
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के कारण नौकरियां जाने के डर को दूर करते हुए कर्नाटक के आईटी और बायोटेक्नोलॉजी मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि तकनीकी विकास नौकरियां खत्म करने की बजाय नए अवसर पैदा करता है.
इंडिया टुडे-बिजनेस टुडे AI कॉन्फ्रेंस 2024 में 'इंडिया का AI लीप: फ्यूचर परफेक्ट?' विषय पर बोलते हुए खड़गे ने कहा, 'हम AI, साइबर सुरक्षा, डेटा एनालिटिक्स, बायोमैन्युफैक्चरिंग, बायोमैकेनिक्स जैसे उभरते क्षेत्रों में फ्यूचर के लिए तैयार हैं. न केवल कर्नाटक, बल्कि पूरी दुनिया के लिए सबसे बेहतर प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार करेंगे.'
उन्होंने बताया कि जैसे कंप्यूटर के आने पर नौकरियां खत्म होने की आशंका जताई गई थी, उसी तरह AI को लेकर भी डर फैलाया जा रहा है. लेकिन कंप्यूटर ने नई नौकरियां दीं और AI भी ऐसा ही करेगा.
निपुण कर्नाटक से बढ़ेगा रोजगार
मंत्री ने बताया कि 2027 तक कर्नाटक में उभरती तकनीकों के क्षेत्र में 1.25 लाख कुशल पेशेवरों की आवश्यकता होगी. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने 'निपुण कर्नाटक' लॉन्च किया है. यह देश का सबसे बड़ा रीस्किलिंग प्रोग्राम है, जिसका उद्देश्य है 'स्थानीय कौशल, वैश्विक रोजगार'.
प्रियांक खड़गे ने कर्नाटक की प्रगतिशील नीतियों पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, 'हमने भारत की पहली डेटा सेंटर नीति, आईटी नीति, बीटी नीति, एवीजीसी नीति, और इंजीनियरिंग एवं रिसर्च डेवलपमेंट नीति तैयार की है.' ये नीतियां उद्योग और शैक्षणिक भागीदारों के साथ मिलकर बनाई गई हैं.
राज्य-केंद्र के बीच बेहतर सहयोग की जरूरत
तकनीकी नियमन को लेकर उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों को मिलकर काम करना चाहिए. खड़गे ने कहा, 'AI के रेगुलेटरी आर्किटेक्चर के लिए केंद्र और राज्यों के बीच ज्यादा सहयोग की जरूरत है. राज्यों की टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम दिल्ली से कहीं आगे है. अगर दोनों मिलकर काम करेंगे, तो इसका फायदा पूरे देश को होगा.'