सदस्य हैं वो काफी नहीं हैं उसमें ज्यादा सदस्य होने चाहिए. इसमें दो महिला होने चाहिए, ये भी सिफारिश थी. इसमें संयुक्त सचिव स्तर का अधिकारी भी होना चाहिए. हम जो बिल पेश कर रहे हैं वो उसी सच्चर कमेटी के हिसाब का बिल है.

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9- आज आपको (विपक्ष) हमें शाबाशी देनी चाहिए. ये राजनीतिक दबाव में विरोध कर रहे हैं, अंदर ही अंदर सबलोग सजेशन दे रहे हैं. इस बिल पर जिनता सलाह पिछले 10 सालों में किया गया है, इतना किसी अन्य सरकार ने कभी नहीं किया है. जो संविधान का हवाला देकर, बिल के उद्देश्य को मिसलीड करना चाहते हैं. कल रात तक मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल मेरे पास आए...कई सांसदों ने मुझे बताया है कि माफिया ने वक्फ बोर्डों पर कब्जा कर लिया है. कुछ सांसदों ने कहा है कि वे व्यक्तिगत रूप से इस विधेयक का समर्थन करते हैं, लेकिन अपनी राजनीतिक पार्टियों के कारण ऐसा नहीं कह सकते.

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10- हमने 2014 के बाद हजारो-लाखों लोगों से कंसल्टेशन किया है. पिछले एक साल में ही ऑनलाइन कंप्लेन 194 और 93 कंप्लेन वक्फ से संबंधित हमारे ऑनलाइन पोर्टल में आया है. कल देर रात तक मेरे पास मुसलमानों का डेलिगेशन आते रहा, हमसे पहले भी कई लोग आते रहे हैं. ये मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं. एक कम्युनिटी अगर डॉमिनेशन करके छोटे-छोटे लोगों को कुचल देंगे तो हम कैसे चुप बैठ सकते हैं. ये चंद लोगों की आवाज यहां बुलंद कर रहे हैं. 2015 के बाद एक्टिव कंसल्टेशन का प्रॉसेस शुरू हुआ है. ये मत सोचिए कि अचानक 2024 में बिल लेकर आए हैं. अहमदिया, बोहरा, आगाखानी, पसमंदा से लेकर राज्यों के वक्फ बोर्ड के चेयरमैन, सीईओ, सबसे बात किया है. पटना में, दिल्ली में, श्रीनगर में कंसल्टेशन कम बैठक हुआ. रिजिजू ने दिल्ली से लेकर पटना और मुंबई में कंसल्टेशन की डिटेल तारीख के साथ सदन में बताई और कहा कि जो हालिया कंसल्टेशन हुए हैं, इसमें आम मुसलमानों के साथ चर्चा हुई. 2023 में मुंबई में आम आदमी के साथ ही अधिकारियों की बैठक हुई और क्या क्या कदम उठाए जाने चाहिए, उसे लेकर सुझाव आए. लखनऊ में भी बहुत बड़े स्तर पर बात हुई, वक्फ की प्रॉपर्टी को लेकर भी चर्चा हुई और रिकंमेडेशन आया कि वक्फ में सुधार की जरूरत है. 

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