
MONSOON forecast: इस साल देश में मॉनसून का मिजाज कैसा रहेगा, इसको लेकर स्काई मेट वेदर (Skymet Weather Forecast) ने एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के अनुसार आगामी मानूसन 'सामान्य' रहेगा. हर साल स्काई मेट मॉनूसन को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी करता है.
हर साल मॉनूसन के आगमन, तीव्रता, अवधि और निकासी में बड़े अंतर पर उतार-चढ़ाव होते हैं. पिछले 2 मॉनूसन सीज़न एक के बाद एक होने वाली ला नीना (La Nina) घटनाओं से प्रेरित रहे हैं. जो अब कम होने लगे हैं. इसका मतलब यह भी है कि मानूसन 2022 एक परिवर्तनशील ला नीना होने जा रहा है जो बाद में तटस्थ होकर शुरू होगा. ला नीना एक जलवायु पैटर्न है जो पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में सतही जल के असामान्य रूप से तापन की स्थिति को दर्शाता है.
स्काईमेट वेदर के एवीएम मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन अध्यक्ष जीपी शर्मा के अनुसार, "2020 और 2021 के दौरान एक के बाद एक ला नीना का अवलोकन करने के बाद, सांख्यिकीय रूप से ऐसी एक और घटना होने की संभावना बहुत कम है. मध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में समुद्र की सतह का तापमान जल्द ही बढ़ने की संभावना है. जिससे ला नीना के जारी रहने की संभावना कम हो जाएगी. हालांकि, आगामी 'स्प्रिंग बैरियर' के दौरान ENSO की सम्भावना भी कम हो जाती है."
जीपी शर्मा ने कहा, "मॉनूसन ट्रफ दक्षिण उष्णकटिबंधीय हिंद महासागर के ऊपर है, जिसके चलते आईओडी की घटनाएं आम तौर पर अप्रैल तक नहीं बन पाती हैं. इसके उत्तरार्ध में 'हिंद महासागर द्विध्रुव' की विश्वसनीय प्रवृत्तियाँ उभरती हैं. शुरुआती संकेत इसे 'तटस्थ' होने का सुझाव देते हैं लेकिन इसका झुकाव नकारात्मक सीमा के करीब बना हुआ है. IOD-ENSO की परिस्थितियां भारतीय ग्रीष्मकालीन मानूसन 2022 को पूरी तरह प्रभावित करेंगी."
ये भी पढ़ें -