
विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने रविवार को कहा कि गुजरात के गांधीनगर में 'कंट्रोल एंड कमांड सेंटर', जिसे 'विद्या समीक्षा केंद्र' भी कहा जाता है, को न केवल देश के अन्य हिस्सों में बल्कि दुनिया भर में एक लीडरशिप मॉडल के रूप में दोहराने की जरूरत है. बंगा ने संयुक्त राज्य अमेरिका के ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन के साथ केंद्र का दौरा किया, जो पूरे गुजरात में 11.5 मिलियन छात्रों, लगभग पांच लाख शिक्षकों और 50,000 स्कूलों के शैक्षणिक और प्रशासनिक डेटा को इकट्ठा और विश्लेषण करता है.
सचिव येलेन ने कहा कि गरीबी के चक्र को तोड़ने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है,
'शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी'
मंत्री येलेन ने कहा कि गरीबी के चक्र को तोड़ने और सतत विकास को बढ़ावा देने में शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि दूसरे साझेदारों के साथ विश्व बैंक की भूमिका इसमें सराहनीय है, जहां स्मार्ट नतीजों से तैयार की गई परियोजनाओं के माध्यम से अधिक नवाचारों को प्रेरित किया जा सकता हैं.
बंगा ने पत्रकारों को बताया, "सबसे प्रभावी तरीका उन अच्छे विचारों को अपनाना है जो अच्छे काम करते हैं उन्हें फिर से दोहराना है. मैं उत्सुक हूं कि इस तरह के विचारों को पूरे देश में फैलाया जाए, और यह बेशक देश के साथ हमारे साझेदारी की जरूरत होती है. लेकिन मैं इसे देश के बाहर ले जाने और यहां से नेतृत्व के आदर्श के रूप में दिखाने में भी उत्सुक हूँ," बंगा ने कहा कि इस केंद्र को एक उदाहरण के रूप में हाइलाइट किया जा सकता है कि एक देश में जहां एक बड़ी युवा जनसंख्या है, उसका विकास कैसे किया जा सकता है.
'नियंत्रण और कमांड सेंटर एक अच्छा विचार'
बंगा ने कहा कि भारत में किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक युवा हैं और अगर उन्हें अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, हवा और पानी मिले तो उन्हें इसका जनसांख्यिकीय लाभ मिलेगा. बंगा ने कहा कि वह कुछ दिनों में नई दिल्ली का दौरा करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान उन्हें बताएंगे कि उन्हें लगता है कि यह नियंत्रण और कमांड सेंटर एक अच्छा विचार है जिसे भारत और विदेशों में अन्य स्थानों पर भी स्थापित किया जा सकता है.
एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए येलेन ने कहा कि इस कार्यक्रम की सफलता ने सरकार को इसे अन्य राज्यों में दोहराने के लिए प्रेरित किया है. दोनों नेताओं ने केंद्र की कार्यप्रणाली को समझा और कर्मचारियों, लाभार्थी छात्रों और अभिभावकों के साथ-साथ शिक्षकों से बातचीत की. उन्होंने बच्चों से प्रश्न पूछे, जिनमें से कई ने गणमान्य व्यक्तियों के बचपन, पसंद-नापसंद आदि के बारे में जानना चाहा.
उपस्थिति बढ़ाने, स्कूलों में भीड़भाड़ कम करने और छात्र-शिक्षक अनुपात में सुधार के लिए केंद्र सरकार द्वारा 'विद्या समीक्षा केंद्र' परियोजना की सराहना की गई है. केंद्र सरकार इस परियोजना की सफलता को अन्य राज्यों में दोहराने की योजना बना रही है, जिसे विश्व बैंक और गुजरात सरकार सहित भागीदारों द्वारा सह-वित्तपोषित किया गया है.